गाय, गंगा व गीता भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ हैं: स्वामी ज्ञानानंद

स्वामी ज्ञानानंद ने किया श्री गौशाला का दौरा

एस• के• मित्तल 
सफीदों, गीता मनीषी महामंडलेश्वर स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने सोमवार को नगर के जींद रोड स्थित श्री गौशाला का दौरा किया। इस मौके पर उनके साथ हरियाणा गौसेवा आयोग के चेयरमैन श्रवण कुमार गर्ग व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य एडवोकेट विजयपाल सिंह विशेष रूप से मौजूद थे। गौशाला समिति के अध्यक्ष शिवचरण कंसल व सचिव संजय देशवाल ने गौशाला पहुंचने पर स्वामी ज्ञानानंद महाराज का फूलों की मालाएं पहनाकर अभिनंदन किया।
स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने गौशाला का निरीक्षण करके यहां की व्यवस्थाओं पर संतोष व खुशी जाहिर की। इस मौके पर स्वामी ज्ञानानंद ने अपने हाथों से गौमाता को गुड़ भी खिलाया। अपने संबोधन में स्वामी ज्ञानानंद महाराज ने कहा कि गाय, गंगा व गीता भारतीय संस्कृति के आधार स्तंभ है। इनका पूजन व संरक्षण करना प्रत्येक भारतीय का कर्तव्य है। गौवंश और गोप-गोपियों की रक्षा करने के लिए भगवान श्रीकृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को धारण किया था। हम सभी को अपने जीवन में गोवंश की सेवा व रक्षा का संकल्प अवश्य लेना चाहिए।
उन्होंने कहा कि भारतीय संस्कृति में गौवंश को हमेशा महत्व दिया गया है। अब वैज्ञानिकों ने यह प्रमाणित किया है कि गाय के दूध, घी, गोबर, मूत्र की हमारे स्वास्थ्य संवर्धन के लिए कितनी आवश्यकता है। गाय अपने आप में एक चलता-फिरता डाक्टर है। गाय में 33 करोड़ देवी-देवताओं का निवास है। गाय हर तरह से पूजनीय व वंदनीय है।

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