DRDO ने लॉन्च की स्वदेशी असॉल्ट राइफल उग्रम: 500 मीटर तक निशाना साध सकती है, 4 किलोग्राम से कम वजन

 

अलग-अलग लेवल पर इस राइफल की टेस्टिंग होगी। इसके बाद राइफल को सेना के लेने पर विचार किया जाएगा।

रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) ने एक प्राइवेट कंपनी के साथ मिलकर 7.62 x 51 मिमी कैलिबर की एक अत्याधुनिक,स्वदेशी असॉल्ट राइफल ‘उग्रम’ (Ugram) लॉन्च की है। DRDO ने इस राइफल को डिजाइन, डेवलप किया है।

महिला CEO ने 4 साल के बेटे की हत्या की: खबर मिलते ही एक्स हसबैंड जकार्ता से लौटा, पोस्टमार्टम की सहमति दी

इस राइफल को सशस्त्र बलों, अर्धसैनिक बलों और राज्य पुलिस ऑपरेशनल जरूरतों के हिसाब से डिजाइन किया गया है। पुणे में DRDO के आर्मामेंट और कॉम्बैट इंजीनियरिंग सिस्टम के डायरेक्टर जनरल डॉ. शैलेन्द्र वी गाडे ने इस राइफल का अनावरण किया।

पुणे स्थित DRDO की लेबोरेटरी आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट (ARDE) ने हैदराबाद की डीवीपा आर्मर इंडिया प्राइवेट लिमिटेड के साथ मिलकर राइफल बनाई है। राइफल के बैरल बनाने की यूनिट ARDE में ही लगाई गई है। रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण देश में AK-203 राइफल की सप्लाई प्रभावित हुई है। इसे देखते हुए उग्रम बनाई गई है।

दिसंबर में रक्षा अधिग्रहण परिषद ने आर्म्ड फोर्सेस के लिए इसी कैलिबर की 70 हजार यूएस-निर्मित एसआईजी सॉवर असॉल्ट राइफल की खरीद के लिए मंजूरी दी थी।

उग्रम राइफल की विशेषताएं

  • राइफल की रेंज 500 मीटर है।
  • इसका वजन चार किलोग्राम से कम है।
  • राइफल में 20 राउंड मैगजीन लोड की जा सकती हैं।
  • सभी जरूरी कंपोनेंट स्टील के बने हैं।
  • यह सिंगल और फुली ऑटोमैटिक दोनों मोड में फायर कर सकती है।
  • इसे भारतीय सेना के जनरल स्टाफ क्वालिटेटिव रिक्वायरमेंट्स (GSQR) के आधार पर डिजाइन किया गया है।

‘उग्रम’ राइफल की तुलना लेटेस्‍ट AK और AR टाइप राइफलों से हो सकती है। इसका डिजाइन रिवेट-फ्री है जो इसे और मजबूत बनाता है। 2020 में ऐसी 72,000 से ज्यादा राइफलें पहले ही खरीदी जा चुकी हैं। DRDO की ‘उग्रम’ राइफल को अभी कई इंटरनल टेस्ट और ट्रायल से गुजरना होगा। उसके बाद ही इसे सेना में शामिल करने पर विचार किया जाएगा
100 दिनों में बनाई-राजू

ARDE के निदेशक अंकथी राजू ने कहा, “यह दो साल पहले शुरू किया गया एक मिशन मोड प्रोजेक्ट था।राइफल डिजाइन करने के बाद हमने विकास और निर्माण के लिए एक निजी उद्योग भागीदार की तलाश शुरू कर दी। इसके साथ ही हमने अपनी जानकारी के जरिए इसके हार्डवेयर पर काम करना शुरू कर दिया।राइफल को 100 दिनों के भीतर निर्मित किया गया।”

प्रदेश की गौशालाओं को बांटी जा रही है 40 करोड़ की ग्रांट: श्रवण गर्ग कहा: 13 जनवरी को सफीदों में बांटी जाएगी क्षेत्र की गौशालाओं को ग्रांटे

अंकथी राजू ने बताया कि अब अलग-अलग लेवल पर इस राइफल की टेस्टिंग होगी। इस राइफल की सटीकता और स्थिरता की जांच की जाएगी। राइफल की टेस्टिंग ऊंची, रेगिस्तानी इलाकों आदि सहित विभिन्न मौसम और भौगोलिक परिस्थितियों में किया जाएगा।

 

खबरें और भी हैं…

.
गणतंत्र दिवस समारोह को लेकर एसडीएम ने ली अधिकारियों की बैठक अधिकारी एवं कर्मचारी अपनी ड्यूटी निष्ठापूर्वक निभाएं: मनीष फोगाट

.

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *