स्वतंत्रता सेनानी की धर्मपत्नी हरबंस कौर का हार्ट अटैक से निधन

राजकीय सम्मान के साथ किया गया हरबंस कौर का अंतिम संस्कार
एसडीएम सत्यवान मान ने पुष्पचक्र अर्पित करके दी दिवंगत को श्रृद्धांजलि 
पुलिस की गार्द ने शस्त्र झुकाकर दी श्रद्धांजलि

एस• के• मित्तल     
सफीदों,         उपमंडल के गांव धर्मगढ़ बोहली के स्वतंत्रता सेनानी स्व. पाला सिंह की धर्मपत्नी हरबंस कौर (85) का मंगलवार को हार्ट अटैक आने से निधन हो गया। उनके निधन से गांव ही नहीं समूचे सफीदों इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। उनके निधन की सूचना पाकर सफीदों के एसडीएम सत्यवान मान, गांव के सरपंच अजीतपाल सिंह चट्ठा व जिला सैनिक बोर्ड से कैप्टन रमेश चंद्र, मोहन लाल व सतबीर सिंह मौके पर पहुंचे।
इसके अलावा पुलिस लाईन जींद से सब इंस्पेक्टर राममेहर ढांढा के नेतृत्व में पुलिस की एक टुकड़ी ने गांव में पहुंची और मातमी धून बजाकर, शस्त्र झुकाकर व फायर करके उनका श्रद्धांजलि अर्पित की। हरबंस कौर की पार्थिव देह को तिरंगे से लपेटकर उन्हे पूरा राजकीय मान-सम्मान दिया गया। वहीं एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने हरबंस कौर की पार्थिव देह पर पुष्पचक्र अर्पित करके उन्हे प्रशासन की ओर से श्रृद्धाजंलि अर्पित की। परिवार के लोगों ने अरदास के बाद हरबंस कौर को मुखाग्रि दी। अपने संबोधन में एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने कहा कि देश के स्वतंत्रता आंदोलन में स्वतंत्रता सेनानी स्व. पाला सिंह व उनके परिवार ने अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शहीदों व स्वतंत्रता सेनानियों के बलिदान की बदौलत ही आज हम आजादी की खुली हवा में हम सांस ले रहे हैं। इस परिवार के योगदान को हमेशा याद रखा जायेगा और इस परिवार के साथ सफीदों प्रशासन हर समय साथ खड़ा है।
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बचपन में ही जेल में रहे थे स्वतंत्रता सेनानी पाला सिंह
उपमंडल सफीदों के गांव धर्मगढ़ बोहली निवासी स्वतंत्रता सेनानी स्व. पाला सिंह आजाद हिंद फौज के सिपाही थे। उनके पिता सरदार अमर सिंह ने सन 1925 में अकाली लहर के दौरान नेताजी सुभाष चंद्र बोस के नेतृत्व में आजाद हिंद फौज शामिल हुए थे। अंग्रेजों को उनकी नीली पगड़ी से बड़ी ईष्र्या थी। अंग्रेजों ने सरदार अमर सिंह को अपनी नीली पगड़ी उतारने के लिए कहा था और उन्हे 5 एकड़ जमीन देने की पेशकश की। अमर सिंह ने उस 25 एकड़ जमीन ऑफर को ठोकर मारकर जेल जाना उचित समझा।

अंग्रेजों ने उन्हे पाकिस्तान की एक जेल में डाल दिया। उसी दौरान उनकी पत्नी का निधन हो गया। उस वक्त उनके बेटे सरदार पाला सिंह छोटे थे और उन्हे उनके पिता सरदार अमर सिंह के पास जेल में भेज दिया गया। अपने पिता के साथ-साथ सरदार पाला सिंह ने भी अंग्रेजी शासन की भारी प्रताडऩा सही। जब सरदार पाला सिंह जेल से बाहर आए तो वे आजाद हिंद फौज में शामिल हो गए। इसी दौरान वे अस्थमा के गंभीर रोग से ग्रस्त हो गए। जेल में रहने के कारण उनका सबकुछ बिक गया और परिवार गरीबी के आगोश में आ गया। पाला सिंह अपने पीछे अपनी पत्नी हरबंस कौर, चार बेटों व एक बेटी को छोड़कर गए थे। अब उनकी पत्नी हरबंस का मंगलवार को निधन हो गया।
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परिवार को है सहायता की जरूरत: सरपंच अजीतपाल सिंह चट्ठा 
गांव के सरपंच अजीतपाल सिंह चट्ठा ने बताया कि स्वतंत्रता सेनानी सरदार पाला सिंह मेहनती किसान थे। आजादी की लड़ाई लडऩे व जेल में रहने के कारण उनका सबकुछ चला गया और परिवार काफी मुश्किलों में आ गया। आज उनकी पत्नी हरबंस कौर का भी निधन हो गया है। इस परिवार को ना तो गांव और ना ही प्रशासन ने संभाला। जिसके कारण इस परिवार की हालत काफी पतली होती चली गई।

अगर गांव व प्रशासन इस परिवार का साथ देते तो उनकी आज यह हालत ना होती। इस परिवार को सरकारी मदद की भारी आवश्यकता है। सरपंच अजीतपाल सिंह चट्ठा ने सरकार व प्रशासन से मांग की कि इस परिवार को आर्थिक मदद व बच्चों को सरकारी नौकरी दी जाए। अगर सरकार, प्रशासन व गांव के लोग इस परिवार को मदद प्रदान करते है तो यह इन स्वतंत्रता सेनानियों को सच्ची श्रद्धांजलि होगी।

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