लॉरेंस को धमकाने वाले बवाना के पास 300 शूटर: ‘दिल्ली का दाउद’ नाम से मशहूर नीरज को ही D-कंपनी ने दी थी छोटा राजन की सुपारी

 

पंजाबी सिंगर सिद्धू मुसेवाला के मर्डर केस में दिल्ली के सबसे बड़े डॉन कहलाने वाले गैंगस्टर नीरज बवाना की एंट्री ने सनसनी मचा दी है। दिल्ली-NCR में ‘दिल्ली का दाउद’ नाम से मशहूर नीरज बवाना ने मूसेवाला के मर्डर का जिम्मा लेने वाले गैंगस्टर लॉरेंस को 2 दिन में बदला लेने की धमकी दी है।

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नीरज बवाना के गैंग में 300 से ज्यादा शूटर हैं। गैंगस्टर लॉरेंस के पुलिस रिमांड पर तिहाड़ जेल से बाहर होने के बाद नीरज बवाना गैंग की ओर से आई इस धमकी के बाद खुफिया एजेंसियां हाई अलर्ट पर आ गई हैं।

नीरज बवाना लंबे समय से गैंगस्टर लॉरेंस के साथ दिल्ली की तिहाड़ जेल में ही बंद हैं। दोनों पर मकोका लगा है। दोनों को जेल के अंदर हाई सिक्योरिटी वाले दो अलग-अलग एरिया में रखा गया है। दोनों गैंग के ज्यादातर शूटर भी दिल्ली के अलावा NCR एरिया की जेलों में बंद है। दिल्ली के अलावा लॉरेंस और नीरज बवाना के सिंडिकेट हरियाणा के झज्जर-बहादुरगढ़, गुरुग्राम, फरीदाबाद और सोनीपत जिलों में एक्टिव है। दोनों के गुर्गे कई बार एक-दूसरे के सामने आकर खून की होली खेल चुके हैं। कुछ महीने पहले दिल्ली की रोहणी कोर्ट में हुई गैंगस्टर जितेन्द्र गोगी की हत्या में भी बवाना का नाम आया था।

दिल्लीNCR में बंबीहा-लॉरेंस गैंग के सिंडिकेट

दरअसल पंजाब के बड़े गैंगस्टरों के दो ग्रुप- बंबीहा और लॉरेंस- दिल्ली NCR में एक्टिव हैं। इन दोनों ने यहां छोटे-छोटे गैंग के साथ मिलकर सिंडिकेट बना लिए हैं। यहां बंबीहा गैंग में नीरज बवाना के अलावा टिल्लू ताजपुरिया, गुरुग्राम का कौशल चौधरी व सुनील राठी जैसे गैंगस्टर शामिल हैं। इस सिंडिकेट में 300 से ज्यादा शूटर है। इनमें से नवीन बाली, राहुल काला फिलहाल बवाना के साथ तिहाड़ जेल में ही बंद है।

दूसरी तरफ लॉरेंस और कनाडा में बैठे गोल्डी बराड़ के गैंग ने दिल्ली-NCR में हरियाणा के संपत नेहरा, संदीप उर्फ काला जठेड़ी, गुरुग्राम के सूबे गुर्जर, जितेन्द्र गोगी व नंदू गैंग को अपने साथ मिला रखा है। इस सिंडिकेट में भी 500 से ज्यादा शूटर हैं। दोनों गैंग के बड़े बदमाश फिलहाल तिहाड़ जेल की अलग-अलग बैरक में बंद है।

बवाना फिरौती किंग के नाम से मशहूर

वर्ष 2004 में 18 साल से भी छोटी उम्र में क्राइम की दुनिया में कदम रखने वाले गैंगस्टर नीरज बवाना का आपराधिक रिकॉर्ड बेहद खौफनाक रहा है। एक शख्स का कत्ल कर अपराध की दुनिया में कदम रखने वाले नीरज बवाना को दिल्ली-NCR में ‘फिरौती किंग’ के नाम से जाना जाता है। नीरज बवाना का गैंग दिल्ली-NCR के बड़े बिजनेसमैनों से फिरौती-रंगदारी मांगने के अलावा महंगी जमीनों पर कब्जे करता रहा है। नीरज बवाना पर मर्डर, हत्या प्रयास, फिरौती और जबरन वसूली के 100 से ज्यादा केस हैं।

ऑटोमेटिक हथियारों का शौकीन

नीरज बवाना ने दिल्ली के बड़े गैंगस्टर रहे नीटू डाबोदिया के एनकाउंटर के बाद साल 2013 से 2015 के बीच दिल्ली-NCR में अंडरवर्ल्ड की तर्ज पर काम शुरू कर दिया। उसके गुर्गों ने आए दिन बड़े बिजनेसमैनों को निशाना बनाते हुए जबरन वसूली शुरू कर दी। उस समय हुई कई हत्याओं में बवाना का नाम आया। बवाना अमेरिकी ऑटोमेटिक हथियारों का शौकीन रहा है।

7 साल से तिहाड़ से चला रहा सिंडिकेट

नीरज बवाना का गैंग बड़ा हुआ तो उसने अपने मामा और पूर्व MLA रामबीर शौकीन को भी सिंडिकेट में शामिल कर लिया। रामबीर शौकीन वर्ष 2013 में दिल्ली की मुंडका सीट से MLA बना। दिल्ली पुलिस के स्पेशल सेल ने अप्रैल-2015 में नीरज बवाना को गिरफ्तार किया और तभी से वह तिहाड़ जेल में बंद है। उसके बाद बवाना, रामबीर शौकीन और उसके कई गुर्गों पर मकोका लगाया गया। गिरफ्तारी के बाद बवाना कई छोटे-छोटे गैंग्स को मिलाकर बड़ा सिंडिकेट बना चुका है और 7 साल से तिहाड़ जेल में बैठकर गैंग ऑपरेट कर रहा है। पिछले साल हुई पहलवान सागर धनखड़ की हत्या में मशहूर रेसलर सुशील कुमार ने नीरज के गुर्गों की ही मदद ली थी।

D कंपनी से भी जुड़ा बवाना का नाम

मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, नीरज बवाना का नाम अंडरवर्ल्ड डॉन दाउद इब्राहिम की D कंपनी से भी जुड़ चुका है। दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद अंडरवर्ल्ड डॉन छोटा राजन के कत्ल के लिए D कंपनी ने नीरज बवाना से ही संपर्क कर सुपारी दी थी। हालांकि जेल अधिकारियों ने इसकी भनक लग जाने के बाद तिहाड़ जेल में सुरक्षा बढ़ा दी और छोटा राजन को जेल के दूसरे एरिया में शिफ्ट कर दिया था।

दुश्मनों की लंबी फौज

जुर्म की दुनिया में 16-17 साल से एक्टिव नीरज बवाना के इस अवधि में कई दुश्मन भी बने। कभी नीरज बवाना का साथी रहा सुरेन्द्र मलिक उर्फ नीतू डाबोदा बाद में उसका दुश्मन बन गया। दोनों के बीच कई बार गैंगवार हुई जिसमें तकरीबन डेढ़ दर्जन लोग मारे गए। साल 2013 में डाबोदा को पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया। डाबोदा के बाद उसके गैंग की कमान प्रदीप भोला ने संभाल ली। 2015 में नीरज बवाना ने भोला की भी हत्या कर दी। आज भी नीटू डाबोदिया और नीरज बवाना के गैंग एक-दूसरे के दुश्मन हैं।

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