हरियाणा के पंच-सरपंचों की CM की दो टूक: पोर्टल से ही होंगे E टेंडर; बोले- पंचायतों की शक्तियां बढ़ाई; सुशासन पर चलने की सलाह

मुख्यमंत्री मनोहर लाल भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी बैठक में शामिल हुए।

हरियाणा में E- टेंडरिंग का विरोध कर रहे पंच-सरपंचों को मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा है कि विरोध बेमानी है। उन्होंने कहा कि सरकार ने पंचायतों की कम नहीं की हैं बल्कि शक्तियां बढ़ाई हैं। सीएम ने पंच-सरपंचों ंको सुशासन पर चलने की सलाह दी है। इसके लिए हरियाणा ग्रामीण विकास संस्थान नीलोखेड़ी में प्रशिक्षण कार्यक्रम सरकार आयोजित कर रही है।

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पोर्टल के माध्यम से होंगे ई-टेंडर

मुख्यमंत्री ने दिल्ली में राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक के बाद कहा कि हरियाणा इंजीनियरिंग वर्क्स पोर्टल के जरिए ही ई-टेंडर होंगे। प्रदेश सरकार ने सरपंच, पंचायत समिति व जिला परिषद के चेयरमैन को अपने फंड व ग्रांट इन ऐड से छोटे या बड़े चाहे जितनी भी राशि के काम हों, करवाने का अधिकार दिया है। कार्यों में तेजी लाने के लिए ई-टेंडर प्रणाली को अपनाया गया है। इससे कार्यों में पारदर्शिता, गुणवत्ता तथा तेजी आएगी।

राजनीति कर रहे कुछ नेता

मुख्यमंत्री का मानना है कि आईटी के युग में हर व्यवस्था ऑनलाइन हो रही है। पंचायतों के लिए E-टेंडर के नाम पर कुछ नेता राजनीति कर रहे हैं जो सही नहीं है। हरियाणा में अब पढ़ी-लिखी पंचायतें हैं जो अफसरों से काम करवाने में सक्षम हैं, वे ऐसे नेताओं की राजनीति अपने उपर हावी नहीं होने देंगी, आईटी का प्रयोग करना आज की पंचायत भली-भांति जानती है।

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1100 करोड़ रुपये का बजट

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि इस वित्त वर्ष की अंतिम तिमाही के लिए गांवों में विकास कार्यों के लिए पंचायती राज संस्थाओं को 1100 करोड़ रुपए का बजट जारी किया है, इसमें से 850 करोड़ केवल पंचायतों को दिया गया है। नई पंचायतों द्वारा विकास करवाने की पहली झलक इसी अवधि में देखने को मिलेगी।

सर्वसम्मति से चुने पंचों-सरपंचों को दिए 300 करोड़

सर्वसम्मति से पंचायतों में चुने गए प्रतिनिधियों के लिए मुख्यमंत्री ने अलग से 300 करोड़ रुपए की धनराशि जारी की है। इस बार 70 हजार जनप्रतिनिधियों में से 40 हजार जनप्रतिनिधि सर्वसम्मति से चुने गए हैं जो प्रदेश की सामाजिक सौहार्द व आपसी भाईचारे का प्रतीक है। मुख्यमंत्री ने कहा कि पंचायतों को विकास कार्यों की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान करने के लिए अधिकृत किया है। इसके साथ-साथ इन कार्यों की तकनीकी स्वीकृति के लिए जूनियर इंजीनियर से लेकर चीफ-इंजीनियर तक जिम्मेदारी दी गई है।

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