रोहतक PGI के डॉक्टरों ने बिना ऑपरेशन मरीज के पेट से निकालीं लोहे की कीलें, स्क्रू और कांच के टुकड़े

 

रोहतक. प्रदेश के सबसे बड़े मेडिकल संस्थान रोहतक पीजीआई के गैस्ट्रोएंटरोलॉजी विभाग के डॉक्टरों ने एक बड़ा कारनामा कर दिखाया है. डॉक्टरों ने एक 26 वर्षीय युवक के पेट से लोहे की कीलें, स्क्रू, लोहे की पत्ती और कांच के टुकड़े  निकाले हैं, वह भी बिना चीरफाड़ किए हुए. एंडोस्कोपी की मदद से डॉक्टर्स ने महज 20 मिनट में बिना सर्जरी किए मरीज के शरीर से इन लोहे की कीलों और कांच के टुकड़े को  निकालकर उसकी जान बचाने का काम किया है. गैस्ट्रोएंटरोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ प्रवीण मल्होत्रा ने मरीज के शरीर से ये सब चीजें निकाली.

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जानकारी के मुताबिक, 10 दिन पहले किसी अज्ञात कारणों की वजह से  करनाल जिले के रहने वाले 26 वर्षीय युवक ने लोहे की पत्ती, कीलें, पेंच और शीशे के टुकड़े को निगल लिया था. डॉक्टरों ने जब उसका  एक्स-रे किया तो उसमें यह पता चला. मरीज के पेट के अंदर ये सब धंसते जा रहे थे, जिससे दर्द लगातार बना हुआ था. इसके बाद उसे करनाल के अस्पताल से रोहतक पीजीआई रेफर किया गया. मरीज की हालत लगातार बिगड़ती जा रही थी.

एंडोस्कोपी के जरिए पता चला कि पेट में हैं शीशे के टुकड़े

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डॉ प्रवीण मल्होत्रा की टीम ने जब उसकी एंडोस्कोपी की तो पता चला कि शरीर के अंदर शीशे के टुकड़े भी हैं, जिनका इससे पहले एक्स-रे में पता नहीं चल पाया था. इसके बाद एहतियात बरतते हुए बड़ी सावधानी से मरीज की एंडोस्कोपी की गई और उसके शरीर से इन सभी लोहे की चीजों और कांच के टुकड़ों को बाहर निकाला गया. सबसे ज्यादा परेशानी कांच के टुकड़े और लोहे की पत्ती को निकालने में हुई, क्योंकि इसमें जरा सी भी चूक मरीज की जान को जोखिम में डाल सकती थी.

फिलहाल मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है और उसे पीजीआई से डिस्चार्ज किया जा चुका है. मेडिकल एथिक्स के चलते मरीज की पहचान उजागर नहीं की गई.

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