स्वास्थ्य विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की जाएगी जांच: एडीसी साहिल गुप्ता

एस• के• मित्तल     
सफीदों,       एनीमिया मुक्त भारत अभियान के तहत बुधवार को सफीदों उपमंडल के पिल्लूखेड़ा, कालवा व सफीदों के राजकीय सीनियर सैकेंडरी स्कूल में जांच शिविरों का आयोजन किया गया। इन शिविरों का शुभारंभ अतिरिक्त उपायुक्त साहिल गुप्ता ने किया।
इन शिविरों की अध्यक्षता सफीदों के एसडीएम आईएएस डा. आनंद कुमार शर्मा ने की। इस मौके पर मुख्यमंत्री के सुशासन सहयोगी साकेत सुभ भी विशेष रूप से मौजूद थे। अपने संबोधनम में एडीसी साहिल गुप्ता ने कहा आज के बच्चे भारत के भविष्य के निर्माता हैं। केन्द्र व राज्य सरकार के दिशा निर्देशानुसार विशेष अभियान चलाकर बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। इसी क्रम में जिला में एनिमिया मुक्त भारत अभियान के तहत सभी सरकारी स्कूलों में शिविर लगाकर स्वास्थ्य विभाग के विशेषज्ञों द्वारा बच्चों के स्वास्थ्य की जांच की जा रही है। जिन बच्चों में खून की कमी पाई जाती है, उन बच्चों को मौके पर दवाईयां दी जा रही है और इन बच्चों की पहचान करके उनके पोषाहार और दवाईयां आदि को लेकर महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा जागरूक किया जा रहा है। एसडीएम डा. आनंद कुमार शर्मा ने बताया कि क्षेत्र के सभी सरकारी स्कूलों में पढने वाले सफीदों उपमंडल के 28 हजार विद्यार्थियों के एनीमिया की जांच हेतू शिविरों का आयोजन किया जा रहा है।
शिविर में एनीमिया की जांच के साथ ईलाज एवं काउंसिलिंग की जा रही है। जिन बच्चों का हीमोग्लोबिन कम पाया जाता है, उनको तीन श्रेणी में बांटकर दवाई दी जा रही है। हल्के व मध्यम श्रेणी के विद्यार्थियों को विद्यालय में ही दवाई दी जा रही है, जबकि गंभीर श्रेणी वाले विद्यार्थियों को अस्पताल में भेजा जाएगा। दवाई देने के 14 दिनों बाद विद्यार्थियों का दोबारा हीमोग्लोबिन चेक करवाया जायेगा और सुधार नहीं होने पर संबंधित टीम की जवाबदेही होगी। उन्होंने बताया कि सफीदों क्षेत्र के सरकारी स्कूलों में 28 हजार विद्यार्थी पढते हैं। रोजाना एक हजार विद्यार्थियों की जांच करके एक महीने में इस अभियान को पूरा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अध्यापक व स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों की टीम की सबसे अधिक व महत्वपूर्ण जिम्मेदारी रहेगी। उन्होंने आह्वान किया कि टीम की मेहनत व प्रयास से इस अभियान को सफल बनाया जा सकता है।
इस अभियान में गठित टीमों में हर स्कूल से दो अध्यापकों की ड्यूटी लगाई गई है। सभी स्कूलों में मशीनों द्वारा रक्त में हीमोग्लोबिन का लेवल जांचकर रिपोर्ट प्राप्त की जा रही है। इन रिपोर्टो के आधार पर ही हिमोग्लोबिन की कमी वाले बच्चों को सूची बनाकर आंगनवाडी कार्यकर्ताओं द्वारा उनके घर-घर जाकर जागरूक किया जाएगा और हीमोग्लोबिन का लेवल बढ़ाने के लिए दवाइयां, गुड, चना, हरी सब्जी, पोषाहार खाना, फल व जुस देने के लिए प्रेरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री सुशासन सहयोगी साकेत शुभ ने कहा कि सरकार द्वारा गत एनीमिया मुक्त हरियाणा अभियान को चलाया जा रहा है। इस अभियान को सफल बनाने के लिए सभी को मिलकर प्रयास करना है। अगर किसी अध्यापक या कर्मचारी को इस अभियान से संबंधित कोई परेशानी आ रही है तो एसडीएम या उन्हें सम्पर्क करें, समस्या का समाधान अवश्य किया जाएगा।
उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी स्कूल में नहीं आ रहा है उसको अस्पताल या अन्य किसी माध्यम से हीमोग्लोबिन की जांच करवाकर उसको दवाई दिलवाने का प्रयास किए जाएंगें। इस मौके पर सफीदों बीईओ दलबीर मलिक, पिल्लूखेडा बीईओ राजेश, एसएमओ डा. विकास गुप्ता, डा. शुभम, कालवा एसएमओ अरुण कुमार व महिला एवं बाल विकास विभाग की जिला परियोजना अधिकारी सुमित्रा लाठर विशेष रूप से मौजूद थीं।

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