पीने के पानी की समस्या को लेकर महिलाओं ने मटके फोड़े, किया हाईवे जाम

 नरवाना : नरवाना के शास्त्री नगर, बीरबल नगर व श्री विश्वकर्मा कालोनी में पिछले एक माह से पीने के पानी की समस्या बनी हुई थी। जिससे लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा था। अधिकारियों को शिकायत करने के बावजूद भी उनकी समस्या का कोई हल नहीं निकल रहा था। जिसके बाद लोग पूर्व चैयरमैन कैलाश सिगला के नेतृत्व में जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में पहुंचे और अधिकारियों को समस्या से अवगत करवाना चाहा। लेकिन वहां जेई के अलावा कोई अधिकारी न होने पर लोगों का गुस्सा फूट पड़ा और एक्सईएन कार्यालय के सामने ही दरी बिछाकर धरने पर बैठ गये। धरने पर काफी देर बैठने के बाद भी जब उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई, महिलाओं ने विभाग के कार्यालय प्रांगण में ही खाली मटके फोड़कर जमकर नारेबाजी की। यही नहीं बाद में महिलाओं व पुरुषों ने दिल्ली-पटियाला हाइवे का दोनों तरफ की सड़क जाम कर दी। महिलायें तपती दोपहरी में सड़क के बीच में बैठ गई। देखते ही देखते हाइवे पर वाहनों का लंबा जाम लग गया। वाहन चालकों को गर्मी के मौसम में परेशानी का सामना करना पड़ा

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प्रदर्शनकारियों का कहना था कि जब तक उनकी पीने के पानी की समस्या हल नहीं हो जाती, तब तक वे जाम नहीं खोलेंगे। जाम लगने की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और लोगों को समझाने का प्रयास करने लगे। लेकिन लोगों ने उनकी बातों को अनसुना कर दिया। इसी बीच तहसीलदार विजय कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों की समस्या को सुना। उन्होंने आश्वस्त किया कि उनकी समस्या जल्द हल करवा दी जायेगी। इसके लिए एसडीएम से बातचीत करवा दी जायेगी। जिसके बाद लोगों ने एक घंटे के बाद हाइवे पर लगे जाम को खोल दिया, तब जाकर वाहन चालक अपने गंतव्य की ओर रवाना हो गये।

पहले भी शास्त्री नगर, बीरबल नगर, श्री विश्वकर्मा कालोनी के लोग कर चुके हैं प्रदर्शन

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के मार्गदर्शन में लगा स्वास्थ्य जांच शिविर

हाईवे जाम करने वाले लोगों की यह पहली समस्या नहीं है, इससे पहले भी शास्त्री नगर, बीरबल नगर और श्री विश्वकर्मा कालोनी के लोग जनस्वास्थ्य विभाग के कार्यालय में प्रदर्शन कर चुके हैं। उस दौरान भी एक्सईएन मौके पर नहीं थे, तो उन्होंने एसडीओ व जेई को खरी-खरी सुनाई थी। जिसके बाद अधिकारी उनकी समस्या के समाधान करने के लिए मौके पर चले गये थे। अब फिर वही हालात बनने पर लोगों को हाइवे जाम करने जैसा कदम उठाना पड़ा।

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