समलैंगिकता से बिखर जाएगा सामाजिक तानाबाना: बचन सिंह आर्य कहा: समलैंगिकता वैवाहिक संस्था को कमजोर करने का एक प्रयास

एस• के• मित्तल 
सफीदों,         सूबे के पूर्व मंत्री बचन सिंह आर्य ने समलैंगिकता का विरोध करते हुए कहा कि इससे सामाजिक तानाबाना पूरी तरह बिखरने के साथ-साथ पारिवारिक परंपरा चरमराएगी और समाज में व्याभिचार को बढ़ावा मिलेगा।
समलैंगिकता हमारे ऋषि-मुनियों ने जो पवित्र और सर्वोच्च गृहस्थ आश्रम की व्यवस्था बनाई थी, उसके नष्ट होने का खतरा बढ़ गया है। वेद में व्याभिचार के होने वाले नुकसान के बारे में कई मंत्रों का उल्लेख किया गया है। वेद हमें सात मर्यादाएं अपनाने का आदेश करता है। चोरी, व्याभिचार, श्रेष्ठजनों की हत्या, भु्रण हत्या, सुरापान, असत्य भाषण आदि का निषेध करता है। उन्होंने कहा कि भारत में विवाह का एक सभ्यतागत महत्व है। समलैंगिकता वैवाहिक संस्था को कमजोर करने का एक प्रयास है और संपूर्ण समाज द्वारा इसका मुखर विरोध किया जाना चाहिए। भारतीय सांस्कृतिक सभ्यता पर सदियों से, निरन्तर आघात हो रहे हैं, फिर भी, अनेक बाधाओं के बाद भी, वह बची हुई है।
अब स्वतंत्र भारत में, इसे अपनी सांस्कृतिक जड़ों पर, पश्चिमी विचारों, दर्शनों एवं प्रथाओं के कुठाराघात का सामना करना पड़ रहा है, जो इस राष्ट्र के लिए व्यवहारिक नहीं है। उन्होंने कहा कि प्रकृति ने महिला और पुरुष को एक-दूसरे के पूरक के तौर पर बनाया है। दोनों के बीच उत्पन्न हुए शारीरिक संबंध एक नए जीवन, अगली पीढ़ी को जन्म देते हैं। अब समलैंगिक लोग किस चीज को जन्म देंगे, इसे हम सब बखूबी समझते व जानते भी हैं। वर्तमान दौर में समलैंगिक संबंधो की मांग करने वाले अधिकांश लोग आज युवा हैं। अपने मानसिक आनंद की तृप्ति के लिए यह लोग लड़ रहे है। किन्तु कल जब यह लोग बुजुर्ग होंगे तब ये कहां जाएंगे और कौन इन्हे संभालेगा। यहीं नहीं इनकी इन अप्राकृतिक आदतों का दंश आने वाले समाज के बच्चें झेलेंगे।
उन्होंने कहा कि स्त्री व पुरुष के बीच का नैतिक संबंध है विवाह, जिसे समाज द्वारा जोड़ा जाता है और उसे प्रकृति के नियमों के साथ आगे चलाया जाता है। समाज में शादी का उद्देश्य इस सृष्टि का संचालन करना है। समलैंगिक शादियां या यौन सम्बन्ध ईश्वर द्वारा बनाए गए इस मानव श्रृंखला के नियम को बाधित करती है। उन्होंने संपूर्ण समाज से आह्वान किया कि वे समलैंगिकता के खिलाफ एकजूट होकर खड़े हो।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *