बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हुआ गैस एजेंसी रोड़, लोग परेशान लेकिन प्रशासन बना अंजान

एस• के • मित्तल 
सफीदों,        नगर का गैस एजेंसी रोड बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है। इस रोड़ पर निवास करने वाले लोग, गोदाम व फैक्ट्रियों के मालिक बुरी तरह से परेशान हो चुके हैं लेकिन प्रशासन सबकुछ जानकर भी अंजान बना हुआ है। लोगों का कहना है कि यह 2 किलोमीटर का रास्ता करीब पिछले 3 सालों से खराब पड़ा है। इस मार्ग पर करीब 500 परिवार निवास करते हैं और उनका जीवन नारकीय हो गया है।
विकास शास्त्री ने बताया कि उनका यहां से अक्सर आना-जाना लगा रहता है। वे यहां पर किसी महिला व बच्चे को गंदे पानी में गिरा हुआ तथा किसी वाहन को फंसा हुआ अकसर देखते हैं। इस मार्ग पर रेलवे कॉलोनी, गैस एजेंसी गोदाम, वन विभाग की नर्सरी, बड़े-बड़े गोदाम व फैक्ट्रियां हैं लेकिन उसके बावजूद भी इसकी कोई सुध नहीं ली जा रही। मुकेश मदान ने बताया कि इस रोड़ से आम आदमी का पैदल व दुपहिया वाहन का निकलना तो दूर बड़े-बड़े ट्रकों का अभी निकलना अब यहां से मुश्किल हो गया है। स्कूलों की बसों ने बच्चों की सुरक्षा को देखते हुए अब यहां से लगभग आना-जाना बंद कर दिया है। इस सड़क पर हर वक्त गंदा पानी भरा रहता है जिसके कारण यहां पर किसी ना किसी बड़ी बीमारी फैलने का अंदेशा बना हुआ है तथा मच्छरों की भारी भरमार हो गई है।
 वहीं यहां के निवासी कृष्ण लाल ने बताया कि इस सड़क पर पिछले 2 साल से कई-कई फुट पानी हरदम खड़ा रहता है तथा बरसात के मौसम में तो स्थिति अधिक भयंकर हो जाती है। थोड़ी सी बारिश में ही यह सड़क तालाब का रूप ले लेती है। इस रोड पर जो नाला है उसकी कभी सफाई नहीं होती और वह हमेशा गंदगी व मिट्टी से भरा रहता है। वहीं यहां पर भूमिगत नाला भी बनाया हुआ है लेकिन उसका लेवल ठीक नहीं है। जिसके कारण उसमें से पानी की निकासी नहीं हो पाती। इसके अलावा इस रोड पर सारी स्ट्रीट लाइटें लगभग खराब पड़ी है। उन्होंने बताया कि सीएम मनोहर लाल ने अपने सफीदों दौरे के दौरान इस सड़क को मंजूर किया था लेकिन उनकी घोषणा पर आजतक को कार्य शुरू नहीं हुआ है। इस रोड़ पर गोदाम चलाने वाले बंटी तनेजा ने बताया कि उनके गोदाम में बड़ी गाडिय़ों के माध्यम से माल पहुंचता है लेकिन रोड की स्थिति इतनी खराब है कि वाहन चालकों ने अपने वाहन यहां पर लाने से मना कर दिया है तथा उन्हे भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
इस रोड से होकर कॉलेज में जाने वाली बेटियां भी काफी परेशान हैं। लोगों ने बताया कि हर पांच साल में लोकसभा, विधानसभा व पालिका के चुनावों में लुभावने वायदें करके वोट ले जाते है और फिर संभालने नहीं आते। उन्होंने बताया कि वे इस मामले से प्रशासन को कई बार अवगत करवा चुके हैं लेकिन समस्या का कोई समाधान आज तक नहीं हुआ। प्रशासन को शायद किसी बड़ी घटना होने का इंतजार है। लोगों ने कहा कि अगर इस संबंध में प्रशासन ने कोई सकारात्मक कदम नहीं उठाया तो वे धरना-प्रदर्शन करने को मजबूर होंगे।

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