जम्मू-कश्मीर में सेना का ऑपरेशन सर्वशक्ति: राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकवाद बढ़ाने के पाकिस्तानी मंसूबों नाकाम करेंगे सुरक्षाबल

 

भारतीय सेना ने जम्मू-कश्मीर में ऑपरेशन सर्वशक्ति की शुरुआत की है। इसमें भारतीय सेना पीर पांजाल माउंटेन रेंज के दोनों किनारों पर आतंकियों का खात्मा करेगी।

जम्मू-कश्मीर में आतंकवादी गतिविधियां बढ़ाने के पाकिस्तान के मंसूबों को विफल करने के मकसद से भारतीय सेना ने ऑपरेशन सर्वशक्ति की शुरुआत की है। इसमें भारतीय सेना पीर पांजाल माउंटेन रेंज के दोनों साइड सक्रिय आतंकियों का खात्मा करेगी। इस ऑपरेशन को उधमपुर में सेना हेडक्वार्टर और सेना की उत्तरी कमान की कड़ी निगरानी में शुरू किया गया है।

जम्मू-कश्मीर में सेना का ऑपरेशन सर्वशक्ति: राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकवाद बढ़ाने के पाकिस्तानी मंसूबों नाकाम करेंगे सुरक्षाबल

हाल ही के दिनों में पाकिस्तान के प्रॉक्सी आतंकी ग्रुप्स (पाकिस्तानी आतंकी संगठनों की तरफ से इस तरफ संचालित होने वाले आंतकी ग्रुप) ने पीर पंजाल रेंज के दक्षिण में विशेष रूप से राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकवाद को फिर से जिंदा करने की कोशिश की है।

पीर पंजाल में बीते पांच महीने में हुए आतंकी हमलों में करीब 20 भारतीय सैनिकों की जान गई है। सबसे हालिया हमला 21 दिसंबर 2023 को डेरा की गली इलाके में हुआ था, जिसमें 4 जवान शहीद हुए थे।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पिछले दिनों उत्तरी कमान के कमांडरों से मुलाकात की थी।

सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने पिछले दिनों उत्तरी कमान के कमांडरों से मुलाकात की थी।

सुरक्षा बलों ने बताया- खुफिया तंत्र मजबूत कर रहे
सुरक्षा बलों के सूत्रों ने न्यूज एजेंसी ANI को बताया कि ऑपरेशन सर्वशक्ति पीर पंजाल रेंज के दोनों तरफ आतंकियों का सफाया करने के लिए चलाया जाएगा, जहां श्रीनगर का चिनार कॉर्प्स और नगरोटा के व्हाइट नाइट कॉर्प्स भी अपने-अपने ऑपरेशंस को अंजाम देंगे।

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सूत्रों ने ये भी बताया कि इस ऑपरेशन के तहत जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF, स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप और खुफिया एजेंसियां आपस में मिलकर काम करेंगी। क्षेत्र में खुफिया तंत्र को भी मजबूत करने की दिशा में कदम उठाए गए हैं। खासकर राजौरी-पुंछ सेक्टर में आतंकवादी गतिविधियों को पुनर्जीवित करने के पाकिस्तानी मंसूबों को विफल किया जाएगा। राजौरी-पुंछ सेक्टर में और अधिक सैनिकों को भेजा जा रहा है।

ऑपरेशन सर्पविनाश की तर्ज पर होगा
ये ऑपरेशन सर्पविनाश की तर्ज पर होने की उम्मीद है। ऑपरेशन सर्पविनाश 2003 में आतंकवादी गतिविधियों को खत्म करने के लिए शुरू किया गया था। इस दौरान क्षेत्र में आतंकवादी गतिविधियां लगभग खत्म हो गई थीं।

पिछले दिनों सेना प्रमुख जनरल मनोज पांडे ने उत्तरी कमान के साथ कोर कमांडरों के साथ आतंकी खतरे से निपटने के तरीकों पर बातचीत की थी।सुरक्षा बलों ने एजेंसी को बताया ऑपरेशन सर्वशर्वक्ति पीर पंजाल माउंटेन रेंज के दोनों सिरों से होगा।

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अमित शाह से बैठक के बाद बनाया प्लान
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह,राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल,सेना, खुफिया एजेंसियों की एक सुरक्षा बैठक के तुरंत बाद ऑपरेशन की योजना बनाई गई थी। उत्तरी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल उपेन्द्र द्विवेदी ने आतंकियों के खिलाफ एक्शन के लिए जम्मू और कश्मीर में सेना के टॉप ऑफिसर्स के साथ बैठक की थी।

हमला थानामंडी-सुरनकोट रोड पर डेरा की गली (डीकेजी) नाम के इलाके में हुआ है। यहां बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद हैं।

हमला थानामंडी-सुरनकोट रोड पर डेरा की गली (डीकेजी) नाम के इलाके में हुआ है। यहां बड़ी संख्या में सुरक्षाबल मौजूद हैं।

इंटेलिजेंस के मुताबिक, 250-300 आतंकी भारत में घुसपैठ को तैयार
16 दिसंबर को BSF के एक सीनियर अफसर ने इंटेलिजेंस के हवाले से जानकारी दी थी कि पाकिस्तान सीमा में 250 से 300 आतंकी लॉन्चपैड पर हैं। ये जम्मू-कश्मीर में घुसपैठ की फिराक में हैं। अफसर ने बताया कि सुरक्षाबलों को अलर्ट कर दिया गया है। सीमा पार से किसी भी तरह की घुसपैठ की कोशिश नाकाम कर दी जाएगी।

बीएसएफ के आईजी अशोक यादव ने पुलवामा में बताया कि आतंकी गतिविधियों को देखते हुए हम (बीएसएफ) और सेना संवेदनशील इलाकों पर नजर रखे हुए हैं और सतर्क हैं। पिछले कुछ सालों में सुरक्षाबलों और कश्मीर के लोगों के बीच जुड़ाव बढ़ा है। अगर लोग हमारा सहयोग करें तो हम विकास के कामों को बेहतर तरीके से आगे बढ़ा सकते हैं।

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पाकिस्तान सीमा पर कड़ी सुरक्षा के बावजूद आतंकियों की घुसपैठ रोकना सिक्योरिटी फोर्सेस के लिए बड़ी चुनौती है।

पाकिस्तान सीमा पर कड़ी सुरक्षा के बावजूद आतंकियों की घुसपैठ रोकना सिक्योरिटी फोर्सेस के लिए बड़ी चुनौती है।

जम्मू-कश्मीर में पिछली 7 आतंकी वारदातें…

पहली: 21 दिसंबर 2023 को राजौरी में 4 जवान शहीद हुए थे
यह हमला थानामंडी-सुरनकोट रोड पर डेरा की गली (डीकेजी) नाम के इलाके में हुआ। आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो वाहनों पर हमला किया। ये वाहन जवानों को लेकर सुरनकोट और बफलियाज जा रहे थे, जहां 20 दिसंबर की रात सुरक्षाबलों ने आतंकियों के खिलाफ घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया था। इसी अभियान के लिए अतिरिक्त सुरक्षाबल भेजा जा रहा था।​​​​​​​

दूसरी: 22 नवंबर 2023 को राजौरी में हुए हमले में 5 जवान शहीद हुए थे
जम्मू के राजौरी इलाके में 22 नवंबर को सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ में 5 जवान शहीद हुए थे। ये मुठभेड़ 34 घंटे चली थी, जिसमें सुरक्षाबलों ने दो आतंकियों को मार गिराया था। डिफेंस PRO ने बताया था कि मारे गए एक आतंकी का नाम कारी है। वह पाकिस्तानी नागरिक था। उसे पाक और अफगान मोर्चे पर ट्रेंड किया गया था।

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17 नवंबर को राजौरी और कुलगाम में दो अलग-अलग एनकाउंटर में 6 आतंकवादी मारे गए थे। पहला एनकाउंटर 16 नवंबर को कुलगाम में शुरू हुआ जो 17 नवंबर तक चला। इसमें 5 आतंकी मारे गए थे। ये सभी हाल ही में हुए टारगेट किलिंग में शामिल थे। दूसरा एनकाउंटर राजौरी में हुआ, जिसमें 1 आतंकी मारा गया था।

श्रीनगर में अक्टूबर ईदगाह इलाके में एक आतंकी ने पुलिस इंस्पेक्टर को तीन गोलियां मारी थीं। गोलियां उनके पेट, गर्दन और आंख में लगी थीं। इंस्पेक्टर की पहचान मसरूर अली वानी के रूप में हुई थी। हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन TRF ने ली है। हमला उस समय हुआ, जब मसरूर वानी स्थानीय लड़कों के साथ क्रिकेट खेल रहे थे।

पांचवीं: सितंबर 2023 में 3 अफसर, 2 जवान शहीद हुए थे
जम्मू-कश्मीर में 13 सितंबर को आतंकियों के साथ दो मुठभेड़ में 3 अफसर और दो जवान शहीद हो गए थे। शहीद अफसरों में सेना के एक कर्नल, एक मेजर और पुलिस के एक DSP शामिल थे। आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर सर्च ऑपरेशन के दौरान हमला किया था। इस दौरान दो आतंकी भी मारे गए। यहां सर्चिंग के दौरान सेना के डॉग की भी मौत हो गई थी।

छठी: 9 अगस्त 2023 को पकड़े गए थे 6 आतंकी
सुरक्षाबलों ने 15 अगस्त से पहले 6 आतंकियों को गिरफ्तार किया था। पहला मामला 9 अगस्त की रात का है, जहां कोकेरनाग के एथलान गडोले में तीन आतंकी पकड़े गए। मुठभेड़ के दौरान सेना के जवान समेत 3 लोग घायल हुए। दूसरा मामला उरी का है, जहां सुरक्षाकर्मियों ने लश्कर के 3 आतंकी पकड़े।

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