सरकार कृषि ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण शीघ्र शुरू करे

ड्रोन पर अनुदान योजना भी नहीं स्पष्ट

एस• के• मित्तल 
सफीदों,        देश भर में किसानों को फसलों पर द्रव्य छिड़कने की सुविधा के लिए ड्रोन का इस्तेमाल शुरू कराने के सरकार के दावे अभी खोखले हैं जबकि हरियाणा प्रदेश में अनेक किसान कृषि ड्रोन की खरीद के लिए दिल्ली, नोएडा व गुडग़ांव में निजी कंपनियों के दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं। अभी तक सरकार द्वारा कृषि ड्रोन पर अनुदान जारी करने की केवल घोषणा ही की गई है किसानों को कहीं से इस बारे में पुष्ट जानकारी नहीं मिल रही है।
इस संदर्भ में कई किसानों ने बताया कि ड्रोन खरीदने के लिए नोएडा, दिल्ली व गुडग़ांव के निजी कंपनियों के दफ्तरों में वे जा रहे हैं जहां 10 लीटर द्रव्य क्षमता के ड्रोन की कीमत 4 से 10 लाख रुपए बताई जा रही है और ड्रोन की कोई विशेष गारंटी भी नहीं है। किसानों का कहना है कि ड्रोन वही लेगा जिसके पास पायलट का लाइसेंस होगा लेकिन पायलट प्रशिक्षण को लेकर सरकार इतनी उदासीन है कि हरियाणा में उन्हें सरकारी तौर की कहीं ऐसी सुविधा का पता नहीं चला। किसानों ने बताया कि उन्होंने मीडिया में छपी खबरों के जरिए करनाल के सिविल एवियशन विभाग के केंद्र में संपर्क किया जहां से बताया गया कि अभी प्रशिक्षण बारे उन्हें कोई दिशा-निर्देश नहीं है।
करनाल के महाराणा प्रताप बागवानी विश्वविद्यालय के एक जिम्मेदार अधिकारी ने बताया कि उनके पास दो ड्रोन हैं जिनके माध्यम से आसपास के इलाकों में छिड़काव की प्रदर्शनी आयोजित की जा रही हैं। उन्होंने बताया कि ड्रोन पायलट के प्रशिक्षण के लिए उनके विश्वविद्यालय ने सिविल एवियशन विभाग के पास आवेदन किया हुआ है। उस आवेदन का निपटारा पता नहीं कब तक हो पायेगा। किसान सत्यवान ने बताया कि आसपास के इलाकों में सरसों की फसल पर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव कृषि ड्रोन से करने का तो उनका सपना टूट गया अब धान की फसलों के लिए भी यह सुविधा शुरू हो जाए इसके लिए वह प्रयास कर रहे हैं। पिल्लूखेड़ा के जैविक उत्पादक समूह के मुखिया डाक्टर विजय चौहान ने कहा कि कृषि ड्रोन पर अनुदान जारी करने की नीति तत्काल प्रभाव से स्पष्ट होनी चाहिए और ड्रोन खरीदने के इच्छुक लोगों के लिए इसके प्रशिक्षण की सुविधा भी शुरू की जानी चाहिए।
उन्होंने बताया कि गुडग़ांव में निजी कंपनियों के लोग ड्रोन पायलट प्रशिक्षण के लिए 70 से 80 हजार रुपये तक की फीस वसूल रहे हैं जो सरासर नाजायज है। सरकारी तौर पर इच्छुक किसानों को ड्रोन पायलट का प्रशिक्षण दिया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इसका लाभ लेकर कृषि उत्पादन लागत को कम करके अपने मुनाफे को बढ़ा सकें और ऐसा प्रशिक्षण जैविक उत्पादक किसान समूह के लिए नि:शुल्क होना चाहिए।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *