20 साल बाद ममेरा भाई काबू: नाबालिग कजन से रेप कर गर्भवती किया था; चंडीगढ़ पुलिस यमुनानगर से दबोच लाई

रिश्तों का खून करने वाले एक ममेरे भाई को चंडीगढ़ पुलिस लगभग 20 साल बाद पकड़ कर लाई है। उसने अपने दोस्त के साथ मिल अपनी नाबालिग कजन के साथ कई दिनों तक रेप किया। बाद में नाबालिग गर्भवती हुई और मां बन गई थी। चंडीगढ़ जिला अदालत ने आरोपी को वर्ष 2005 में भगौड़ा करार दे दिया था। पुलिस ने खुफिया जानकारी के आधार पर उसे काबू किया।

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उत्तर प्रदेश के जिला आजमगढ़ निवासी अमर नाथ (बदला नाम) के खिलाफ सेक्टर 36 पुलिस थाने में 21 सितंबर, 2002 को किडनैपिंग, शादी के लिए मजबूर करने के मकसद से किडनैप करने, विवाहित होने के बावजूद शादी के लिए विवश करना, गुप्त जगह पर कैद में रखने, रेप और धमकाने की धाराओं में केस दर्ज किया गया था।

पत्नी के बीमार होने के बहाने से पीड़िता को ले गया
मामले में शिकायतकर्ता दिल्ली की रहने वाली नाबालिग लड़की (पीड़िता) थी। उसने पुलिस को शिकायत दी थी कि वह अपने परिवार के साथ दिल्ली की एक कॉलोनी में रहती थी। उसका ममेरा भाई था, जो शादीशुदा था। वह अकसर पीड़िता के घर आता था। 12 जून, 2020 को वह पीड़िता के घर आया था। जिसके बाद 15 जून, 2020 को फिर आया और पीड़िता को कहा कि उसकी पत्नी की हालत ठीक नहीं है। उसने पीड़िता को अपने साथ उसे देखने चलने को कहा। उसने पीड़िता के परिवार से मंजूरी ले ली। पीड़िता रिश्तेदार होने के चलते उसके साथ चली गई।

4 दिनों तक दोस्त के साथ मिल रेप किया
आरोपी पीड़िता को चंडीगढ़ अपने दोस्त के घर ले आया। यहां आरोपी रिश्तेदार और उसके दोस्त ने पीड़िता के साथ 4 दिनों तक रेप किया। इसके बाद उसकी अश्लील तस्वीरें खींच ली। वहीं शिकायतकर्ता को धमकी दी कि अगर उसने किसी को इस घटना के बारे में बताया तो वह उसकी तस्वीरें रिश्तेदारों में फैला देंगे और उसे बदनाम कर देंगे। इसके बाद आरोपी शिकायतकर्ता को चंडीगढ़ सेक्टर 52 में गांव कजेहड़ी में ले गया था।

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जुलाई, 2001 में पीड़िता मां बनी
8 जुलाई, 2001 को शिकायतकर्ता ने सेक्टर 16 गवर्नमेंट मल्टी स्पेशलिटी हॉस्पिटल में एक बच्चे को जन्म दिया। उसने किसी तरह हिम्मत कर परिवार को घटना की जानकारी दी। आरोपी ने परिवार को धमकी दी कि अगर पुलिस को शिकायत दी तो वह बच्चे को मार डालेगा। हालांकि बाद में पुलिस को शिकायत दे दी गई और पुलिस ने संबंधित धाराओं में केस दर्ज किया।

2005 में कोर्ट ने भगौड़ा करार दिया था
22 सितंबर, 2005 को आरोपी को चंडीगढ़ जिला अदालत के तत्कालीन ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट एमडीएस ढिल्लो की कोर्ट ने भगौड़ा करार दे दिया। पुलिस के मुताबिक आरोपी काफी शातिर था। वह अकसर अपने पते और शहर बदल लेता था। वह बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, यमुनानगर जैसी जगहों पर रहने लगा। चंडीगढ़ पुलिस के PO स्टाफ ने बिहार, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, यमुनानगर जैसी जगहों पर रेड की। इस दौरान उसकी यमुनानगर में जगाधरी की गडोली कॉलोनी से गिरफ्तारी की गई।

 

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