सफीदों पहुंचेंगे ज्योतिष्पीठाधीश्वर शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानन्द ऐतिहासिक धरा सफीदों पर पहली बार होगा उनका पदार्पण

पीठ के प्रतिनिधियों ने गण्यमान्य लोगों के साथ की बैठक

एस• के• मित्तल 
सफीदों,        जोशीमठ उत्तराखंड के बद्रिकाश्रम में आदि शंकराचार्य द्वारा आठवीं शताब्दी में स्थापित ज्योतिर्मठ के 53वें एवं वर्तमान ज्योतिष्पीठाधीश्वर श्रीश्री 1008 श्री जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती महाराज का पहली बार 17 मई को ऐतिहासिक महाभारतकालीन धरा सफीदों में आगमन होगा।
उनके आगमन पर जगद्गुरू शंकराचार्य सम्मान समिति के तत्वाधान में नगर के रामलीला मैदान में भव्य स्वागत किया जाएगा। इस आयोजन को भव्य बनाने के लिए नगर के मौजिज लोगों की एक बैठक नगर के फयूजन होटल में संपन्न हुई। इस बैठक में लोकतंत्र सेनानी रामगोपाल अग्रवाल, पालिका चेयरपर्सन प्रतिनिधि संजय अधलखा, पूर्व पालिका प्रधान रामेश्वर दास गुप्ताख्, समाजसेवी बृजमोहन मंगला व कच्चा आढ़़ती संघ के प्रधान कृष्ण गोपाल मित्तल समेत अनेक गण्यमान्य लोग मौजूद रहे। वहीं इस आयोजन की रूपरेखा तैयार करने के लिए उत्तराखंड स्थित जनकल्याण न्यास के मिडिया प्रभारी एवं ज्योतिर्मठ बद्रीकाश्रम शंकराचार्य स्वामी श्री विमुक्तेश्वरानन्द सरस्वती के एडवांस प्रोग्राम को-आर्डिनेटर पंडित देव दत्त दुबे और पंडित आनंद उपाध्याय भी विशेष रूप से पहुंचे।
दोनों प्रतिनिधियों ने गण्यमान्य लोगों के साथ बैठक करके कार्यक्रम की विस्तार से रूपरेखा तैयार करके उसे अंतिम रूप दिया। लोकतंत्र सेनानी रामगोपाल अग्रवाल ने बताया कि पहली बार सफीदों में पदार्पण कर रहे शंकराचार्य का सफीदों की पावन धरा पर ऐतिहासिक स्वागत होगा। स्वागत के उपरांत उन्हे शोभायात्रा के साथ नगर के रामलीला मैदान में ले जाया जाएगा और वहां पर शंकराचार्य धर्म सभा को संबोधित करेंगे। उन्होंने बताया कि इस आयोजन को भव्य व सुव्यस्थित बनाने के लिए समिति का पूर्ण गठन करके अनेक बैठकें बुलाई जाएगी और उन बैठकों में इस कार्यक्रम को लेकर आवश्यक सुझाव आमंत्रित किए जाएंगे।

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