पुरुषों की धोती-कुर्ता-पगड़ी तथा महिलाओं की दामण-कुर्ता प्रतियोगिता ने खूब वाहवाही बटौरी

हरियाणवीं संस्कृति से ओतप्रोत रहा गांव हरिगढ़ का समरस गंगा ग्राम उत्सव

एस• के• मित्तल 
सफीदों,         उपमंडल के गांव हरीगढ़ के राजकीय माध्यमिक विद्यालय में रविवार को समरस गंगा ग्राम उत्सव का आयोजन किया गया। इस कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा व मुख्यवक्ता के रूप में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजय ने शिरकत की।
इस मौके पर बतौर विशिष्टातिथि प्रांत ग्राम विकास प्रमुख हरियाणा कुलदीप, राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के सदस्य डा. योगेंद्र व भाजपा जिलाध्यक्ष राजकुमार मोर मौजूद थे। गांव की सरपंच अनीता व गण्यमान्य लोगों ने अतिथियों को फूलों की मालाएं व पगड़ी पहनाकर जोरदार अभिनंदन किया। इस मौके पर गौ आधारित उत्पादों, जैविक खेती से जुड़े उत्पादों, ग्रामीण क्षेत्र से जुड़ी संस्कृति की प्रदर्शनी, पुस्तक मेला, ग्रामीण लघु उद्योग उत्पाद, ग्राम परिचय गांव हरीगढ़ का आयोजन किया गया। वहीं दौड़ प्रतियोगिताओं, महिलाओं व पुरूषों की खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बुजुर्गों की 100 मीटर दौड़, महिलाओं की मटका दौड़ प पुरूषों की बौरा दौड़ व रस्सा-कस्सी विशेष रूप से दर्शनीय रही।
इसके अलावा पुरुषों की धोती-कुर्ता-पगड़ी तथा महिलाओं की दामण-कुर्ता प्रतियोगिता ने भी खूब वाहवाही बटौरी। वहीं बच्चों ने हरियाणवीं संस्कृति से ओतप्रोत रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां देकर सभी का मन मोह लिया तथा योग का प्रदर्शन करके लोगों को योग से जुडऩे के लिए प्रेरित किया। इस मौके पर गांव के सबसे अधिक उम्र के बुजुर्ग मास्टर टेकराम व निंबो देवी को सम्मानित किया गया। इस मौके पर रस्सा-कस्सी में भोला एंड पार्टी, मटका दौड़ में कमलेश व बुजुर्गों की दौड़ में बलजौरा लांबा ने पहला इनाम प्राप्त किया। अपने संबोधन में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के प्रांत प्रचारक विजय ने कहा कि सन् 1866 में अस्तित्व में आया यह गांव आपसी भाईचारे की एक मिसाल है।
इस गांव के लोग एक-दूसरे के सुख-दुख में शामिल होते हैं। गांव के बहुत से लोग बड़े-बड़े पदों पर आसीन होकर इस गांव का नाम रोशन कर रहे हैं। अपने उद्बोधन में राज्यसभा सांसद रामचंद्र जांगड़ा ने कहा कि मनुष्य के सामाजिक प्राणी है और उसे समाज में सबसे मिलजुल कर चलना चाहिए। समाज में जो कुरीतियां व्याप्त हैं उनसे बचना चाहिए। हरियाणा प्रदेश इस धरती पर एक स्वर्ग के समान है। हरियाणा के बारे में कहा भी गया है देशा मैं देश हरियाणा जित दूध दही का खाना। हरियाणा राज्य समरसता के मामले में पूरे देश में एक मिसाल है। उन्होंने कहा कि 2023 को अंतरराष्ट्रीय मिलेट्स या मोटा अनाज वर्ष के तौर पर घोषित किया गया है। केंद्र सरकार बढ़-चढ़कर मोटे अनाज को प्रोत्साहित कर रही है और इसके प्रचार और उत्पादन बढ़ाने पर जोर दे रही है।
मोटे अनाज में ज्वार, बाजरा, रागी, कुट्टु, काकुन, चीना, सांवा व कोदो आदि शामिल हैं। अंतर्राष्ट्रीय मिलेट्स ईयर का प्रमुख उद्देश्य लोगों में मोटे अनाजों के प्रति जागरूकता पैदा करना है ताकि किसान मोटे अनाज की खेती की ओर आगे आएं। भारत के लगभग 21 राज्यों में विभिन्न मोटे अनाजों की खेती की जाती है। मोटे अनाज स्वास्थ्य और पोषण की दृष्टि से बहुत महत्वपूर्ण हैं। मोटे अनाजों को सुपरफूड और पोषक अनाज कहा जाता है। इस मौके पर ग्रामीणों ने राज्यसभा सांसद को एक मांगपत्र सौंपा। जिस पर रामचंद्र जांगडा ने सभी मांगों को पूरा करवाने का आश्वासन दिया। इस अवसर पर ग्राम सरपंच अनीता, जितेंद्र चहल, सुरेंद्र चहल, कृष्ण लांबा, राममेहर, मा. सतीश, विनोद कुमार व मा. वीरेंद्र सहित काफी तादाद में लोग मौजूद थे।
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