हरियाणा के रोहतक में करीब 26 साल पहले हुए सिलसिलेवार बम धमाकों में कोर्ट बुधवार को अपना फैसला सुनाएगी। न्यायालय द्वारा सोमवार को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित कर लिया गया था। इससे पहले दोनों पक्षों के वकीलों की बहस हो चुकी है। वहीं, कोर्ट द्वारा तकनीकी कारणों के चलते अब केस में 15 फरवरी की तारीख दी गई है।
अब्दुल करीम उर्फ टुंडा पर लगातार 2 बम धमाके करने का आरोप है। इससे पहले अब्दुल करीम उर्फ टुंडा के खिलाफ गवाही बंद हो चुकी है। वहीं, आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा की भी वीसी के जरिए पेशी हुई। हालांकि इस दौरान उसने इन बम धमाकों में शामिल नहीं होने की बात कही।
रोहतक में अब्दुल करीम के खिलाफ 2 केस का फैसला बुधवार को
बचाव पक्ष के वकील विनीत वर्मा ने बताया कि केस लंबा चलने के कारण न्यायाधीश ने जल्दी-जल्दी तारीख दी जा रही हैं। करीब 26 साल पहले हुए बम धमाकों में न्यायाधीश द्वारा बुधवार को फैसला सुनाया जाएगा। अब्दुल करीम उर्फ टुंडा के खिलाफ रोहतक में 2 केस चल रहे हैं। इसके अलावा 5 केस अन्य जगहों पर हैं। वहीं इस मामले में दो आरोपी पहले ही बरी हो चुके हैं।
1997 में हुए थे बम धमाके
पुलिस रिकार्ड के अनुसार वर्ष 1997 में रोहतक शहर में सिलसिलेवार 2 बम धमाके हुए थे। एक तो पुरानी सब्जी मंडी में एक रेहड़ी में हुआ। वहीं इसके करीब आधा-एक घंटा बाद किला रोड पर भी बम धमाका हो गया। इन बम धमाकों में किसी की मौत तो नहीं हुई, लेकिन कई लोग घायल हो गए थे।
अब्दुल करीम उर्फ टुंडा का पाया हाथ
पुलिस जांच में सामने आया कि इन बम धमकों के पीछे उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद जिले के गांव पिलखुआ निवासी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा का हाथ है। लेकिन उस समय वह विदेश जा चुका था। वहीं जब अब्दुल करीम उर्फ टुंडा वर्ष 2013 में नेपाल से भारत आया तो दिल्ली पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
10 साल से चल रही सुनवाई
बचाव पक्ष के वकील विनीत वर्मा ने बताया कि वर्ष 2014 से इस केस की सुनवाई अदालत में चल रही है। वहीं पुलिस भी कई गवाह पेश नहीं कर पाई। अब इस मामले को आगे बढ़ाने का औचित्य नहीं हैं। पिछले 10 साल से इस केस में कोई भी निर्णय नहीं आया है। वहीं आरोपी अब्दुल करीम उर्फ टुंडा राजस्थान की अजमेर जेल में बंद है।
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