जीवन में जल की महत्ता को समझते हुए फसल विविधीकरण को अपनाएं किसान : उपायुक्त

धान की जगह दूसरी फसल लगाने पर मिलेगा अनुदान

एस• के• मित्तल   
जींद,       घटते भूजलस्तर व जल संरक्षण के मद्देनजर हरियाणा सरकार द्वारा मेरा पानी मेरी विरासत योजना चलाई जा रही है। योजना के तहत किसनों को धान की जगह अन्य फसल लेने पर प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उपायुक्त डॉ० मनोज कुमार ने जिला के किसानों से आह्वान करते हुए कहा कि आप सभी जीवन में जल की महत्ता को समझते हुए फसल विविधीकरण को जरूर अपनाएं।
उन्होंने कहा कि धरती पर मौजूद किसी भी जीवन के लिए पानी बेहद आवश्यक है। ऐसे में भविष्य में पानी से जुड़ी समस्याओं को ध्यान रखते हुए हम सभी को इसके संरक्षण की दिशा में कार्य करना होगा। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार ने  इन्हीं उद्देश्यों के साथ वर्ष 2020-21 में मेरा पानी मेरी विरासत योजना की शुरुआत की थी। कृषि एवं  किसान कल्याण विभाग के उपनिदेशक डॉ० सुरेंद्र मलिक ने बताया कि योजना के माध्यम से जल संरक्षण के लिए कार्य कर रहे लोगों व संस्थाओं को विभिन्न प्रकार के अनुदान दिए जा रहे हैं।
उन्होंने बताया कि  इस वर्ष जिला का कोई किसान धान की फसल को छोड़ कर अन्य फसल जैसे मक्का, कपास, अरहर, मूंग,  मोठ, उड़द, ग्वार, सोयाबीन तिल,  मूंगफली, अरंडी या बागवानी से सम्बन्धित फसल लेता है तो  प्रति एकड़ सात हजार रुपये की प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। डॉ. सुरेंद्र मलिक ने बताया कि यदि किसी किसान ने पिछले वर्ष धान की बजाए अन्य फसल ली हो और इस बार भी उसी खेत पर अन्य फसल बोएगा तो भी उनको प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उन्होंने बताया कि धान के बदले खाली खेत छोडऩे वाले किसान को भी प्रोत्साहन राशि प्रदान की जाएगी। जिसकी पुष्टि कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, बागवानी विभाग, पटवारी, नम्बरदार व सम्बन्धित किसान की गठित कमेटी द्वारा की जाएगी। पुष्टि के उपरांत प्रोत्साहन राशि की अदायगी ई पेमेंट के माध्यम से की जाएगी। उन्होंने बताया कि अधिक जानकारी के लिए कृषि एवं किसान कल्याण विभाग व बागवानी विभाग में सम्पर्क करें।

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