सीआईए टीम को देखकर युवक जोहड़ में कूदे, एक की मौत

ग्रामीणों ने सीआईए के एक कर्मी को बनाया बंधक
युवक की मौत से ग्रामीणों में पनपा भारी रोष
पुलिस के खिलाफ हो हत्या का मामला दर्ज: ग्रामीण

एस• के • मित्तल 
सफीदों,         उपमंडल के गांव खेड़ा खेमावती में सीआईए टीम को देख्खकर कुछ युवक जोहड़ में कूद गए, जिनमें से युवक की मौत हो गई। युवकों के जोहड़ में कूदने के बाद घबराए सीआईए टीम के सदस्य वापिस भाग गए लेकिन ग्रामीणों ने सीआईए के एक कर्मचारी को बंधक बना लिया। मामले की सूचना सफीदों पुलिस को मिली तो मौके पर डीएसपी आशिष कुमार, सदर थाना प्रभारी धर्मबीर सिंह व सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। ग्रामीणों ने पुलिस के समक्ष सीआईए टीम के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज करने की मांग की।
मिली जानकारी के अनुसार सीआईए स्टाफ सफीदों गांव खेड़ा खेमावती में सट्टा खेलने की सूचना पर रेड पर गई थी। बताया जाता है कि मौके पर तीन-चार लड़के ताश खेल रहे थे। ये युवक पुलिस पार्टी को देखकर साथ लगते तालाब (जोहड़) में कूद गए। बताया जाता है कि युवकों को तैरना नहीं आता था। मौके पर भारी तादाद में ग्रामीण एकत्रित हो गए। ग्रामीण तीन युवकों को तो सुरक्षित निकलने में कामयाब हो गए जबकि गोबिंद (25) तालाब की गहराई में समां गया। ग्रामीणों ने किसी तरह से उसको निकालकर सफीदों के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया जहां पर डाक्टरों ने उसे मृत्त घोषित कर दिया।
हालातों को बिगड़ता देख पुलिसकर्मी वहां से खिसक गए जबकि चालक सिपाही सुरेंद्र को ग्रामीणों ने बंधक बना लिया। ग्रामीणों को जब गोबिंद की मौत की सूचना मिली तो उनका गुस्सा फूट पड़ा। काफी संख्या में ग्रामीण जींद-सफीदों मार्ग पर एकत्रित हो गए। ग्रामीणों के बिफरने की सूचना पाकर डीएसपी आशीष, सदर थाना सफीदों प्रभारी धर्मबीर व सिटी थाना प्रभारी सुरेश कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंच गए और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश की। मृतक के परिजनों ने छापेमारी करने पहुंचे सीआईए स्टाफ कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा दर्ज करके गिरफ्तार करने व मृतक परिवार को आर्थिक सहायता देने की मांग की।
ग्रामीणों व परिजनों ने साफ किया कि जब तक आरोपियों के खिलाफ हत्या का मुकद्दमा नहीं दर्ज कर लिया जाता तब तक वे मानने वाले नहीं है और वे सफीदों-असंध मार्ग को जाम कर देंगे। उन्होंने साफ किया कि जब तक उनके हाथ में एफआईआर की कॉपी नहीं आएगी तब तक वे बंधक पुलिसकर्मी को नहीं छोड़ेंगे। समाचार लिखे जाने तक अधिकारी मौके पर बने हुए थे और ग्रामीणों को समझाने की कोशिश कर रहे थे और गांव में तनाव की स्थिति बनी हुई थी।

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