श्रीमद्भागवत कथा भगवान का साक्षात स्वरूप है: राम उपाध्याय

श्री सतनारायण मंदिर में श्रीमद् भागवत कथा का हुआ शुभारंभ

एस• के • मित्तल   
सफीदों,       श्री सतनारायण मंदिर सभा के तत्वावधान में पुरानी अनाज मंडी स्थित श्री सतनारायण मंदिर में शुक्रवार को श्रीमद् भागवत कथा का शुभारंभ हो गया। कथा के शुभारंभ से पूर्व कलश यात्रा निकाली गई। कलश यात्रा की अगुवाई कथा व्यास राम उपाध्याय (वृंदावन) ने की। मंदिर सभा के अध्यक्ष राकेश भोला ने कथा व्यास राम उपाध्याय का माल्यार्पण करके उन्हे व्यास पीठ पर विराजमान करवाया।
व्यास पीठ से श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए राम उपाध्याय (वृंदावन) ने कहा कि मन की शुद्घि के लिए श्रीमद् भागवत से बढ़कर कोई साधन नहीं है। यह श्रीमद्् भागवत कथा देवताओं को भी दुर्लभ है तभी परीक्षित की सभा में शुकदेव ने कथामृत के बदले में अमृत कलश नहीं लिया। उन्होंने कहा कि श्रीमद्् भागवत जन्म व मृत्यु के भय का नाश कर भक्ति के प्रवाह को बढ़ाता है। भागवत कथा के श्रवण मात्र से मनुष्य दुखों से दूर होता है। जब पुण्यों का उदय होता है और ईश्वर व पूर्वजों का अनुग्रह मिलता है, तब मनुष्य को श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण का लाभ मिलता है। धन, ऐश्वर्य, मान सम्मान सब क्षणिक वस्तुएं हैं, यदि आपके जीवन में सही सत्संग है तो आपका जीवन धन्य हो जाएगा। श्रीमद्् भागवत कथा के श्रवण मात्र से जन्मों जन्मों के पाप क्षीण हो जाते हैं और मनुष्य मोक्ष को प्राप्त होता है।
श्रीमद्भागवत कथा भगवान का साक्षात स्वरूप है। मंदिर सभा के अध्यक्ष राकेश गोयल भोला ने बताया कि इस कथा का आयोजन आगामी 21 जुलाई तक हर रोज सांय 3 से 6 बजे तक होगा। उन्होंने श्रद्धालुओं से आह्वान किया कि वे ज्यादा से ज्यादा तादाद में कथा का श्रवण करके पुण्य के भागी बने।

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