परीक्षार्थियों के मोबाइल चोरी के आरोप में नाबालिग को थाने ले जाने का मामला गरमाया

परिजनों ने की डायरेक्टर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाईल्ड को शिकायत

बच्चे के साथ मारपीट व गाली-गलौच नहीं की गई: थाना प्रभारी

एस• के• मित्तल 
सफीदों,      उपमंडल के गांव सिंघाना के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में गांव रोहढ़ से आए बाहरवीं के परीक्षार्थियों के मोबाइल चोरी होने के आरोपों में इस गांव के एक 11 वर्षीय नाबालिग बच्चे को डायल 112 पुलिस द्वारा थाने में लाए जाने का मामला गरमा गया है। इस मामले में नाबालिग बच्चों के परिजनों ने इस मामले की शिकायत डायरेक्टर नेशनल कमीशन फॉर प्रोटेक्शन ऑफ चाईल्ड नई दिल्ली को दी है।
इसके अलावा उन्होंने शिकायत गृहमंत्री अनिल विज, पुलिस अधीक्षक जींद व डीएसपी सफीदों को भी भेजी गई है। परिजनों ने आरोपी पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
क्या हैं परिजनों के आरोप
परिजनों का आरोप है कि 28 मार्च को सांय 6 बजे डायल 112 पुलिस की गाड़ी हमारे घर पर आकर रूकी और मेरे 11 साल के लड़के जबरदस्ती गाड़ी में डालकर सफीदों थाना में ले जाने लगे तो वहां पर मौजूद कुछ लोगों ने डायल 112 पुलिस कर्मचाारियों से पूछा कि आप बच्चे को कहां पर उठाकर ले जा रहे हो। जिस पर पुलिस कर्मचारियों ने बोला कि अगर पुलिस कार्रवाई में दखल दिया तो तुम्हारे ऊपर भी केस कर देंगे। उसके बाद बच्चे को जबरदस्ती गाड़ी में डालकर सफीदों थाना लेकर चले गए। फिर थाना से करीब रात 8 बजे हमारा बच्चा पुलिस ने छोड़ा। जब हमने बच्चे से पूछा तो उसने बताया कि मुझसे चोरी के बारे में बात की और गंदी-गंदी गालियां दी तथा ठोकर व थप्पड़ मारे। परिजनों ने कहा कि उनका बच्चा पूरी रात डर से सहमा-सहमा सा रहा और बिना खाए-पिए रोते-रोते सो गया। उन्होंने मांग की कि उनके बच्चे को इस प्रकार से कस्टड़ी में लेने, मारपीट करने व गाली-गलौच करने वाले पुलिस कर्मचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई अमल में लाई जाए।
क्या था मामला
प्राप्त जानकारी के अनुसार उपमंडल के गांव सिंघाना के राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय में बाहरवीं कक्षा का इतिहास का पेपर था। इस स्कूल में उपमंडल के गांव रोहढ़ के बच्चे परीक्षा देने के लिए आए थे। उनमें कुछ बच्चे अपने साथ बैग व मोबाइल फोन लेकर आ गए। जिस पर परीक्षा केंद्र अधीक्षक व स्कूल प्रशासन ने बैग साथ रखने की अनुमति नहीं दी। बच्चों ने अपने मोबाइल बैग में रखकर स्कूल या उसके आसपास कहीं रख दिए। जब वे परीक्षा देकर बाहर आए तो उनके बैग में मोबाइल नहीं मिले। उसने इसकी शिकायत स्कूल प्रशासन को की। थोड़ी ही देर में वहां पर हल्ला मच गया और काफी तादाद में ग्रामीण मौके पर जमा हो गए। काफी खोजबीन के बाद पता चला कि कुछ बच्चे बैग को उठाकर ले गए है। परीक्षार्थी बच्चों ने ग्रामीणों की मदद से अपने तौर पर उन बच्चों को तलाश करने की कोशिश की और डायल 112 को सूचित किया। सूचना पाकर डायल 112 मौके पर पहुंची और एक बच्चे को अपने साथ ले आई और सायं करीब 8 बजे बच्चे को वापिस गांव में उसके घर छोड़ गई। उस बच्चे के परिजनों का कहना था कि उनके बच्चे ने किसी प्रकार की कोई चोरी नहीं की है और पुलिस उनके नाबालिग बच्चे को नाजायज तौर पर उठाकर ले गई है और उसके साथ मारपिटाई व गाली-गलौच की।
क्या कहते हैं स्कूल प्रिंसिपल
इस मामले में राजकीय कन्या सीनियर सैकेंडरी स्कूल के प्रिंसिपल जगमहेंद्र रेढू का कहना है कि स्कूल में बाहरवीं कक्षा का इतिहास विषय का पेपर था। परीक्षा में किसी प्रकार का बैग व मोबाइल लाने की अनुमति नहीं है। जिसके कारण परीक्षार्थी बच्चों ने अपने बैंग कहीं पर रख दिए। परीक्षा के बाद बच्चों ने अपने बैग में मोबाइल ढुंढे तो वे नहीं मिले। परीक्षार्थी बच्चों ने उनसे सीसीटीवी फूटेज चेक करने के लिए कहा था। जिस पर मैने फूटेज चैक करने के लिए उनके स्कूल के टीचरों, परिजनों व मौजिज लोगों को साथ लाने के लिए कहा था लेकिन अभी तक फूटेज चेक करने के लिए कोई नहीं आया। अगर कोई आता है तो वे फूटेज चैक करवा देंगे।
क्या कहते हैं सदर थाना प्रभारी
इस मामले में सदर थाना प्रभारी कृष्ण कुमार का कहना है कि स्कूल में आऊटसाईडर बच्चों ने जाकर बैग से मोबाइल चोरी कर लिए थे। जिनके मोबाइल चोरी हुए थे उन्होंने उन बच्चों को तलाश करके पकड़ लिया था और वहां पर काफी भीड़ एकत्रित हो गई थी। डायल 112 मौके पर पहुंची और भीड़ से बच्चों को बचाने के लिए अपने साथ थाने में ले आई और परिजनों को इस बारे में सूचित किया। बच्चों को नाबालिग व उनके भविष्य को देखते हुए उनके खिलाफ मामला दर्ज नहीं किया गया। बच्चे के साथ पुलिस के द्वारा कोई मारपीट व गाली-गलौच नहीं की गई। बच्चों को उनके वारिशों के यह कहकर हवाले कर दिया गया था कि वे अपने बच्चों को समझाएं-बुझाए और भविष्य में उन्हे ऐसा ना करने दें।

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