गरिमा-जीवन रक्षा के तहत 4252 लोगों की जानें बचाईं: ऑपरेशन मातृशक्ति से महिला जवानों ने 209 गर्भवतियों के प्रसव में मदद की

यात्रियों के जीवन में उजियारा फैला रहे आरपीएफ के जवानआरपीएफ जवानों के हौसले काे सलाम, जो चलती ट्रेनों से लेकर रेलवे स्टेशनों पर अपनी ड्यूटी के साथ यात्रियों की जान बचाने में अहम भूमिका निभा रहे हैं। मिशन जीवन रक्षा के तहत ट्रेनों व स्टेशन परिसर में 852 लाेगाें की जगह जान बचाई ताे ऑपरेशन गरिमा के तहत 3400 लाेगाें काे बचाया। एक साल में ऑपरेशन मातृशक्ति के तहत महिला जवानों ने 209 गर्भवती महिलाओ के प्रसव में की मदद की। अब सराहनीय कार्य करने वाले जवानों काे आरपीएफ के अधिकारियों ने सम्मानित किया है।

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इन ऑपरेशन से समझिए … किस तरह यात्रियों की मदद में अहम भूमिका निभा रहे आरपीएफ के जवान।

ऑपरेशन मातृशक्ति: महिला कर्मियों ने ट्रेन यात्रा के दौरान 209 गर्भवती महिलाओं की प्रसव पीड़ा के दौरान डिलीवरी में सहयोग किया।
मिशन जीवन रक्षा: जल्दबाजी में यात्री चलती ट्रेन में चढ़ने/उतरने की कोशिश करते हैं और फिसल कर गिर जाते हैं। ऐसे 852 लाेगाें की जान बचाई।
ऑपरेशन गरिमा: ऐसी महिलाओं एवं पुरुष/वयस्क, जिन्हें छोड़ दिया, निराश्रित, मानसिक रूप से विक्षिप्त 3400 लोगों को बचाया गया।
नन्हे फरिश्ते: जरूरतमंद बच्चों के लिए 143 रेलवे स्टेशनों पर सीएचडी संचालित किए जा रहे हैं। पिछले साल में 17,756 बच्चों को जवानों ने बचाया।
ऑपरेशन सेवा: बुजुर्ग नागरिकों की सहायता करते हैं। महिलाएं, शारीरिक रूप से अक्षम और बीमार व घायलों को अस्पताल पहुंचाना, एंबुलेंस मुहैया कराना, दवा और शिशु आहार आदि शामिल हैं। ऐसे 37000 से अधिक लोगों की सहायता की गई।
ऑपरेशन महिला सुरक्षा: ‘मेरी सहेली पहल’ की शुरुआत की गई। इसका उद्देश्य महिला यात्रियों, अकेले या लंबी दूरी की ट्रेनों में नाबालिगों के साथ यात्रा करने वाली महिला यात्रियों को उनकी पूरी यात्रा तक सुरक्षा प्रदान करना है।

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हिसार में अपनी जान पर खेलकर बचाई थीं 4 जानें
सितंबर 2022 में हिसार स्टेशन पर चलती ट्रेन में चढ़ने के प्रयास में चार यात्रियों को जवानों ने अपनी जान पर खेलकर बचाया था।
आरपीएफ थाना प्रभारी बीरबल व उनकी टीम ने पिछले 5 माह में 20 लोगों को परिजनों से मिलवाया।
दिसंबर में स्टेशन पर दाे गर्भवतियों की डिलीवरी करवाई गई। 64 यात्रियों काे उनके खोए सामान लौटाए गए।

आरपीएफ के जवान ड्यूटी के साथ-साथ समाजसेवा की भी मिसाल कायम कर रहे रहे हैं। ऐसे कुछ जवानों काे सम्मानित किया गया है, जबकि जल्द अन्य काे भी विभागीय अधिकारियों द्वारा सम्मानित किया जाएगा। – ले. शशि किरण, सीपीआरओ, उत्तर-पश्चिमी रेलवे।

 

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