नगर परिषद में काम ठप: सचिव हैं नहीं, ईओ को 5 दिन पहले विजिलेंस ले गई, सस्पेंड नहीं होने से लिंक ऑफिसर भी नहीं आ सकते… पेमेंट-टेंडर सब अटके

 

समस्याएं और विवाद नगर परिषद का पीछा नहीं छोड़ते। पिछले कुछ माह से लगातार यही हालात चल रहे हैं। पहले एनडीसी के मामले में कार्यकारी अधिकारी (ईओ) सस्पेंड हो चुके हैं। हाल ही में नए ईओ केके यादव आए तो उन्हें 5 दिन पहले ही एक दशक पुराने एनओसी फर्जीवाड़े में विजिलेंस टीम गिरफ्तार कर ले गई। सचिव पहले से नहीं है, ऐसे में अब ईओ का पद भी रिक्त होने से नगर परिषद में तमाम काम अटक गए हैं।

नगर परिषद में काम ठप: सचिव हैं नहीं, ईओ को 5 दिन पहले विजिलेंस ले गई, सस्पेंड नहीं होने से लिंक ऑफिसर भी नहीं आ सकते… पेमेंट-टेंडर सब अटके

अभी केके यादव की गिरफ्तारी तो हो गई है, मगर उन्हें सस्पेंड नहीं किया गया है। ऐसे में लिंक ऑफिसर भी ज्वाइन नहीं कर सकते। इससे नप के कई कामों पर ब्रेक लग गए हैं। भुगतान से लेकर टेंडर तक नहीं किए जा सकते, क्योंकि ईओ के माध्यम से ही कामों की प्रशासनिक मंजूरी दी जाती है।

हालात ये है कि ईओ के जाने से नगर परिषद की 10 अक्टूबर को होने वाली बैठक भी स्थगित करनी पड़ी, क्योंकि बैठक की कार्रवाई ईओ को ही की जानी थी। विकट हुई समस्या से चिंतित चेयरपर्सन पूनम यादव पार्षदों ने जिला नगर आयुक्त डॉ. सुभिता ढाका से भी मुलाकात की है।

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एडमिन अप्रूवल व बिल्डिंग नक्शे भी पास नहीं हो रहे

प्रॉपर्टी आईडी और एनडीसी के समस्या कभी खत्म नहीं हो रही। जो काम 8-10 दिन में हो जाने चाहिए, वो 1-2 महीने तक भी फाइलें अटकी रहती हैं। पार्षद हाउस की बैठक में मुद्दा उठा चुके, क्योंकि बना एनडीसी के लोग प्लॉटों की रजिस्ट्री भी नहीं करा पा रहे। अब एडमिशन अप्रूवल (प्रशासनिक मंजूरी) के साथ बिल्डिंग के नक्शे अटक गए हैं। ये काम ईओ के माध्यम से होते हैं। नक्शा पास हुए बिना किसी निर्माण कार्य शुरू ही नहीं किया जा सकता।

केंद्रीय मंत्री तक भी पहुंचा मामला

प्रधान पूनम यादव की ओर से स्थानीय सांसद एवं केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह के संज्ञान में भी मामला लाया गया है। उन्होंने कहा कि नप में अधिकारी का पद रिक्त होने से समस्या बनी हुई है। इधर, बताया जा रहा है कि प्रधान और पार्षदों ने डीएमसी ढाका से मुलाकात की तो उन्होंने कहा कि यह उनके स्तर का मामला नहीं है, बल्कि राज्य स्तर की बात है। इसके लिए वे उच्च अधिकारियों से पत्राचार जरूर कर सकती हैं। उन्होंने इस विषय में पत्र भेज भी दिया है।

निलंबन की स्थिति में आते हैं लिंक ऑफिसर

निकायों का निर्बाध तरीके से चलाने के लिए लिंक ऑफिसर की व्यवस्था दी गई है। यानी किसी अधिकारी के पद पर न रहने की सूरत में दूसरे अधिकारी से अतिरिक्त कार्यभार के माध्यम से काम चलाया जा सके। रेवाड़ी के लिए लिंक ऑफिसर चरखी दादरी नगर परिषद के ईओ हैं, मगर उन्हें उसी स्थिति में चार्ज दिया जा सकता है जब यहां के ईओ निलंबित हो गए हों।

विजिलेंस की कार्रवाई में फंस चुके रेवाड़ी के दो ईओ
ईओ केके यादव को 5 दिन पहले स्टेट विजिलेंस ब्यूरो टीम ने गिरफ्तार कर लिया था। केके यादव पर अंबाला कैंट में वर्ष 2013-14 के दौरान सचिव रहते हुए अवैध कॉलोनियों की एनओसी (नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट) और तबादले के तुरंत बाद एनडीसी (नो ड्यूज सर्टिफिकेट) जारी करने के आरोप हैं।

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आरोप है कि केके यादव ने करीब ढाई हजार एनओसी की, जिनमें से लगभग 1200 एनओसी गलत तरीके से होनी बताई। एनओसी के बदले 10 से 20 हजार रुपए तक वसूली करने के गंभीर आरोप लगे। इसके अलावा 23 जून को ट्रांसफर हो गया, मगर चार्ज छोड़ने के बाद भी 24 घंटे के अंदर 23 नो-ड्यूज सर्टिफिकेट (एनडीसी) जारी कर दी गई।

इस मामले में 2018 में आरोप सही पाए गए। कई लोगों की गिरफ्तारी पहले हो चुकी। केके यादव पर गाज अब गिरी। इससे पहले रेवाड़ी में एक प्रॉपर्टी आईडी व एनडीसी मामले में ईओ व एमई समेत 3 के खिलाफ केस दर्ज हुआ था। ईओ सस्पेंड हो चुके हैं।

 

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