विद्यालय एवं तकनीकि शिक्षा बोर्ड छत्तीसगढ़ के परीक्षक नियंत्रक ने लगाए आरोप, हाइकोर्ट की रोक के बाद भी दर्ज की एफआईआर

 

बोर्ड के पास 7 नवंबर 2012 से 7 मार्च 2015 तक 10वीं और 12वीं परीक्षाओं की मान्यता

 

एस• के• मित्तल

पंचकूला, विद्यालय एवं तकनीकि शिक्षा बोर्ड छत्तीसगढ़ के खिलाफ पुलिस द्वारा एफआइआर दर्ज करने के बाद बोर्ड के परीक्षक नियंत्रक एमएस भारती ने झूठा केस दर्ज करने का आरोप लगाया है।

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एमएस भारती ने कहा है कि उनकी संस्था को 7 नवंबर 2012 को दसवीं एवं 12वीं परीक्षाओं की अस्थाई समक्षता माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर (गर्वनमेंट बोर्ड) छत्तीसगढ़ की ओर से प्रदान की गई थी। वर्ष 2013 में माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर (गर्वनमेंट बोर्ड) छत्तीसगढ़ द्वारा प्रकाशित मान्यता पुस्तिका नंबर 216 में उनके बोर्ड का नाम भी दर्ज है। 7 नवंबर 2012 से 7 मार्च 2015 तक 10वीं और 12वीं परीक्षाओं की समक्षता माध्यमिक शिक्षा मंडल रायपुर (गर्वनमेंट बोर्ड) छत्तीसगढ़ के समकक्ष थी। इस दौरान जिन छात्रों ने 10वीं एवं 12वीं की परीक्षाएं उत्तीर्ण की, उसके बाद उन्होंने हरियाणा एवं अन्य राज्यों से फार्मेसी डिप्लोमा कोर्स किया। इस दौरान उनकी परीक्षा को लेकर कभी कोई सवाल नहीं उठा। साथ ही हरियाणा राज्य फार्मेसी कौंसिल ने भी उनका रजिस्ट्रेशन बतौर फार्मासिस्ट कर दिया था। पिछले पांच साल से यह फार्मासिस्ट अपना कारोबार चला रहे हैं।

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अब वर्ष 2019 में धनेश अदलखा के चेयरमैन बनने के बाद इन फार्मासिस्टों को तंग करना शुरु कर दिया। पिछले 5 सालों से फार्मासिस्टों का जब रिन्यूवल काउंसिल के पास आया, तो इनकी 10वीं और 12वीं की परीक्षा पर सवाल उठाने शुरु कर दिए गए। जबकि इन छात्रों ने जहां से फार्मेसी की, उन्होंने कभी भी 10वीं एवं 12वीं की परीक्षा को फर्जी नहीं बताया और उन्हें अपने कॉलेजों में दाखिला देकर फार्मेसी की परीक्षाएं भी दिलवाई। पिछले ढाई साल से विद्यालय एवं तकनीकि शिक्षा बोर्ड छत्तीसगढ़ से उत्तीर्ण विद्यार्थियों को तंग करके उनका रजिस्ट्रेशन रद्द करने और पुलिस शिकायत करने की धमकियां दी जा रही थी। धनेश अदलखा द्वारा हरियाणा सरकार को शिकायत दी गई थी, जिसे डीजीपी हरियाणा ने छत्तीसगढ़ पुलिस को भेज दिया था। छत्तीसगढ़ पुलिस ने मामले में जांच के बाद स्पष्ट कर दिया था कि विद्यालय एवं तकनीकि शिक्षा बोर्ड छत्तीसगढ़ की 7 नवंबर 2012 से 7 मार्च 2015 तक 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं मान्य हैं और बोर्ड फर्जी नहीं है।

 

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यह रिपोर्ट भी डीजीपी हरियाणा के पास आ चुकी है। रिपोर्ट आने के बाद भी विद्यार्थियों को पुलिस द्वारा नोटिस भेजे गए, जिसके बाद विद्यार्थी पंजाब एवं हरियाणा हाइकोर्ट पहुंच गए थे, जहां से आदेश जारी हुए थे कि 6 सप्ताह में इन फार्मासिस्टों का रिन्यूवल किया जाए। साथ मामले में किसी तरह की गिरफ्तारी, एफआइआर एवं शिकायत पर भी स्टे लगाया गया था। मामले में विद्यार्थी हरियाणा के स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से मिले और न्याय की गुहार लगाई। एमएस भारती ने बताया कि इसी प्रकार के मामले में राजस्थान उच्च न्यायालय ने भी राजस्थान फार्मेसी कौंसिल को आदेश दिए हैं कि 7 दिन में फार्मासिस्टों के रजिस्ट्रेशन किए जाएं। भारती ने कहा है कि इस मामले में बोर्ड की छवि धूमिल करने के चलते धनेश अदलखा के खिलाफ छत्तीसगढ़ में मानहानि का मुकदमा दायर किया जा रहा है।

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