प्रस्तावित राजकीय नर्सिंग कॉलेज भवन निर्माण में हो रही देरी

समासेवियों ने दी 1 फरवरी से भूख हड़ताल की चेतावनी
राजकीय कन्या महाविद्यालय में अस्थाई रूप से चल रहा है नर्सिंग कालेज

एस• के• मित्तल 
सफीदों,      नगर के सरला देवी कन्या महाविद्यालय में प्रस्तावित राजकीय नर्सिंग कॉलेज के भवन निर्माण में हो रही अनावश्यक देरी को लेकर यहां के लोगों में भारी रोष है। इस देरी को लेकर नगर के अनेक समाजसेवी लोगों व आईपी कन्या एजुकेशन सोसाइटी के सदस्य एवं पूर्व नगर पालिका प्रधान राकेश जैन ने सफीदों में एक फरवरी से भूख हड़ताल आरंभ करने की सरकार को चेतावनी दी है।
राकेश जैन का कहना है कि लगभग 4 वर्ष पहले मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा इस कॉलेज की आधारशिला रखी गई थी तथा तब आश्वासन दिया गया था कि जल्द ही इसका निर्माण कार्य शुरू करा दिया जाएगा। संस्था द्वारा सफीदों वासियों के सहयोग से इस कॉलेज को चलाने की खातिर लगभग एक करोड रुपये की राशि दान में दी गई है तथा लगभग 4 एकड़ भूमि को भी नर्सिंग कॉलेज के नाम स्थानांतरण करा दिया गया है ताकि कालेज का शीघ्र निर्माण कार्य शुरू हो सके। इस कॉलेज का निर्माण हरियाणा के पुलिस हाउसिंग कारपोरेशन विभाग द्वारा किया जाना है। इस कॉलेज के निर्माण को लेकर ड्राइंग बनाने का काम भी पूरा किया जा चुका है।
इतना ही नहीं जिस 4 एकड़ भूमि पर इस कॉलेज का निर्माण किया जाना है, उस भूमि की गुणवत्ता की जांच तथा वहां के पानी की जांच इत्यादि की आवश्यक जांच प्रक्रिया भी पूरी हो चुकी है। इसके बावजूद भी पिछले कई वर्ष से स्कूल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हो पा रहा है, जिससे यहां के पढऩे वाली छात्राओं को भारी परेशानियों का सामना उठाना पड़ रहा है। फिलहाल यह कॉलेज अस्थाई रूप से यहां के सरला राजकीय कन्या महाविद्यालय के ऊपरी तल पर ही चल रहा है। इस कॉलेज के प्रथम वर्ष में 180 छात्र छात्राएं दाखिल हुई थी जिनमें की बीएससी नर्सिंग की 60 छात्राएं, जीएनएम की 60 छात्राएं व 60 छात्राएं एएनएम कक्षा की थी। जिनकी संख्या बढ़कर अब इसमें लगभग 500 से भी अधिक हो चुकी है और छात्राओं को सुविधा के नाम पर सरकार द्वारा कुछ भी मुहैया नहीं कराया गया। फिलहाल में जो भी सुविधा है इस कॉलेज में है वह संस्था द्वारा ही दी गई थी।
इतना ही नहीं इस कॉलेज में छात्राओं को हॉस्टल तक लाने ले जाने वह मेडिकल ट्रेनिंग की खातिर जो दो बसे सरकार द्वारा लगाई गई थी वह कोरोनाकाल में कॉलेज बंद होने की वजह से बंद कर दी गई थी। जिन्हें अभी तक दोबारा से शुरू नहीं किया गया इसकी वजह से भी छात्राओं को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। छात्राओं की कई बार की मांग के बावजूद भी विभाग इस बारे में टाल-मटोल कर रहा है और इस कॉलेज में पढऩे वाली अधिकतर छात्राएं पूरे प्रदेश ही नहीं अपितु जम्मू-कश्मीर व केरल तक की छात्रायें शिक्षा ग्रहण करने के लिए यहां के हॉस्टल व आसपास के घरों में पीजी के रूप में रह रही हैं। हैरानी का विषय यह है कि लगभग 4 वर्ष पूर्व जिस कॉलेज की आधारशिला स्वयं मुख्यमंत्री ने आकर रखी हो उसके ही निर्माण में इतनी ढील बरती जा रही है।
इतना ही नहीं इस कॉलेज के निर्माण में यहां के एक प्रमुख समाजसेवी टीसी गर्ग रिटायर इंजीनियर चीफ ने भी भरपूर प्रयास किए थे। अब उनका स्वर्गवास हो चुका है। उनके कार्यकाल में शुरू हुए इस कॉलेज की सरकार द्वारा की गई अनदेखी से यहां की जनता में भी काफी रोष है। इतना ही नहीं लगभग 8 माह पूर्व यहां पर मुख्यमंत्री द्वारा टीसी घर के अनुरोध पर ही सफीदों की जनसभा में पैरामेडिकल कॉलेज खोले जाने का भी आश्वासन दिया गया था तथा उस अवसर पर मुख्यमंत्री ने कहा था कि इस पैरामेडिकल को खुले जाने में अगर कोई भी दिक्कत आए तो उसको हम अपने स्तर पर दूर करेंगे परंतु यह मामला अब खटाई में पड़ गया है और अब हालात यह है कि यहां पर पिछले 4 वर्ष से चल रहे राजकीय नर्सिंग कॉलेज में भी सरकार द्वारा सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराई जा रही है।
इसी से तंग आकर यहां के कई समाजसेवी लोगों ने अब सरकार को जगाने की खातिर भूख हड़ताल करने का निर्णय लिया है। पूर्व प्रधान राकेश जैन ने बताया कि अगर 31 जनवरी तक इस कॉलेज के निर्माण की खातिर टेंडर की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई तो वह 1 फरवरी को नगर के समाजसेवियों के साथ यहां पर भूख हड़ताल करेंगे।

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