विद्या पर परस्पर हक प्रोजेक्ट का शुभारम्भ: सीजेएम रेखा

एस• के• मित्तल 
जींद,      हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण ज्यूविनाईल /किशोरी एवं जरूसमन्द बच्चों जोकि विभिन्न ओवर्जवेशन होम, शेल्टर होम्स एवं चाईल्ड केयर संस्थान में रह रहे हैं को न्याय दिलवाने के लिए सदैव तत्पर है। इस प्रकार के सभी बच्चों को सम्पूर्ण न्याय मिले इसके लिए हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष एवं पजाब व हरियाणा उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति श्री ए. जी. मसीह के द्वारा विद्या पर परस्पर हक प्रोजेक्ट को आरम्भ किया गया है
जिसमें इन संस्थाओ में रह रहे बच्चों को पाठ्य सामग्री एवं पुस्तके इत्यादि डोनेशन के माध्यम से प्रदान करने का प्रावधान किया जायेगा।
इस बात की जानकारी देते हुए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की सचिव एवं मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी सुश्री रेखा ने बताया कि जो भी बच्चे -चाइल्ड केयर संस्थान में रह रहे है वह मुफ्त कानूनी सहायता के पात्र है एवं हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण इन बच्चों के न्याय के हक को दिलवाने के लिए तत्परता से कार्य कर रहा है। प्राधिकरण सचिव ने बताया कि प्रोजेक्ट विद्या का परस्पर हक के बारे में हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण से व्यापक दिशा-निर्देश प्राप्त हुए हैं ताकि ऐसे बच्चों के शिक्षण सम्बन्धी जरूरतों को पूरा किया जा सके। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा एक गूगल लिंक https://forms.gle/rDNYaE7snD5tFQ6z7 जारी किया गया है जो भी व्यक्ति पुस्तकें, कापियां, ड्रॉईंग मैटीरियल वैगराह डोनेट करना चाहे उसे इस लिंक पर रजिस्टर करना होगा
और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण स्वयं उस व्यक्ति की सुविधा अनुसार यह सामग्री एकत्रित करेगा।  इस प्रकार की सामग्री का सम्पूर्ण रिकार्ड रखा जायेगा। यह सामग्री बाल केयर संस्थान में रह रहे बच्चों के प्रयोग हेतु प्रदान की जायेगी । यदि कोई भी व्यक्ति गूगल फार्म में एन्ट्री नहीं कर पाता  है तो वो जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के हैल्पलाईन नम्बर 01681-245048- पर भी सम्पर्क कर सकता है। प्राधिकरण सचिव ने कहा कि किसी भी व्यक्ति के सम्पूर्ण विकास के लिए शिक्षा का महत्वपूर्ण योगदान है और प्रोजेक्ट विद्या पर परस्पर हक बच्चों की शिक्षा सम्बन्धी जरूरतों को दूरा करने में बहुत महत्वपूर्ण सिद्ध होगा। इसलिए सभी जिलावासियों को इस प्रोजेक्ट में बढ़चढ कर योगदान देना चाहिए ताकि प्रोजेक्ट को सही मायनों में सफल बनाया जा सके।

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