हरियाणा में 2019 के लोकसभा चुनाव का प्रदर्शन रिपीट करने के लिए BJP ने विनिंग प्लान तैयार किया है। केंद्रीय नेतृत्व ने इसी के तहत राज्य में टू टर्म की सरकार को पीछे करते हुए संगठन को ड्राइविंग सीट पर बिठा दिया है।
संगठन के नेता इसकी वजह भी साफ बता रहे हैं कि राज्य में सरकार के दो कार्यकाल पूरे होने जा रहे हैं, ऐसे में लोगों की सरकार से तो नाराजगी हो सकती है, लेकिन कार्यकर्ता बिना कंट्रोवर्सी के लोगों के बीच जा सकते हैं। साथ ही फील्ड का फीड बैक लेकर सरकार के जरिए अधूरे कामों को भी पूरा करा पाएंगे।
इसलिए लोकसभा चुनाव पर फोकस
हरियाणा में लोकसभा चुनाव पर फोकस करने की केंद्रीय नेतृत्व की खास वजह है। पहली वजह यह कि 2019 में पार्टी ने सूबे की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी। इसके साथ ही यहां पर सरकार भी दो सालों से है। केंद्रीय नेतृत्व का मानना है कि लोकसभा में अच्छे प्रदर्शन का सीधा असर विधानसभा चुनावों पर भी पड़ेगा।
इसलिए सरकार के साथ ही संगठन को भी विधानसभा चुनाव को छोड़कर लोकसभा चुनाव पर फोकस करने की हिदायत दी गई है।
फील्ड में हरियाणा BJP
केंद्र से मिले टास्क के बाद हरियाणा BJP के प्रदेश अध्यक्ष ओपी धनखड़ ने सभी पदाधिकारियों को फील्ड में एक्टिव रहने की हिदायत दे दी है। यही वजह है कि पार्टी PM मोदी सरकार के 9 साल पूरे होने पर महाजनसंपर्क अभियान चला रही है। वहीं पन्ना प्रमुखों को लेकर महासम्मेन भी आयोजित कर रही है। इनमें धनखड़ के साथ ही पार्टी के प्रभारी और त्रिपुरा के पूर्व CM बिप्लब देब इन सम्मेलनों में शामिल हो रहे हैं।
अपनी कैबिनेट के साथ CM भी फील्ड में
संगठन के साथ ही हरियाणा सरकार भी फील्ड में ही दिखाई दे रही है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल अपनी कैबिनेट मंत्रियों के साथ जनसंवाद कार्यक्रमों में व्यस्त हैं। जन संवाद के जरिए सरकार के सभी मंत्री जनता के साथ वन टू वन हो रहे हैं। सीएम मौके पर ही मिल रही शिकायतों का निस्तारण कर जनता की नाराजगी को दूर करने का प्रयास करने में जुटे हुए हैं।