बैंक में भी नहीं सुरक्षित उपभोक्ताओं की जमापूंजी बैंक खाते से उपभोक्ताओं के उड़ रहे है अपने आप पैसे पीएनबी बैंक के कई उपभोक्ताओं की अपने आप निकल चुकी है रकम

एस• के• मित्तल 
सफीदों,       लोग बैंकों पर अटूट विश्वास करके वहां अपने धन को जमा करवाना सुरक्षित मानते हैं लेकिन बैंकों में भी उपभोक्ताओं की धनराशी अब सुरक्षित नहीं है। अब बैंकों से उपभोक्ताओं की जमा पूंजी अपने आप ही निकलने लगी है। इस प्रकार के मामलों को देखकर बैंक उपभोक्ता काफी हैरान और परेशान हैं।
ऐसा ही कुछ मामला नगर के रेलवे रोड़ स्थित पंजाब नेशनल बैंक जोकि पहले ओरिएंटल बैंक ऑफ कामर्श हुआ करता था में सामने आया है। इस बैंक से अभी कुछ ही दिनों में काफी उपभोक्ताओं की रकम अपने आप ही खातों से उड़ गई है। इन घटनाओं से परेशान इस बैंक के उपभोक्ता अपनी धन वापसी के लिए कभी बैंक तो कभी साइबर पुलिस के चक्कर काट रहे हैं लेकिन बैंक के अधिकारी अपना पल्ला झाड़ते हुए दिखाई देते हैं। इसी प्रकार की ठगी का शिकार हुए उपभोक्ता सुरेश कुमार ने बताया कि उसका इस बैंक शाखा में बचत खाता है। उसके खाते में करीब 18 हजार रूपए का बैलेंस था। 24 अपै्रल को उसके खाते से अपने आप 10 हजार रूपए निकल गए और फिर 26 अपै्रल को बाकी बची राशी 8 हजार रूपए की राशी उड़ गई।
जब दूसरी बार पैसे निकलने का मैसेज उनके पास आया तो वे बैंक में पहुंचे और बैंक के अधिकारियों से बात की। जिस पर उन्होंने बताया कि उनके यह पैसे एईपीएससीडब्ल्यू स्कीम के तहत निकले हैं। उपभोक्ता का कहना है कि उन्होंने कभी भी इस स्कीम के लिए बैंक में आवेदन नहीं किया तो यह स्कीम उनके खाते में कैसे चालू हो गई। उन्होंने जब तसल्ली की तो वे पैसे बिहार राज्य के किसी स्थान पर अंगुठा लगाकर निकाली गई है। उपभोक्ता का कहना है कि बिहार में उसका अंगुठा कहां से आया जबकि उसका खाता सफीदों ब्रांच में है। अधिकारियों ने उसे बताया कि बेशक उन्होंने यह सुविधा ना ली हो लेकिन केवाईसी के लिए अंगुठा लगाते वक्त यह सुविधा अपने आप ही अपलोड़ हो जाती है। उपभोक्ताओं का कहना है कि उसे इस एईपीएससीडब्ल्यू स्कीम के बारे में ना तो कभी नाम सुना और ही कभी देखा लेकिन उसके बावजूद भी इस स्कीम को उसके खाते में थोप दिया गया। सुरेश का कहना है कि यह एक बहुत बड़ा मामला है जिसकी गंभीरता से जांच करके दोषियों को पकडऩे की आवश्यकता है अन्यथा बैंक में किसी भी उपभोक्ता के पैसे शेष नहीं रहेंगे। बहरहाल उपभोक्ता सुरेश ने बैंक शाखा के मैनेजर व साईबर पुलिस को अपनी शिकायत दर्ज करवा दी है।
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क्या है एईपीएससीडब्ल्यू सुविधा
आधार इनेबल्ड पेमेंट सिस्टम (एईपीएससीडब्ल्यू) नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया द्वारा विकसित एक सिस्टम है जो लोगों को आधार नंबर और उनके फिंगरप्रिंट/ आईरिस स्कैन की मदद से वेरिफिकेशन करके माइक्रो एटीएम द्वारा वित्तीय ट्रांजेक्शन करने की अनुमति देता है। लोगों को यह ट्रांजेक्शन करने के लिए अपने बैंक अकाउंट की जानकारी देने की जरूरत नहीं पड़ती है। इस भुगतान सिस्टम की सहायता से लोग अपने आधार नंबर के माध्यम से जरूरत के लिए छोटी रकम प्राप्त कर सकते हैं। इस सुविधा में ट्रांजेक्शन प्रमाणीकरण के लिए सिर्फ फिंगरप्रिंट की आवश्यकता होती है। इस सेवा के लिए उपभोक्ता का बैंक अकाउंट आधार के साथ लिंक होना चाहिए। बैंक ने यह सुविधा इसलिए शुरू की गई थी कि वे लोग बैंकिंग सेवा का लाभ उठा सके जो दूरदराज में रहते है और उनके वहां पर बैंक शाखा नहीं है या वे किसी कारण से बैंक में नहीं आ सकते हैं। हालांकि इस सुविधा को काफी सुरक्षित बताया जा रहा है लेकिन वर्तमान स्थिति को देखे तो यह सुविधा की बजाए सफीदों के उपभोक्ताओं के लिए दुविधा बन गई है।

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कहीं डाटा ना हो गया लीक
आए दिन सुनते रहते हैं कि डिजिटल सिस्टम के अंदर डाटा लीक होने की बातें सामने आती रहती हैं। उपभोक्ताओं का मानना है कि जरूर कहीं ना कहीं इस बैंक शाखा का डाटा लीक हो गया है। जिसकी वजह से साईबर ठग एईपीएससीडब्ल्यू सुविधा में उनके फिंगरपिं्रट का दुरूपयोग करके उनके खातों से पैसे उड़ाते जा रहे हैं। सफीदों में इस बैंक शाखा में ही उपभोक्ताओं की राशी निकल रही है। उपभोक्ताओं का कहना है इस सुविधा में छोटी राशी ही निकालने की इजाजत है। अगर इसमें बड़ी राशी निकालने की सुविधा होती तो बैंक के बड़े उपभोक्ताओं का भी खाता खाली हो चुका होता। उपभोक्ताओं का कहना है कि बैंक शाखा के अधिकारियों को चाहिए कि वे इस सुविधा को उन्ही उपभोक्ताओं को दें जिसको इसकी आवश्यकता है। हर उपभोक्ता को इस सुविधा के साथ अपनी मनमर्जी से ना जोड़ा जाए।

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क्या कहते हैं बैंक मैनेजर
इस मामले में बैंक मैनेजर अनिल कुमार का कहना है कि उपभोक्ताओं की इस प्रकार की शिकायतें आई है। ये मामले साईबर क्राइम से जुड़े हुए है। उपभोक्ताओं की शिकायतों को कार्रवाई के लिए उच्चाधिकारियों को भेजा गया है।

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