भगवान शनिदेव प्रतीमा प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव संपन्न

श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना करके लिया शनिदेव का आशीर्वाद

एस• के• मित्तल   
सफीदों,        नगर के हाट रेलवे फाटक के पास नवनिर्मित श्री शनि मंदिर में मूर्ति प्राण-प्रतिष्ठा महोत्सव धूमधाम से संपन्न हो गया। समापन अवसर पर सोमवार को प्रात: मंदिर प्रांगण में विशाल हवन का आयोजन किया गया। हवन में नगर के असंख्य श्रभ्द्धालुओं ने आहुति डालकर समाज व परिवार की सुख-शांति की कामना की। वहीं श्रद्धालुओं ने भगवान शनिदेव का तेल से अभिषेक किया।
इसके अलावा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया। जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया। अपने संबोधन मंदिर के पुजारी मूलचंद शर्मा ने कहा कि शनि में कु्रर ग्रह नहीं है। शनि मात्र व्यक्ति को उसके अच्छे-बुरे कर्मो के अनुसार फल प्रदान करते हैं। ग्रहों में शनि को न्यायाधिपति का पद प्राप्त है इसलिए इन्हें देव का दर्जा दिया हुए है। शनिदेव ने भगवान शिव की आराधना करके उन्हें प्रसन्न किया था।
शिव ने शनि को दंडनायक ग्रह घोषित करके नौ ग्रहों में स्थान प्रदान किया था। यही कारण है कि शनि मनुष्य, देव, पशु-पक्षी, राजा-रंक सभी को उनके कर्मो के अनुसार फल प्रदान करते हैं। शनि सूर्यदेव और छाया के पुत्र हैं।

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