खबर का असर,  मीडिया में समस्या उजागर होने पर जागा प्रशासन व पालिका

गंदगी से अटा आस्था व विश्वास का केंद्र नागक्षेत्र सरोवर शीर्षक से आज छपी थी खबर

नागक्षेत्र सरोवर में सफाई के लिए पहुंचा पालिका का अमला

हांसी ब्रांच में भी आया पानी, जल्द सरोवर में पानी भरने की हुई उम्मीद

एस• के• मित्तल      
सफीदों,        नगर के नागक्षेत्र सरोवर की सफाई की बदहाल स्थिति व पानी ना आने की समस्या मीडिय़ा में सामने आने के बाद प्रशासन व पालिका की आंखे खुली है। पालिका एक अमला वीरवार को इस ऐतिहासिक महत्व के सरोवर पर पहुंचा और सफाई अभियान चलाया। यह सफाई किस स्तर पर और कितने दिन होती है यह भविष्य के गर्भ में है।
नगर पालिका कर्मचारियों ने एक घाट पर सफाई के कार्य की शुरूआत की और वहां से कुछ कुड़ा-कर्कट उठाकर ट्रॉली में डालकर ले गए। वहीं दूसरी ओर इस सरोवर में हांसी ब्रांच नहर से पानी आता है और यह नहर काफी समय से सुखी पड़ी थी। पानी ना आने के कारण इस जलाशय में रहने वाले जीव-जंतुओं पर भी जीवन का संकट पैदा हो गया था। सरोवर में खड़ा पानी गर्म होकर सडांध मारने लगा था। सफाई शुरू होने व सरोवर में पानी आने से इस सरोवर व मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं में खुशी देखने को मिली और वे मन ही मन मीडिया का धन्यवाद कर रहे थे जिन्होंने इस समस्या को उजागर करके निराकरण करवाया। गौरतलब है कि ऐतिहासिक नगरी सफीदों के बीचोबीच स्थित नागक्षेत्र सरोवर आज दुर्दशा का दंश झेलने की समस्या मीडिया में जोरदार ढंग से उठाया था।
आस्था व विश्वास का केंद्र नागक्षेत्र सरोवर के घाट क्षतिग्रस्त अवस्था में है तथा चारो ओर गंदगी का आलम है। कुरूक्षेत्र विकास बोर्ड के अधीन आने वाले इस सरोवर की ओर ना तो प्रशासन, ना पालिका और ना ही मंदिर कमेटी का कोई ध्यान नहीं है।  हालात यह है कि सरोवर के पौडियों पर काई जमी हुई है, कचरा पड़ा हुआ है तथा पोलीथिनों के अंबार लगे हुए है। सरोवर का पानी गर्मी के कारण सड़ चुका है। उल्लेखनीय है कि सरोवर में ताजा पानी लाने के लिए इसके निर्माणकत्र्ताओं ने इसे साथ बह रही हांसी ब्रांच नहर से जोड़ा गया था।
पिछले काफी समय से हांसी ब्रांच नहर में पानी नहीं आ रहा है। नहर में पानी ना आने के कारण इस सरोवर में भी पानी नहीं आ रहा है। पीछे से पानी ना आने के कारण सरोवर में जो पानी खड़ा है वह भयंकर गर्मी में सुखकर संडाध मारने लगा है। पानी की संडाध के कारण इस जलाशय की मछलियों व अन्य जीव-जंतुओं के ऊपर जीवन का संकट मंडराने लगा है।

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