श्रीमद्भागवत कथा सुनने से प्राणी को प्राप्त होती है मुक्ति: शंकरानंद सरस्वती

 

 

एस• के• मित्तल   

सफीदों, नगर के महाभारतकालीन नागक्षेत्र तीर्थ के मंदिर हाल में भक्ति योग आश्रम के तत्वावधान में शुक्रवार को श्रीमद् भागवत अमृत कथा सप्ताह का शुभारंभ हुआ। शुभारंभ अवसर पर विशाल कलश शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा में रथ में कथा व्यास स्वामी डा. शंकरानंद सरस्वती महाराज विराजमान रहे।

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वहीं महिलाएं सिर पर कलश धारण करके यात्रा के आगे-आगे चल रहीं थी। यात्रा में ढोल नंगाडों की थाप पर श्रद्धालुगण जमकर थिरके। इस मौके साध्वी मोक्षिता विशेष से उपस्थित रही। इस दौरान मुख्य यजमान समाजसेवी राकेश दीवान रहे। इस शोभायात्रा का नागक्षेत्र सरोवर से शुभारंभ होकर विभिन्न बाजारों व मौहल्लों से होते हुए प्रारंभ स्थल पर आकर विराम हुआ। इस आयोजन में दशहरा कमेटी, बंधू सेवा ट्रस्ट, उड़ान चैरिटेबल ग्रुप, विश्व हिंदू परिषद, लेगेसी फाऊंडेशन, युवा मित्र मंडल व कर्मकाण्डी ब्राह्मण परिषद सहित अनेक सामाजिक एवं धार्मिक संस्थाओं का विशेष सहयोग प्राप्त हुआ।

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कथा के प्रथम दिन श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए स्वामी डा. शंकरानंद सरस्वती ने कहा कि श्रीमद् भागवत कथा सुनने से मनुष्य का आध्यात्मिक विकास और भगवान के प्रति भक्ति गहरी होती है। भगवान की विभिन्न कथाओं का सार श्रीमद् भागवत है और मनुष्य को मोक्ष प्रदान करने वाली है।

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श्रीमदभागवत कथा सुनने से प्राणी को मुक्ति प्राप्त होती है। माघ महीने में श्रीमद् भागवत कथा सुनना पुण्यकारी माना जाता है। उन्होंने कहा कि श्रीमद् भागवत का अर्थ भक्ति, ज्ञान, वैराग्य और तारण है।

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