इंशानियत का पर्याय जिंदगी में समेटना न होकर समाज में बांटना : आयुक्त चन्द्र शेखर

अधिकारी रिसिवर के साथ-साथ मैसेंजर का भी करें कार्य: उपायुक्त डॉ मनोज कुमार

एस• के • मित्तल 

जींद,       हिसार मंडल के आयुक्त चन्द्र शेखर ने कहा कि गरीबों व जरूरतमंदों की मदद करने से आत्म संतुष्टि मिलती है। अधिकारियों द्वारा अपनी डयूटी के साथ-साथ निष्काम और निस्वार्थ भाव से समाज सेवा करना बहुत ही पुनीत कार्य है। एक अधिकारी के रूप में हम सभी का दायित्व है कि हम समाज के प्रति अपने दायित्व को समझें और उसकी भलाई के लिए कार्य करें। उन्होंने कहा कि इंशानियत का पर्याय जिंदगी में समेटना न होकर समाज में बांटना है।

लिहाजा प्रत्येक व्यक्ति को चहिए कि वह अपना अर्जित ज्ञान, कौशल व अन्य सार्थक सम्पत्ति को अन्य लोगों के साथ सांझा करते रहना चाहिए। आयुक्त श्री चन्द्र शेखर बुधवार को चौधरी रणवीर सिंह विश्वविद्यालय के सभागार में जिला के वरिष्ठ अधिकारियों को सम्बोंधित कर रहे थे। इस कार्यक्रम में प्रेरणादायक वीडियो कल्पिंग दिखाकर अधिकारियों को अपने कार्य के प्रति निष्ठावान होने की प्रेरणा दी गई । इस अवसर पर उनके साथ अतिरिक्त उपायुक्त्त साहिल गुप्ता, नगरायुक्त सुरेन्द्र सिंह, जींद की एसडीएम मेजर गायत्री अहलावत,सफीदों के एसडीएम सत्यवान सिंह मान,आरटीए प्रतीक हुडडा,शुगर मिल के एमडी प्रवीण कुमार, नगराधीश अमित कुमार, जिला परिषद की डिप्टी सीईओ रेणूका नांदल के अलावा जिला के तमाम वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। आयुक्त ने कहा कि हमारा जीवन ईश्वर का दिया हुआ सर्वश्रेष्ठ उपहार है।
इस जीवन रूपी उद्यान को सुगंध से परिपूर्ण बनाने के लिए संकल्प, संस्कार, सुविचार व समर्पण भाव से पोषित करना आवश्यक है। हर व्यक्ति अपने जीवन में अलग-अलग भूमिकाएं निभाता है। हर रूप में उसके कुछ अधिकार और दायित्व भी होते हैं। सरकार ने हमें लोगों की भलाई करने के लिए अधिकारिक रूप से काम करने के लिए बैठाया है। अधिकारो का उपयोग सब करना चाहते हैं। परन्तु जब दायित्व निभाने की बात आती है तो सबसे पहला प्रश्न जो दिमाग में कौंधता है वह है उससे मुझे क्या मिलेगा, मेरा क्या फायदा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि व्यक्ति के अधिकार, दायित्व और जबावदेहिता साथ-साथ चलते हैं। जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए जिम्मेदारी लेना जरूरी है। एक गुण जो सभी सफल व्यक्तियों में होता है वो है जिम्मेदारी लेने की क्षमता। अत: अपने दायित्वों को स्वीकार करना चाहिए और समझना चाहिए कि जहा हम पहुंचना चाहते हैं वहां अपने देश और समाज को भी ले जा सकते हैं। अक्सर पारिवारिक दायित्वों के निर्वाह के प्रति सजगता देखी जाती है और सामाजिक दायित्वों को अनदेखा कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि अपने देश और समाज से ही हमारी पहचान होती है। जिस तरह से हम निस्वार्थ भाव से अपने परिवार की सेवा करते हैं उसी प्रकार अपने देश और समाज के प्रति हमारी जिम्मेदारी बनती है।
जिस समाज में हमने जन्म लिया और जहां हमें प्रगति के मार्ग पर अग्रसर होने के लिए अवसर व सुविधाएं प्राप्त हुईं उस देश व समाज के लिए हमें पूरी ईमानदारी-समझदारी व जिम्मेदारी से अपने दायित्वो का निर्वहन करना चाहिए। पूरी निष्ठा व ईमानदारी से दायित्व निर्वाह का सबसे अच्छा उदाहरण प्रस्तुत करते हैं हमारे सैनिक, जो देश और देशवासियों की सुरक्षा के लिए 24 घटे बार्डर पर तैनात रहते हैं। अपने प्रियजनों से दूर रहकर विषम परिस्थितियों का सामना करते हैं लेकिन कर्तव्य से विमुख नहीं होते। परंतु हम सभी आधारभूत सुविधाएं होने के बाद भी अपनी छोटी-छोटी जिम्मेदारिया जैसे- साफ-सफाई, नियमों का पालन करना, गरीब व जरूरतमंद लोगों तक लाभ नही पंहुचाना इत्यादि को निभाने में भी कई बार असमर्थ होते हैं।
कार्यक्रम में उपायुक्त डॉ• मनोज कुमार ने कहा कि  गरीब लोगों के लिए हमारा देश विविधता में एकता के सिद्धान्त में विश्वास रखता है जहां एक से अधिक धर्म, जाति, पंथ, सम्प्रदाय और भाषाओं के लोग एक साथ रहते हैं। यह वह देश है जो अपनी संस्कृति, परंपरा और ऐतिहासिक धरोहरों के कारण पूरी दुनिया में प्रसिद्ध है। वहीं दूसरी तरफ यहां भ्रष्टाचार, आतंकवाद, गरीबी, प्रदूषण तथा महिलाओं के खिलाफ अपराध जैसी समस्यायें विकराल रूप धारण करती जा रही हैं। अधिकारी अपने दायित्वों का निर्वाह पूरी ईमानदारी से करें तो बहुत जल्द इन समस्याओं से मुक्ति मिल सकती है। प्रत्येक नागरिक विभिन्न तरीकों से अपने देश की तरक्की के लिए जिम्मेदार है। उन्होंने कहा कि अपने घर और आसपास के वातावरण को साफ और स्वच्छ रखना चाहिए, जिसके कि परिवार स्वस्थ्य और खुशहाल रह सके। अधिकारी को अनुशासित, समय का पाबंद व अपनी डयूटी के प्रति निष्ठावान होना चाहिए। व्यर्थ में समय गंवाए बिना अपने दायित्वों को वफादारी के साथ निभाना चाहिए। उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों का भली भाति पालन करते हुए एक नयी व अच्छी शुरूआत करने का समय है। जीवन की सार्थकता इसी में है कि हमारा आचरण व व्यवहार ऐसा हो कि हमारे जाने के बाद भी हम लोगों के दिल में रहें। उपायुक्त ने अधिकारियों को कहा कि हमारा अन्त्योदय के साथ जुड़ाव होना चाहिए। डयूटी का निर्वहन करते हुए गरीब लोगों की भलाई के लिए कार्य करना चाहिए। सरकार द्वारा पंक्ति में खड़े अन्तिम व्यक्ति तक योजनाएं लागू की गई है। इन सभी योजनाओं के लिए रिसिवर के साथ-साथ मेसेंजर का भी कार्य करना चहिए। उपायुक्त ने जिला में लागू की जा रही योजनाओं की आयुक्त को विस्तार से जानकारी दी। उन्होंने रानी तालाब के सौन्दर्यकरण, पार्को के नवीनिकरण, शहर की स्ट्रील लाईट, हर घर तिरंगा, शहर की पार्किंग व्यवस्था, शहर में स्वच्छता को लेकर किये जाने वाले कार्य जैसी योजनाओं को विस्तारपूर्वक बताया। पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र बिजारनियां ने कहा कि कई बार प्रशासन द्वारा समय पर आम जन को दी जा रही सुविधाओं का फायदा पुलिस का भी मिलता है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा जो सुविधाएं, सेवाएं लाभार्थी को मिलती है उसे अविलम्ब प्रशासन को सम्बधित लोगों तक पंहुचाना चाहिए जिससे किसी प्रकार की कोई रास्ता जाम, धरना प्रदर्शन जैसे हालात पैदा ही न हों। उन्होंने कहा कि पुलिस हमारे समाज में अपनी अहम भूमिका निभाती है। देश के अंदर की सुरक्षा और कानून व्यवस्था की देख-रेख, पुलिस ही करती है। समाज में किसी भी प्रकार के अपराध को रोकना पुलिस का कर्त्तव्य है। लोग कभी भी अपनी सुरक्षा या किसी भी प्रकार की गंभीर समस्या के खिलाफ शिकायत पुलिस से कर सकते हैं। देश के नागरिकों की सुरक्षा करना पुलिस का परम कर्त्तव्य है। समाज में लोग अच्छी तरह से कानून व्यवस्था और अनुसाशन का पालन करें, पुलिस इसकी निगरानी हमेशा करती है। समाज में अगर पुलिस ना होती तो अपराध और अधिक तेज़ी से बढ़ जाते। पुलिस का कर्त्तव्य व दायित्व है कि वह समाज में चोरी, डैकती, हत्या, दंगे जैसे अपराधों पर नियंत्रण रखे और समाज में शांति व्यवस्था बनाए रखे। सभी नागरिको के जान की सुरक्षा करना पुलिस की अहम जिम्मेदारी है। संविधान के अनुसार नियमों और कानून का पालन करना पुलिस का दायित्व है। समाज में रहने वाले आम जनमानस में इस विश्वास को कायम रखना पुलिस का सर्वोच्च कर्त्तव्य है। लोगों की जान, माल की रक्षा करना पुलिसवालों का धर्म है।

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