शराब नीति केस में ED की 17वीं गिरफ्तारी: गोवा चुनाव में AAP का फंड मैनेज करने वाले को पकड़ा; रिश्वत के 45 करोड़ रुपए इलेक्शन में इस्तेमाल किए थे

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नई दिल्लीकुछ ही क्षण पहले

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शराब नीति केस से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले की जांच कर रही ED ने एक और आरोपी को अरेस्ट किया है। जिनकी पहचान चनप्रीत सिंह के रूप में हुई है। चनप्रीत ने 2022 गोवा इलेक्शन में आम आदमी पार्टी का फंड मैनेज किया था।

एजेंसी के सूत्रों के मुताबिक, चनप्रीत को 12 अप्रैल को हिरासत में लिया गया था और अगले दिन उसे कोर्ट में पेश किया गया था। कोर्ट ने चन्रपीत को 18 अप्रैल तक ईडी की हिरासत में भेज दिया है।

ईडी द्वारा इस मामले में यह 17वीं गिरफ्तारी है। दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, उनकी पार्टी के सहयोगी और पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया, BRS नेता के कविता और कई शराब बिजनेसमैन को पहले गिरफ्तार किया जा चुका है।

शराब नीति केस में ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था।

शराब नीति केस में ED ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था।

चनप्रीत सिंह को पहले CBI ने गिरफ्तार किया था
चनप्रीत सिंह को पहले इसी मामले में CBI ने गिरफ्तार किया था। शराब नीति केस में मनी लॉन्ड्रिंग का मामला CBI की FIR के बाद सामने आया था।

ईडी ने अपने आधिकारिक दस्तावेजों के माध्यम से अदालत को सूचित किया है कि चनप्रीत सिंह ने 2022 के गोवा इलेक्शन में कैंपेनिंग के लिए पार्टी फंड का इस्तेमाल किया।

रिश्वत के पैसे से इलेक्शन कैंपेनिंग का आरोप
एजेंसी का आरोप है कि साउथ ग्रुप – जिसमें के कविता, ओंगोल लोकसभा सीट से टीडीपी उम्मीदवार मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी, उनके बेटे राघव मगुंटा, बिजनेसमैन सरथ चंद्र रेड्डी और अन्य शामिल हैं। इन लोगों ने दिल्ली में शराब के लाइसेंस के लिए आम आदमी पार्टी को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत दी।

ईडी ने दावा किया है कि रिश्वत के इन पैसों में से 45 करोड़ रुपये का इस्तेमाल आप ने अपने गोवा चुनाव अभियान के दौरान किया था।

कैसे सामने आया चनप्रीत सिंह का नाम
जांच एजेंसी ED के मुताबिक, गोवा में आम आदमी पार्टी के लिए सर्वे वर्कर्स, एरिया मैनेजिंग और असेंबली मैनेजिंग का काम देखने वालों ने चनप्रीत सिंह का नाम लिया। इन लोगों को चनप्रीत ने ही पैसे दिए थे।

ईडी ने बताया कि, काफी पैसे चैरियट प्रोडक्शंस मीडिया प्राइवेट लिमिटेड के कर्मचारियों को भी बांटे गए थे। चैरियट प्रोडक्शंस वह कंपनी थी जिसे आप ने गोवा चुनाव अभियान के लिए नियुक्त किया था। इस मामले में कंपनी के डायरेक्टर राजेश जोशी को पिछले साल ED ने गिरफ्तार किया था।

ट्रायल कोर्ट ने केजरीवाल की कस्टडी 23 अप्रैल तक बढ़ाई
शराब नीति घोटाले में तिहाड़ जेल में बंद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को सुप्रीम कोर्ट से भी राहत नहीं मिली। जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस दीपांकर दत्ता की बेंच ने रविवार को कहा कि हम मामले की सुनवाई इस महीने (अप्रैल) के आखिरी हफ्ते में करेंगे। उधर, राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है।

केजरीवाल की ओर से अभिषेक मनु सिंघवी और ED की ओर से सॉलिसिटर जनरल ने दलीलें रखीं। सिंघवी ने कोर्ट से कहा, ‘मैं कुछ चौंकाने वाले फैक्ट्स आपके सामने रखना चाहता हूं।’ इस पर कोर्ट ने कहा कि हमें नोटिस जारी करने दीजिए।

सिंघवी ने कहा- सुनवाई की तारीख पास रखिएगा, हो सके तो इस शुक्रवार। इस पर कोर्ट ने कहा- हम आपको करीब की तारीख दे सकते हैं, लेकिन वो तारीख नहीं जो आपने सुझाई है। सिंघवी ने कहा कि गिरफ्तारी केवल इसलिए थी, ताकि केजरीवाल चुनाव प्रचार ना कर पाएं। कोर्ट ने कहा- हम इस महीने के आखिरी हफ्ते में सुनवाई करेंगे।

वहीं, राउज एवेन्यू कोर्ट ने केजरीवाल की न्यायिक हिरासत 23 अप्रैल तक बढ़ा दी है। यानी वे 23 अप्रैल तक तिहाड़ में ही रहेंगे। कोर्ट ने केजरीवाल को 1 अप्रैल से 15 अप्रैल तक के लिए ज्यूडिशियल कस्टडी में भेजा था। केजरीवाल​​​​​​ को तिहाड़ जेल में 2 नंबर बैरक में रखा गया है।

ED ने शराब नीति केस में केजरीवाल को 21 मार्च को अरेस्ट किया था। 22 मार्च को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेशी हुई। जहां से उन्हें 28 मार्च तक ED की रिमांड पर भेजा गया। रिमांड बाद में 1 अप्रैल तक बढ़ाई गई।

कोर्ट रूम LIVE…

सिंघवी: मैं कुछ फैक्ट्स सामने रखना चाहता हूं, जो कोर्ट को चौंका देंगे।

जस्टिस खन्ना: हमें नोटिस जारी करने दीजिए।

सिंघवी: तारीख थोड़ी पास रखिएगा, इस शुक्रवार!

जस्टिस खन्ना: हम आपको करीब की तारीख दे सकते हैं, लेकिन वो तारीख नहीं जो आपने सुझाई है।

सिंघवी: हम केवल यह कह रहे हैं कि यह गिरफ्तारी सामान्य नहीं है। केजरीवाल का नाम ECIR या चार्जशीट में नहीं हैं। 15 बयान हैं। गिरफ्तारी केवल इसलिए थी, ताकि केजरीवाल चुनाव प्रचार ना कर पाएं।

सॉलिसिटर जनरल: हम इस दलील का विरोध करते हैं।

जस्टिस खन्ना: 29 अप्रैल से शुरू हो रहे हफ्ते में सुनवाई करेंगे।

सिंघवी: और जल्दी सुनवाई की अपील है।

जस्टिस खन्ना: जितनी जल्दी सुनवाई कर सकते हैं, उस दिन की तारीख आपको दी है।

ED ने 21 मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

ED ने 21 मार्च को सीएम अरविंद केजरीवाल को गिरफ्तार किया था।

9 अप्रैल को हाईकोर्ट ने कहा था- अरेस्ट सही, ED ने पर्याप्त सबूत दिए
केजरीवाल ने अपनी गिरफ्तारी और उसके बाद जांच एजेंसी की हिरासत में भेजे जाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी। हाईकोर्ट ने 9 अप्रैल को उनकी याचिका खारिज कर दी थी।

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा था कि केजरीवाल बार-बार समन भेजने के बावजूद जांच में शामिल नहीं हुए। इसलिए ED के पास उन्हें गिरफ्तार करने का ही विकल्प बचा था। ED ने हमारे सामने पर्याप्त सबूत पेश किए हैं। हमने बयानों को देखा, जो बताते हैं कि गोवा के चुनाव के लिए शराब घोटाले का पैसा भेजा गया था।

केजरीवाल ने कहा था कि ED के पास पिछले 9 महीने से ऐसे बयान थे। इसके बावजूद उन्हें लोकसभा चुनाव से ठीक पहले अवैध रूप से गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने कहा कि गिरफ्तारी और रिमांड की जांच कानून के हिसाब से होगी ना कि चुनाव की टाइमिंग को देखकर। हाईकोर्ट के फैसले के एक दिन बाद 10 अप्रैल को केजरीवाल सुप्रीम कोर्ट पहुंचे थे।

सिसोदिया इसी मामले में जेल में, संजय सिंह जमानत पर
केजरीवाल से पहले शराब नीति केस में AAP नेता मनीष सिसोदिया और संजय सिंह की भी गिरफ्तारी हुई थी। सिसोदिया 26 फरवरी 2023 से जेल में बंद हैं। संजय सिंह को ED ने 4 अक्टूबर 2023 को गिरफ्तार किया था। इसी महीने 2 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें जमानत दे दी थी। तिहाड़ में छह महीने रहने के बाद 3 अप्रैल को वो बाहर आए थे।

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