राम रहीम की फैमिली ID में अब हनीप्रीत: मुख्य शिष्य एवं धर्म की बेटी बनी; पत्नी और मां का नाम नहीं; बेटा-बेटियां लंदन में बसीं

 

हरियाणा की सुनारिया जेल में कैद राम रहीम की अब अपने परिवार से दूरियां काफी बढ़ चुकी हैं और उसकी मुंह बोली बेटी हनीप्रीत धीरे-धीरे सर्वेसर्वा बनती जा रही है। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि राम रहीम ने अपनी फैमिली ID में न तो अपनी पत्नी हरजीत कौर का नाम दर्ज करवाया और न ही अपनी मां नसीब कौर का, लेकिन हनीप्रीत का नाम अंकित है।

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UP के बागपत आश्रम में रहने के दौरान बनी ID में हनीप्रीत को राम रहीम की मुख्य शिष्या और धर्म की बेटी बताया गया है। राम रहीम ने अपने पिता और माता के नाम वाले कॉलम में शिष्य एवं गद्दीनशीन शाह सतनाम सिंह महाराज अंकित करवाया है, जबकि हनीप्रीत के पिता और माता के नाम वाले कॉलम में मुख्य शिष्य व धर्म की बेटी संत गुरमीत राम रहीम सिंह इंसा दर्ज करवाया है।

राम रहीम ने अपनी सालाना आय 70 लाख और हनीप्रीत ने 20 लाख रुपए दिखाई है। इस फैमिली ID में राम रहीम की उम्र 54 साल है और हनीप्रीत की 41 साल। हालांकि डेरा प्रबंधन हनीप्रीत के एकाधिकार को नकारता आया है। हनीप्रीत का असली नाम प्रियंका तनेजा है और फतेहाबाद की रहने वाली है। उसकी शादी डेरा अनुयायी विश्वास गुप्ता के साथ हुई थी, परंतु विवादों के बाद विश्वास ने हनीप्रीत से तलाक ले लिया था।

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राम रहीम की फैमिली आईडी

राम रहीम की फैमिली आईडी

आधार कार्ड में भी करवाया था बदलाव

30 दिन की पैरोल के दौरान राम रहीम ने बागपत आश्रम में उसने अपना आधार कार्ड भी अपडेट कराया था, जिसमें राम रहीम ने अपने पिता के नाम के आगे शिष्य एवं गद्दीनशीन शाह सतनाम जी महाराज अंकित करवाया, जबकि पहले राम रहीम के आधार कार्ड पर उनके पिता मग्गर सिंह का नाम अंकित था। डेरा अनुयायियों के एक धड़े द्वारा चलाए जा रहे फेथ वर्सेज वर्डिक पेज पर इस आधार कार्ड की कॉपी अपलोड की गई। साथ ही उनकी ओर से यह दावा किया गया है कि पहले डेरा मुखी ने अपने आधार कार्ड में पता शाह सतनाम धाम अंकित करवाया था, जिसे अब बदल कर शाह मस्तान, शाह सतनाम धाम किया गया। आधार कार्ड में अपडेट 22 जून को किया गया।

विदेश जा चुका राम रहीम का परिवार

राम रहीम का पूरा परिवार विदेश जाकर बस गया है। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत व चरणप्रीत कौर और बेटा जसमीत परिवार समेत लंदन जाकर बस गए हैं। हालांकि डेराप्रमुख की मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर इंडिया में ही रहेंगी। राम रहीम की दोनों बेटियां अमरप्रीत और चरणप्रीत पहले ही लंदन चली गई थीं। 26 सितंबर को बेटा जसमीत भी परिवार के साथ लंदन चला गया।

हनीप्रीत से विवाद परिवार के विदेश जाने की वजह

राम रहीम के परिवार के विदेश में बसने की वजह हनीप्रीत के साथ पारिवारिक मेंबरों का मतभेद होना है। कुछ समय पहले परिवार ने एक पत्र भी अनुयायियों को जारी किया था। इसमें कहा गया था कि परमार्थ (डेरा सच्चा सौदा में जुटाया जाने वाला चंदा) के लिए उनके नाम पर पैसा इकट्‌ठा किया जा रहा है। परिवार ने पत्र में आग्रह किया था कि अगर कोई भी परिवार के नाम पर चंदा जुटा रहा हो तो इसकी जानकारी परिवार को दी जाए। राम रहीम को वर्ष 2016 में सजा होने के बाद उनके परिवार ने पहली बार अपने अनुयायियों को ऐसा पत्र जारी किया था। परिवार के अनुसार, उनके नाम का दुरुपयोग रुकना चाहिए।

अब डेरे पर हनीप्रीत का एकाधिकार

राम रहीम के परिवार के साथ हनीप्रीत के मतभेद पहले भी रहे हैं। डेरा प्रमुख राम रहीम जेल से जारी अपनी 9वीं चिट्‌ठी में खुद परिवार और हनीप्रीत के बीच एकजुटता को लेकर स्पष्टीकरण दे चुका है। 2016 में डेरा प्रमुख को साध्वी यौन शोषण केस में उम्रकैद की सजा होने के समय हनीप्रीत ही उसके साथ थी। पंचकूला हिंसा मामले में हनीप्रीत जेल भी गई।

डेरा प्रमुख के परिवार के विदेश जाने के बाद अब हनीप्रीत ही डेरा प्रमुख के सबसे करीब है। इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि पिछले दिनों जब पैरोल मिलने के बाद राम रहीम बागपत के आश्रम पहुंचा और वहां से प्रेमियों के समक्ष लाइव हुआ तब हनीप्रीत उसके साथ थी। उस समय डेरा प्रमुख ने हनीप्रीत की प्रशंसा की थी।

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डेरा सच्चा सौदा की अरबों रुपए की प्रॉपर्टी ट्रस्ट के नाम पर है। डेरे के पास सिरसा में ही करीब 900 एकड़ जमीन है। इसके अलावा पूरे देश में शहरी प्रॉपर्टी और रिहायशी कोठियां अलग हैं। राम रहीम को सजा होने के बाद डेरा प्रमुख के बेटे, बेटियों और दामाद के पास कोई जिम्मेदारी नहीं थी।

18 मई को बड़ी बेटी गई विदेश

राम रहीम की बड़ी बेटी अमरप्रीत और दामाद 18 मई 2020 को विदेश चले गए थे। डेरा छोड़ने के बाद लंदन पहुंची अमरप्रीत ने वहां से अपने संदेश में घर छोड़ने पर दुख जाहिर किया। अमरप्रीत ने ट्वीट किया कि मेरे परिवार के सभी सदस्यों ने मेरा सपोर्ट किया। हमारे लिए घर और परिवार छोड़ना बड़ा मुश्किल था। हालांकि मैं जानती हूं कि परिवार मेरे साथ हैं और मैं परिवार के साथ। भगवान सबका भला करें। यह मैटर नहीं करता कि वे सपोर्टर हों या नफरत करने वाले। अपने तो अपने होते हैं।

इसके साथ ही अमरप्रीत ने एक वीडियो भी शेयर की, जिसमें घर छोड़ते हुए पूरा परिवार भावुक नजर आ रहा है। वीडियो में पंजाबी गाने के माध्यम से दर्द बयां किया गया। डेरा प्रमुख की मां नसीब कौर, पत्नी, बेटा जसमीत, बहू हुसनमीत और बाकी सदस्य अमरप्रीत से बिछुड़ते हुए उसे नम आंखों से विदाई दे रहे थे। इस दौरान हनीप्रीत या डेरा प्रबंधन का कोई सदस्य वहां हाजिर नहीं था। इससे स्पष्ट है कि परिवार से उनके रिश्ते बेहतर नहीं है।

डेरा प्रमुख की नौंवी चिट्‌ठी से उजागर हुए मतभेद

राम रहीम ने 28 मार्च को जेल से 9वीं चिट्‌ठी प्रेमियों को भेजी। मतभेद की चर्चाओं के बीच पहली बार डेरा प्रमुख ने पारिवारिक सदस्यों और हनीप्रीत का जिक्र किया। इससे पारिवारिक रिश्तों में तल्खियों की बात पर विराम लगाने का प्रयास हुआ। इसमें कहा गया था कि उसका परिवार अब विदेश में सेटल होने जा रहा है। मां नसीब कौर और पत्नी हरजीत कौर भी विदेश में रहेंगी। विपासना इंसा की जगह पीआर नैन को नया चेयरपर्सन बनाया जाता है।

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डेरा मैनेजमेंट में भी कुछ बदलाव की बात चिट्‌ठी में थी। हनीप्रीत के समर्थकों को नई जिम्मेदारी दी गईं। पत्र के माध्यम से डेरा प्रेमियों को संदेश देते हुए डेरा प्रमुख ने लिखा कि हमारे सारे सेवादार, एडमिन ब्लॉक सेवादार, जसमीत, चरणप्रीत, हनीप्रीत, अमरप्रीत सब एक हैं और हमारे वचनों पर चलते हैं। चारों हमें रोहतक इकट्ठे छोड़ने आए और वापस भी चारों इकट्‌ठे गए। जसमीत, चरणप्रीत और अमरप्रीत ने हमसे आज्ञा ली है कि ‘उच्च शिक्षा’ प्राप्ति के लिए वे अपने बच्चों के साथ उन्हें पढ़ाने विदेश जाएंगे। इसलिए प्यारी साध-संगत जी आपने किसी के भी बहकावे में नहीं आना है।

रोहतक की सुनारिया जेल में बंद राम रहीम

2017 से साधवी यौन शोषण मामले में हुई उम्रकैद की डेरा मुखी काट रहा है। उसे पत्रकार छत्रपति और रणजीत हत्याकांड में भी सजा हो चुकी है। राम रहीम को इसी साल पंजाब चुनाव से ठीक पहले 7 फरवरी को 21 दिन की फरलो मिली थी। इसी दौरान बदलावों की पूरी पटकथा लिखी गई थी। इसके बाद 27 जून को राम रहीम को 30 दिन की पैरोल मिली थी और वह उत्तर प्रदेश के बागपत आश्रम में रूका था। वहां उसके साथ हनीप्रीत भी थी।

 

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