Earth Day 2022: प्लैनेट अर्थ को ग्रीन रखना चाहते हैं तो इन करियर विकल्पों से कर सकते हैं योगदान, पृथ्वी दिवस विशेष

नई दिल्ली, एजुकेशन डेस्क। Earth Day 2022: आज पृथ्वी दिवस है। पृथ्वी दिवस को हर वर्ष 22 अप्रैल को 1970 से मनाया जा रहा है। पृथ्वी दिवस को मनाये जाने का उद्देश्य है हमारे पर्यावरण और प्रकृति की सुरक्षा के लिए हर पृथ्वीवासी की भागादरी को बढ़ावा देना और किए जा रहे कार्यों को प्रोत्साहित करना है। पृथ्वी दिवस 2022 का विषय (Earth Day 2022 Theme) ‘Invest in Our Planet’ यानि ‘हमारे ग्रह में निवेश’ करें घोषित किया गया है। इस वर्ष का पृथ्वी दिवस का विषय लोगों को एक साथ आने और जैव विविधता और ग्रह की रक्षा के लिए उपाय करने की आवश्यकता पर जोर देता है। ऐसे में आइए आज ऐसे कुछ करियर विकल्पों की बात करते हैं, जिनके माध्यम से आप प्लैनेट अर्थ को ग्रीन रखने क लिए पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन जैसे क्षेत्रों में काम करके योगदान दे सकते हैं।

इन्वार्यमेंटल इंजीनियर (Environmental Engineer)

प्लैनेट अर्थ को ग्रीन बनाए रखने में योगदान देने के लिए इन्वार्यमेंटल इंजीनियर के तौर पर करियर का एक अच्छा विकल्प है। किसी भी पर्यावरण अभियंता का काम होता है ऐसी तकनीकों एवं बुनियादी ढांचे का विकास करे जो कि हमारे ग्रह को हरा-भरा बनाए रखने में सहायक हो। इसके साथ ही, एक इन्वार्यमेंटल इंजीनियर विभिन्न इंजीनरिंग सिस्टम का पर्यावरण के लिहाज से मूल्यांकन और इसके अनुसार प्रोजेक्ट प्रपोजल बी तैयार करता है।

इन्वार्यमेंट लॉयर (Environment Lawyer)

हमारी पृथ्वी को हरा-भरा बनाए रखने और पर्यावरण की सुरक्षा को लेकर कई कानून और नियम राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तरों पर बनाए गए हैं। इन कानूनों के नियमन की जिम्मेदारी स्थानीय प्रशासन की होती है और किसी भी प्रकार के उल्लंघन की स्थिति में मामले दर्ज किए जाते हैं, जिनकी सुनवाई के लिए वादी-प्रतिवादी के पक्षों को इन्वार्यमेंट लॉयर ही ग्रीन ट्रिब्यूनल या न्यायालयों में रखता है। आज के तेजी से बदलते दौर में इन्वार्यमेंट लॉयर की आवश्यकता तेजी से बढ़ती जा रही है।

पर्यावरण वैज्ञानिक के तौर पर करियर का विकल्प चुनकर प्लैनेट अर्थ को ग्रीन रखने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं। एक इन्वार्यमेंटल साइंटिस्ट ऐसी वस्तुओं और प्रक्रियाओं के विकास में लगे रहते हैं जो कि कॉर्बन फुटप्रिंट, आदि जैसी पृथ्वी के लिए नकारात्मक प्रवृत्तियों को कम करे और पर्यावरण के संरक्षित रख सके।

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