गांव रत्ताखेड़ा में धूमधाम से मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस

एस• के• मित्तल 
सफीदों,         हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति की गांव रत्ता खेड़ा इकाई के तत्वावधान में रविवार को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस धूमधाम से मनाया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता सामाजिक कार्यकर्ता गीता पंवार और मंच संचालन ट्विंकल ने किया। इस अवसर पर हरियाणा विद्यालय अध्यापक संघ की राज्य सचिव निर्मला ने मुख्य वक्ता के रूप में महिलाओं को संबोधित किया।
अपने संबोधन में वक्ताओं ने कहा कि  आज से करीब 113 साल पहले दुनिया भर में महिलाओं के अधिकारों की लड़ाई को अंतर्राष्ट्रीय मंच पर उठाने वाली महान सामाजिक कार्यकर्ता क्लारा जेटकिन ने वर्ष 1910 में कोपेनहेगन में जर्मनी में महिला अधिकारों की मांग रखी। तब से लगातार पूरी दुनिया में इस दिवस पर महिलाएं अपने संघर्षों को आगे बढ़ाने का संकल्प लेती हैं। हमारे देश में पहली महिला शिक्षिका सावित्रीबाई फुले ने लड़कियों के लिए वर्ष 1848 में पहला स्कूल खोलकर क्र्रांतिकारी बदलाव की शुरुआत की थी। जिसमें उनके पति ज्योतिराव फुले महान समाज सुधारक ने बढ़चढ़कर सहयोग एवं मार्गदर्शन किया था।
इसके बाद संविधान निर्माता डॉक्टर भीमराव अंबेडकर ने 1956 में हिंदू कोड बिल के तहत शिक्षा का अधिकार, वोट का अधिकार, संपत्ति रखने का अधिकार आदि महिलाओं के लिए सबसे महत्वपूर्ण अधिकार दिलाने का काम किया। इस अवसर पर वक्ता निर्मला आर्य व सरपंच सुरेश कुमार ने घरेलू हिंसा को परिवार व समाज में असमानता के रूप में रेखांकित किया। मा. मुकेश रंगा ने महिलाओं के अधिकारों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। समिति के प्रधान सुरेश रंगा ने एक गीत सुनाकर के महिलाओं के बारे में जागरूक करने का संदेश दिया। इनके अलावा गांव की महिलाओं और लड़कियों अंजू, अनु, नैतिक रंगा, जानवी रंगा, तनीषा रंगा, सीमा, पूजा, रीना सैनी आदि ने भी तमाम महिलाओं व उनमें पनप रही असमानता को मिटाने के लिए कविताओं व गीतों के माध्यम से गांव की महिलाओं को जागरूक करने का प्रयास किया।
हरियाणा ज्ञान-विज्ञान समिति के जिला कमेटी सदस्य बालकिशन प्रजापत व गांव रत्ताखेड़ा प्रधान अमित रंगा ने गांव की महिलाओं को समानता व शिक्षा के अधिकारों को आगे बढ़ाने के लिए जागरूकता व संघर्ष चलाने का आह्वान किया।

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