विडंबना: शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था

महज एक अध्यापिका के बलबूते चल रही है 9वीं से 12वीं तक कक्षाएं
अध्यापकों की कमी से गुस्साएं ग्रामीणों ने स्कूल गेट पर जड़ा ताला

एस• के• मित्तल     
सफीदों,       शिक्षा विभाग द्वारा सरकारी स्कूल में बच्चों को बेहतरीन शिक्षा, बेहतरीन स्टाफ और सुविधाएं देने की बड़ी-बड़ी बातें भले ही की जाती हों लेकिन धरातल पर स्थिति कुछ अलग ही है। कुछ इसी प्रकार का मामला उपमंडल के गांव रोहढ़ में देखने को मिला है। हालात यह हो गए कि गांव रोहड के निवर्तमान सरपंच प्रीतम सिंह के नेतृत्व में ग्रामीणों और छात्राओं के साथ स्कूल के गेट को ताला जडऩा पड़ा।
स्कूल पर ताला जडऩे के उपरांत शिक्षा विभाग हरकत में आया और ग्रामीणों को मनाने के लिए कार्यकारी बीईओ दलबीर मलिक मौके पर पहुंचे। स्कूली विद्यार्थियों का कहना था कि 9वीं से 12वीं तक महज एक प्राध्यापिका है। स्टाफ न होने के कारण उनकी पढ़ाई चौपट हो गई है। उन्होंने बताया कि नौंवी से 12वीं तक बायोलोजी की महज एक ही प्रध्यापिका है तथा 12 पद यहां पर स्वीकृत हैं। अन्य विषयों का कोई अध्यापक नहीं है। जिसके कारण इन तीनों कक्षाओं के 150 बच्चों की पढाई चौपट हो रही है। स्टाफ न होने के चलते पढाई नहीं हो पा रही है।
सिवाय तालाबंदी के और कोई विकल्प नहीं बचा था। गांव के निवर्तमान सरपंच प्रीतम सिंह ने बताया कि स्कूल 2019 में अपग्रेड हो चुका है। बावजूद इसके स्कूल में स्टाफ अब तक उपलब्ध नहीं हुआ है। गांव में 12वीं तक का स्कूल होने के बाद भी छात्रों को मुआना या सफीदों जाना पड रहा है। सबसे ज्यादा दिक्कत लडकियों को होती है। स्कूल में स्टाफ उपलब्ध करवाने की मांग को लेकर कई बार अधिकारियों को लिखा जा चुका है। बावजूद इसके स्कूल में स्टाफ नहीं उपलब्ध हो रहा है।
खंड शिक्षा अधिकारी दलबीर मलिक ने बताया कि स्कूल में स्टाफ की कमी है, जिसके बारें में जिला शिक्षा अधिकारी से बातचीत हो चुकी है। एक जुलाई से स्कूल में पूरे स्टाफ की नियुक्ति हो जाएगी। ग्रामीणों को समझाकर ताला खुलवा दिया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *