अप्राकृतिक जीवनशैली से बढ़ रहे रोग

अकेले पड़ रहे बुजुर्ग

एस• के• मित्तल 
सफीदों,       अंतर्राष्ट्रीय प्रसन्नता दिवस के उपलक्ष्य में दिल्ली की राष्ट्रीय प्राकृतिक चिकित्सा परिषद की टीम द्वारा सोमवार को सफीदों उपमंडल के बहादुरगढ़ गांव के राजकीय स्कूल परिसर में आयोजित अनूठे नि:शुल्क प्राकृतिक चिकित्सा शिविर में यह खुलासा हुआ है कि बुजुर्ग समाज में अकेले पडऩे लगे हैं और जोड़ों के रोगों का प्रकोप भी बढ़ रहा है। परिषद की टीम के गुजरात से आए सदस्यों, गुजरात के अवार्डी, नाड़ी वैद डॉक्टर मूल जी भलाणी (सूरत), विख्यात डायटीशियन चिंतन त्रिवेदी व चिकित्सक लीना त्रिवेदी (दोनों राजकोट) ने अढ़ाई सौ से अधिक रोगियों की जांच उपरांत यह बात कही।
उन्होंने बताया कि जांच में सबसे ज्यादा रोगी जोड़ों के दर्द के पाए गए। त्वचा की भी समस्या अनेक लोगों को है और अनेक बुजुर्ग अपने बुढ़ापे को लेकर यह सोचते हुए चिंतित दिखे की वे अकेले पड़ गए हैं। उनका कहना था कि रोगों के प्रकोप का कारण अप्राकृतिक जीवनशैली व गलत खानपान है जिस बारे स्कूली बच्चों सहित उपस्थित लोगों को विशेष सत्र लगाकर प्रकृति से जोडऩे का प्रयास किया गया। चिकित्सकों ने इस मौके पर बताया कि प्रसन्नता किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य में किस तरह सुखद परिणाम देती है और इसे कैसे हासिल किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि इस गांव के लोग प्रकृति एवं प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति अत्यंत सहयोगी दिखे।
मूलजी भलाणी व चिंतन त्रिवेदी ने बताया कि प्राकृतिक चिकित्सा के प्रति लोगों के प्रशंसनीय रुझान से वे इस कदर उत्साहित हुए हैं कि वे अपनी टीम के दूसरे सदस्यों से बात कर इस गांव में सप्ताह-सप्ताह के शिविर आयोजित कर इस गांव को रोगमुक्त करने का अभियान छेड़ेंगे। ग्रामीणों के अनुरोध पर इस गांव में एक दिन का शिविर लगाया जिसमें चिकित्सकों ने पूर्ण रूप से नि:शुल्क शिविर में रोगियों को कोई दवा नहीं दी बल्कि उनको नेचुरोपैथी व एक्यूप्रेशर आदि से उपचार देकर जड़ी बूटियों का प्रयोग सुझाया गया।
इस मौके पर ही चिकित्सकों ने अपना मोबाइल फोन नम्बर भी रोगियों से सांझा करते हुए कहा कि वे उपचार सुझाव को उनसे संपर्क कर सकते हैं। डाक्टर भलाणी ने बताया कि ऐसा शिविर सफीदों में मंगलवार को फयूजन होटल में भी आयोजित होगा।

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