अनशनकारी बाबा रामकेवल की गांधीगिरी:: ये हैं शहर के गांधी, जब सरकार और पऱ्शासन नहीं सुनता तो समस्याओं को लेकर बैठ जाते हैं अनशन पर

 

फरीदाबाद। प्लाली-हार्डवेयर बनाने की मांग को लेकर धरने पर बैठे बाबा रामकेवल को जूस पिलाकर अनशन समाप्त कराते हरियाणा सरकार के मंत्री मूलचंद शर्मा। फाइल फोटो

  • अनशनकारी बाबा रामकेवल 21 साल में 20 बार बैठे अनशन पर, हर बार सरकार व पऱ्शासन ने मानी इनकी मांग

ये है 59 वर्षीय शहर के गांधी रामकेवल। शहर इन्हें अनशनकारी बाबा रामकेवल के नाम से पुकारता और जानता है। शहर की समस्याओं को लेकर ये चाहे जब अनशन पर बैठ जाते हैं। 2002 में इन्होंने शहर की समस्याओं के खिलाफ अनशन का बिगुल बजाया था, तब से लेकर अभी तक ये 20 बार अनशन पर बैठ चुके हैं। हर बार इनकी समस्या का समाधान सरकार और पऱ्शासन ने किया। फरीदाबाद ही नहीं यह हिमाचल के चंबा और यूपी के अमेठी में भी जनता की समस्याओं को लेकर अनशन पर बैठ चुके हैं।

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वर्ष 2002 से अनशन की शुरुआत की थी:

फरीदाबाद की आगरा-गुड़गांव नहर पर अंगऱ्ेजों के जमाने के बने 11 फुट चौड़े पल्ला पुल को लेकर 2002 में तत्कालीन ओपी चौटाला सरकार के समय बाबा ने पहली बार अनशन शुरू किया था। नहर पर पुल बहुत संकरा था। इससे यहां जाम लगने के साथ ही लोग नहर में गिर जाते थे। बाबा ने नहर पर 22 फुट चौड़ा पुल बनाने की मांग की थी। बाबा के अनशन को देखते हुए तत्कालीन हरियाणा सरकार के सहकारिता मंत्री करतार सिंह भड़ाना ने यहां सीएम ओमपऱ्काश चौटाला की रैली कराई। उस रैली में चौटाला ने 22 फुट चौड़ा पुल बनाने की घोषणा की थी। बाद में यह पुल बन गया।

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लेकिन इस पुल के बनने के कुछ साल बाद फिर जाम की समस्या गंभीर हो गई। इसके बाद 2014 में नहर पर एतमातपुर और पल्ला में पुल बनाने की मांग को लेकर बाबा 1 से 15 जून तक अनशन पर बैठे। फिर उनकी मांग मान ली गई। लेकिन इसी साल हुए विधानसभा चुनाव में सरकार बदल गई और बीजेपी की सरकार आ गई। 2015 तक जब बीजेपी सरकार ने उनकी मांग पर अमल नहीं किया तो वे मार्च 2015 में फिर अनशन पर बैठ गए। तब तिगांव के ललित नागर कांगऱ्ेस से विधायक थे, उन्होंने सीएम मनोहर लाल के सामने सदन में नहर पर पुल बनाने की मांग रखी। यह मांग मान ली गई और 17.50-17.50 करोड़ के दो पुल एतमादपुर और पल्ला में बन गए। इसके बाद बाबा ने 2 जुलाई से 9 जुलाई 2014 तक ददसिया की साढ़े सात किलोमीटर की सड़क बनाने की मांग को लेकर अनशन किया। तब तत्कालीन सरकार ने उनकी मांग को मंजूर कर लिया था और सड़क बन भी गई। इसके बाद बाबा ने नगर निगम में चल रहे घोटाले के खिलाफ कार्रवाई और जांच को लेकर 2017 में अनशन शुरू किया। तब यह घोटाला करीब 30-40 करोड़ का था। बाद में यह बढ़कर 200 करोड़ तक पहुंच गया था। तब भाजपा सरकार की स्थानीय निकाय मंत्री कविता जैन और उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने इस मामले की इंक्वायरी कराने का आश्वासन देकर अनशन समाप्त कराया था। इस मामले की जांच शुरू हुई और कई अफसरों की गिरफ्तारी भी हुई। अभी एसीबी मामले की जांच कर रहा है। बाबा ने नेहरू कालेज की पुरानी बिल्डिंग को लेकर 2017 में 22 दिन तक अनशन किया था। तब तत्कालीन शिक्षामंत्री रामविलास शर्मा और उद्योग मंत्री विपुल गोयल ने मांग को जायज बताया था। इसके बाद सरकार ने नई बिल्डिंग के लिए 50 करोड़ की राशि मंजूर कर दी थी। आज नई बिल्डिंग बनकर तैयार है। यही नहीं शहर की मुख्य सड़क प्लाली-हार्डवेयर का इतना बुरा हाल था कि इस पर चलना लोगों का मुश्किल हो रहा था। इस 1.1 किलोमीटर लंबी सड़क को लेकर बाबा ने दो बार अनशन किया। पहली बार 2018 में 13 दिन और दूसरी बार 2021 में 36 दिन अनशन पर बैठे। इसके बाद 9 अपऱ्ैल 2021 को हरियाणा सरकार के कैबिनेट मंत्री मूलचंद शर्मा मौके पर पहुंचे और जल्द सड़क बनाने का आश्वासन देकर अनशन खत्म कराया। इसके बाद 18 अपऱ्ैल को सड़क बनाने के कार्य का मंत्री ने शुभारंभ किया। सड़क बन चुकी है। अब फुटपाथ बन रहा है। इसके बाद बाबा ने सेहतपुर-पल्ला क्षेत्र में सीवर और सड़क की समस्या को लेकर 18 से 22 अगस्त 2023 तक अनशन शुरू किया। इसके बाद 147 करोड़ रुपए अमृत योजना के तहत सीवर लाइन के लिए सेंशन हो गए हैं। साथ ही सेहतपुर-पल्ला सड़क के लिए भी 2.30 करोड़ की राशि मंजूर हो गई है।

 

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हिमाचल व यूपी में भी बाबा अनशन कर चुके:

बाबा रामकेवल सिर्फ फरीदाबाद ही नहीं वे हिमाचल के चंबा और यूपी के अमेठी में भी अनशन पर बैठ चुके हैं। हिमाचल में दो पऱ्धानों द्वारा किए जा रहे सरकारी पैसे के गमन और जमीन कब्जाने के विरोध में बाबा 2021 में अनशन पर बैठे थे। इसके बाद वहां के पऱ्शासन ने दोनों पऱ्धानों को सस्पेंड कर इनके खिलाफ इंक्वायरी शुरू की। इसी तरह यूपी के अमेठी में साढ़े 17 किलोमीटर सड़क बनाने की मांग को लेकर 2022 में वहां अनशन पर बैठे थे। तब वहां के तत्कालीन विधायक और वहां के एडीएम ने मौके पर आकर सड़क बनाने का आश्वासन दिया था। इसके बाद उन्होंने अनशन समाप्त कर दिया था। बाबा का कहना है कि जनता और शहर की समस्याओं के लिए उनका यह आंदोलन इसी तरह जारी रहेगा।

 

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