किसान ने वीडिय़ो वायरल करके बिजली कर्मचारियों पर लगाए रिश्वत मांगने के आरोप

किसान ने बिजली कर्मियों की बिजली मंत्री से की शिकायत

जेई का हुआ तबादला लेकिन किसान संतुष्ट नहीं

एस• के• मित्तल 
सफीदों,     बिजली निगम की छापामार टीम पर बिजली चोरी पकडऩे के बाद रिश्वत मांगने का एक वीडियो रामपुरा गांव के एक किसान एवं मुर्गी फार्म मालिक दिलबाग सिंह ने वायरल किया है। दिलबाग सिंह ने बताया कि उसके खेतों में पिछले अढ़ाई सालों से उसका मुर्गी फार्म निर्माणाधीन है और अभी तक चालू नहीं हो पाया है।
इस फार्म पर उसके पिता हरचरण सिंह के नाम 7 किलोवाट का बिजली का मीटर भी लगा हुआ है लेकिन कोविड-19 के कारण फार्म बंद पड़ा है। वह 7 किलोवाट का बिजली बिल पिछले अढ़ाई से भरते आ रहा है। अब उसके मीटर नेे आउटपुट देना बंद कर दिया था। जिसकी शिकायत उन्होंने 29 मार्च व 27 अप्रैल को बिजली निगम के शिकायत केंद्र पर की थी लेकिन बिजली निगम के अधिकारियों ने मीटर ठीक करने की बजाए 27 अप्रैल को दोपहर को ही उसके फार्म पर छापामारी करके चोरी का 2 लाख 68 हजार रुपए जुर्माना बनाकर भेज दिया गया। फार्म संचालक दिलबाग सिंह ने कहा कि उन्होंने इंडस्ट्री फिडर 21 किलोवाट का लोड करवाने के लिए दो बार बिजली निगम में सिक्योरिटी जमा करवाई लेकिन बिजली निगम ने दोनों बार सिक्योरिटी रद्द कर दी।
पहले सिक्योरिटी उन्होंने 2 अप्रैल 81,887 रुपए तथा फिर से  69,787 रुपए जमा करवाई लेकिन दोनों बार निगम ने उसे रद्द कर दिया गया लेकिन उसका जमा एक लाख 51 हजार रुपए आजतक भी बिजली निगम ने वापिस नहीं दिया है। दिलबाग सिंह का कहना है कि उससे सारे मामले में निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने 50 हजार रुपए रिश्वत की मांग की गई लेकिन उसने रिश्वत नहीं दी तो उसे लाखों रुपए का जुर्माना भरने का फरमान जारी कर दिया गया। उसने बताया कि बिजली निगम के कर्मचारियों के द्वारा रिश्वत मांगने की कई ऑडियो व वीडियो उसके पास है। दिलबाग सिंह ने बताया कि उसने इस मामले की शिकायत डीसी व बिजली निगम के एससी से की तो इस मामले में कोई उचित कार्रवाई करने की बजाए जेई की सफीदों से बदली कर दी गई। जब निगम के एसडीओ व एक्सईएन ने कोई सुनवाई नहीं की तो वह 6 मई को चंडीगढ़ में बिजली मंत्री रणजीत सिंह चौटाला से सक्षम पेश हुआ और पूरे मामले की जानकारी दी। जिस पर बिजली मंत्री ने निगम के उच्चाधिकारियों को मामले में जांच करने के आदेश दिए थे लेकिन निगम के अधिकारियों ने कोई भी कार्रवाई करने की बजाय जेई की सफीदों से हांसी बदली कर दी गई। दिलबाग सिंह का कहना है कि अगर ठोस कार्रवाई नहीं हुई तो वह न्यायालय का दरवाजा खटखटाएगा।
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क्या है वायरल वीडिय़ो में
पीडि़त किसान दिलबाग सिंह द्वारा मीडिया में दी गई ऑडियो व विडियो में सामने आया है कि निगम में बिजली के बताए जाने वाले कर्मचारी कार में बैठे हुए किसान से रिश्वत की बात करते हुए दिखाई दे रहे। जिसमें किसान 10 हजार रुपए देने की बात कह रहा है लेकिन 25-30 हजार रुपए तक निपटवाने की बात कह रहा है। शिकायतकर्ता का कहना है कि उसके पास बिजली निगम कर्मचारियों के कई ऑडियो व वीडिय़ों है।
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इस मामले में जब बिजली निगम के एसडीओ विक्रम सिंह का कहना है कि निगम में कुलदीप कौर के नाम से नए कनेक्शन के लिए अप्लाई किया हुआ था। जब बिजली निगम की टीम फार्म पर पहुंची तो वहां पर ट्रांसफार्मर पर समर्सिबल की तार लगी हुई मिली। जिसमें निगम का रूल है कि लोड के अनुसार की बिजली चोरी को जुर्माना बनाया जाएगा। शिकायतकर्ता द्वारा बंद मीटर की उनके पास कोई शिकायत नहीं दी गई। उन्होंने रामपुरा शिकायत केंद्र पर अपनी शिकायत दर्ज की थी। अगर बिजली चोरी पकडने के बाद किसी कर्मचारी ने रिश्वत मांग की है तो उसकी शिकायत मिलने के बाद निश्चित तौर पर आरोपी कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

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