CM सिटी में लगाई जा रही कूड़े में आग: घुट रहा लोगों का दम, 248 माइक्रोग्राम पर पहुंचा जिले का प्रदूषण स्तर

प्रदेश सरकार भले ही करोड़ो रुपए खर्च करके बढ़ते वायु प्रदूषण को कम करने के प्रयासों पर अपनी थपथपाती है। लेकिन CM सिटी करनाल में नगर निगम के अधिकारी इन प्रयासों की खुलेआम अवेहलना कर रहे है। करनाल में भले ही एक सप्ताह पहले सफाईकर्मचारियों की हड़ताल खत्म हो चुकी है। लेकिन उसके बाद भी शहर में जगह-जगह कूड़े के ढेरों में आग लगाई जा रही है, जिससे हवा दमघोटू होती जा रही है। अगर हम करनाल के प्रदूषण का स्तर की बात करे तो 248 माइक्रोग्राम पर पहुंच गया है यानी अब करनाल जिला प्रदूषण के मामले में रेड श्रेणी में पहुंच गया है।

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कूड़े में लगी आग को बुझाती दमकल विभाग की टीम।

कूड़े में लगी आग को बुझाती दमकल विभाग की टीम।

सोमवार देर रात को भी करनाल मुगल कनाल में कूडे़ के ढेर में आग लग गई। आग इतनी बढ़ गई की मौके पर ही दमकल विभाग की गाड़ी को बुलाया गया। जिसने मौके पर पहुंच कर आग पर काबू पाया। दमकल विभाग की गाड़ी को भी तब बुलाया गया जब आसपास के लोगों का धुंए से दम घुटने गला। आग बुझने के बाद आसपास के लोगों ने राहत की सांस ली।

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अगा पर काबू करते कर्मचारी।

अगा पर काबू करते कर्मचारी।

स्वच्छता रैंक में शर्मनाक प्रदर्शन के बाद नहीं संभले

बता दे कि अक्टूबर माह की शुरुआत में स्वच्छ सर्वेक्षण में करनाल को 85वां रैंक मिला था जबकि बीते वर्ष 86 वें रैंक पर था। एक साल के दौरान नगर निगम और स्मार्ट सिटी के अधिकारी शहर से गंदगी को खत्म करने के लिए सफल नहीं हो सके। करोड़ों रुपये के विकास की योजनाओं पर शोर डालने वाले एक साल से शहर की स्वच्छता पर सुधार नहीं कर पाए हैं। आज भी जगह-जगह गंदगी के ढेरों के कारण लोगों को कपड़े से मुंह ढककर निकलना पड़ रहा है।

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रात को मौके पर मौजूद स्थानीय लोग।

रात को मौके पर मौजूद स्थानीय लोग।

बदहाल सड़कें व बदबू मारते शौचालय

सफाई कर्मचारियों की हड़ताल खत्म हुए भी अब एक सप्ताह से ज्यादा का समय बीत चुका है। लेकिन उसके बाद भी जिम्मेदार नगर निगम के अधिकारियों की कार्यप्रणाली का नतीजा है कि शहर की सड़कों पर गंदगी का आलम है और पब्लिक टायलेट प्रयोग करने लायक नहीं हैं। बदबू के कारण लोग शौचालय के बाहर ही खड़े होने लगे हैं। भीड़-भाड़ वाले क्षेत्रों में महिलाओं के लिए साफ-सुथरे शौचालय नहीं हैं और मोहल्लों सहित शहर की हर सड़क पर गंदगी से भरे पॉलीथिन फैंके हुए देखे जा सकते हैं। लघु सचिवालय सहित शहर के अलग-अलग हिस्सों में लगभग 240 डंपिंग प्वाइंट स्मार्ट सिटी का रुतबे को कम कर रहे हैं।

 

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