बिजली विभाग की बड़ी कार्रवाई: 25 हजार डिफॉल्टर्स उपभोक्ता पर निगम का 150 करोड़ रु. बकाया, 4300 से 8 करोड़ की रिकवरी

जिले के लोग बड़ी संख्या में नियमित रूप से बिजली बिल की अदायगी नहीं कर रहे हैं

जिले के लोग बड़ी संख्या में नियमित रूप से बिजली बिल की अदायगी नहीं कर रहे हैं। जिसके कारण बिजली निगम की लिस्ट में सोनीपत में भी एक बड़ा अमाउंट डिफाॅल्टर के रूप में खड़ा हो गया है। बकाया बिलों को भरने के लिए साल दर साल छूट भी दी जा रही है, लेकिन कुछ नंबर ऐसे हैं जो जहां के तहां पड़े हैं। दूसरे नाम पर कनेक्शन लेकर घर में बिजली का प्रयोग कर रहे हैं। लेकिन अब निगम इन लोगों पर कड़ी कार्रवाई के मूड में नजर आ रहा है। निगम के वरिष्ठ अधिकारी का कहना है कि डिफाॅल्टरों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

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जिलेभर में कनेक्टेड व डिसकनेक्टेड करीब 25 हजार उपभोक्ता डिफाल्टर की श्रेणी में है। जिन पर निगम का करीब 150 करोड़ रुपए बकाया है। यह डिफाल्टर पिछले 10 साल से अधिक समय से बिल की अदायगी नहीं कार रहे हैं। वहीं नए डिफाॅल्टर भी इसमें जुड़ते जा रहे हैं। वहीं बिजली निगम द्वारा ब्याज माफी योजना की घोषणा के बाद जिले भर में 4300 डिफाल्टर्स उपभोक्ताओं ने करीब आठ करोड़ रुपए की रकम जमा कराया है। योजना का लाभ 30 नवंबर तक उपभोक्ता किश्तों में भी ले सकते हैं।

जिसके बाद निगम द्वारा टीमें गठित कर डिफाल्टर्स के कनेक्शन काटने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति के लिए हर संभव प्रयास किया जा रहा है, लेकिन उपभोक्ताओं की ओर से निगम को अपेक्षित सहयोग नहीं मिल रहा है। जबकि यह सहयोग भी नहीं है। बल्कि ली जाने वाली बिजली के भुगतान की बात है। ऐसे में निगम को संसाधनों के लिए भी जूझना पड़ता है। क्योंकि निगम मुख्यालय और सरकार द्वारा भी जिले से बिलों की होने वाली रिकवरी के बारे में पूछा जाता है। जिसमें एक बड़ा अमाउंट खड़ा है। ऐसे में ट्रांसफार्मर, खंभा, इंसुलेटर और कंडक्टर आदि सामान का अभाव रहता है।

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हर महीने 10 प्रतिशत डिफाॅल्टर, अगले में पांच रह जाते हैं
निगम के पास पुराने डिफाॅल्टर्स का एक बड़ा समूह है। इसके अलावा हर सर्कल जिले में करीब 120 करोड़ की बिलिंग होती है। जिसमें करीब 10 प्रतिशत उपभोक्ता हर सर्कल में डिफाल्टर हो जाते हैं। इससे निगम का करीब 10 से 12 करोड़ रुपए उपभोक्ताओं के पास रह जाता है। अगली बिलिंग सर्कल में पिछले का करीब पांच प्रतिशत हिस्सा जमा हो जाता है। बावजूद इसके पांच प्रतिशत रह जाता है। यानि कि इस तरह से पांच से दो प्रतिशत का अमाउंट डिफाॅल्टिंग के रूप में बढ़ता जा रहा है।

डिसकनेक्टेड उपभोक्ता सबसे लापरवाह: बिजली निगम के अधिकारी की मानें तो जिले में कनेक्टेड उपभोक्ताओं को नोटिस आदि देने पर कुछ वसूली हो भी जाती है, लेकिन डिसकनेक्टेड उपभोक्ता तो ऐसे हो गए हैं, जैसे उन पर कोई बकाया ही नहीं है। उनके पास भी हर महीने बिल भेजा जाता है, लेकिन वापस कोई जवाब नहीं आता है। कई साल बाद यह उपभोक्ता अनावश्यक बिल बताकर विवाद भी खड़ा कर देते हैं। कुछ लोग कोर्ट की शरण ले लेते हैं तो कुछ विभागीय ग्रीवेंसेज उलझा देते हैं। जिससे अधिकारियों और कर्मचारियों को कोर्ट का चक्कर भी लगाना पड़ता है।

बिजली निगम की यह व्यवस्था है

  • जिले भर में करीब चार लाख 10 हजार बिजली उपभोक्ता हैं
  • पूरे जिले में करीब 25 हजार डिफाल्टरों पर 150 करोड़ रुपए का बकाया है।
  • जिले में तीन डिवीजन के माध्यम से बिजली आपूर्ति की जाती है।
  • 15 सब डिवीजन पर एसडीओ और जेई के द्वारा व्यवस्था को संभाला जा रहा है।
  • 450 से अधिक पावर हाउस, सब स्टेशन और फीडरों की स्थापना की गई है।
  • प्रतिदिन करीब 120 लाख यूनिट बिजली की आपूर्ति की जा रही है।
  • हर बिलिंग सर्कल मरें करीब 120 करोड़ रुपए की बिलिंग होती है।
  • बिलिंग सर्कल में करीब ‌~110 करोड़ की वसूली बिल और 20 करोड़ रुपए एरियर मिलता है।
  • जिले भर में करीब 15 हजार किमी लंबी एचटी और एलटी बिजली लाइन है।
  • 25 हजार से अधिक ट्रांसफार्मर और खंभों से आपूर्ति की जा रही है।

योजना : ब्याज माफी योजना 30 नवंबर तक है
उत्तरी हरियाणा बिजली वितरण निगम द्वारा पूरे उत्तरी हरियाणा में ब्याज माफी योजना चलाई जा रही है। जिसमें एक मुश्त और किश्तों में भुगतान करने वाले उपभोक्ताओं को ब्याज की छूट दी जा रही है। यह लाभ 30 नवंबर तक लिया जा सकता है। योजना का लाभ 31 दिसंबर-2021 तक बकाया उपभोक्ताओं पर लागू होगी। अब तक निगम को 4300 उपभोक्ताओं ने करीब आठ करोड़ रुपए की डिफाल्टिंग अमाउंट जमा कराया है। निगम के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर लोगों ने डिफाल्टिंग अमाउंट जमा नहीं कराया तो कनेक्शन काटा जाएगा।

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बिजली निगम द्वारा उपभोक्ताओं को बेहतर बिजली आपूर्ति का प्रयास किया जा रहा है। लेकिन नियमित रूप से बिजली बिल नहीं भरने की वजह से डिफाल्टर्स की संख्या और अमाउंट में वृद्धि हो रही है। निगम द्वारा छूट का लाभ दिया जा रहा है। समय बीतने के बाद कनेक्शन काटे जाएंगे। –संदीप जैन, एसई बिजली निगम सोनीपत।

 

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