पश्चिम बंगाल में ज्योतिप्रिय मल्लिक से मंत्री पद छिना: CM ममता की सलाह पर राज्यपाल का एक्शन; राशन घोटाले के आरोप में जेल में हैं

 

पश्चिम बंगाल के वन, सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग के मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को शुक्रवार (16 जनवरी) को मंत्री पद से हटा दिया गया। राशन वितरण घोटाले में ED द्वारा गिरफ्तार किए जाने के साढ़े 3 महीने बाद बंगाल के राज्यपाल सीवी आनंद बोस ने मुख्यमंत्री की सलाह पर यह एक्शन लिया।

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राज्यपाल ने संविधान के अनुच्छेद 166(3) के तहत मल्लिक को मंत्री पद से हटाया है। उनकी जगह पर पार्थ भौमिक सार्वजनिक उद्यम और औद्योगिक पुनर्निर्माण विभाग का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है। उनके पास पहले से सिंचाई और जलमार्ग विभाग की जिम्मेदारी है।

वहीं, राज्यमंत्री के रूप में स्वयं सहायता समूह और स्वरोजगार विभाग (स्वतंत्र प्रभार) की जिम्मेदारी संभाल रहीं बीरबाहा हांसदा को वन विभाग (स्वतंत्र प्रभार) का अतिरिक्त दायित्व सौंपा गया है।

27 अक्टूबर को ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया था। मल्लिक ने कहा था कि वे साजिश का शिकार हैं।

27 अक्टूबर को ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया गया था। मल्लिक ने कहा था कि वे साजिश का शिकार हैं।

26 अक्टूबर को गिरफ्तार किए गए थे ज्योतिप्रिय मल्लिक
इनफोर्समेंट डायरेक्टरेट (ED) ने 27 अक्टूबर को पश्चिम बंगाल के वन मंत्री ज्योतिप्रिय मल्लिक को गिरफ्तार किया था। ED की टीम 26 अक्टूबर की सुबह 8 बजे के करीब मल्लिक के घर पहुंची थी। 20 घंटे तक ED ने मल्लिक के घर और अन्य 7 ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया था।

अगली सुबह 4 बजे मल्लिक को राशन घोटाले के आरोप में अरेस्ट कर लिया गया था। गिरफ्तारी के बाद मीडिया से बातचीत में मल्लिक ने कहा था कि वे साजिश का शिकार हैं। गिरफ्तारी के बाद ही से ही मल्लिक जेल में हैं।

 

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राशन घोटाले में ज्योतिप्रिय मल्लिक का नाम कैसे सामने आया
राशन वितरण घोटाला मामले में जांच के दौरान ED ने ज्योतिप्रिय मल्लिक के करीबी और बिजनेसमैन बकीबुर रहमान के ठिकानों पर रेड की थी। रहमान के कैखाली वाले फ्लैट पर 53 घंटे से अधिक समय पर रेड चली थी। ED को रहमान के फ्लैट से सरकारी दफ्तरों की मोहरें लगे 100 से ज्यादा दस्तावेज मिले थे।

रहमान के चावल मिल के अलावा कई होटल, रिसॉर्ट और बार का मालिक होने की बात सामने आई थी। 14 अक्टूबर 2023 को ED ने रहमान को गिरफ्तार किया था। आरोप है कि रहमान ने राशन डिस्ट्रीब्यूटर्स को सप्लाई किए जाने वाले चावल और गेहूं को खुले बाजार में बेचा था।

इसके बाद ED ने ज्योतिप्रिय मल्लिक के ठिकानों पर रेड की थी। ED का कहना है कि मल्लिक ने रहमान की कंपनियों में 50 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश किया गया था।

कोविड-19 लॉकडाउन के दौरान राज्य में सार्वजनिक वितरण प्रणाली में कई अनियमितताएं हुईं और राशन वितरण में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ। उस वक्त मल्लिक खाद्य और नागरिक आपूर्ति विभाग के मंत्री थे। पूरी खबर पढ़ें

​​​​​​​​​​​​​​5 जनवरी को ED टीम पर हुआ था जानलेवा हमला

राशन घोटाला मामले में पश्चिम बंगाल के नॉर्थ 24 परगना जिले के संदेशखाली में छापेमारी करने गई ED और CRPF की टीम पर 5 जनवरी को हमला सैकड़ों की भीड़ ने हमला किया था। टीम ने TMC नेता शंकर अध्य को गिरफ्तार किया था। एक और पार्टी नेता शेख शाहजहां फरार है। उसके खिलाफ लुकआउट नोटिस जारी है।

शेख शाहजहां और उसके साथियों पर यौन उत्पीड़न, हिंसा और जमीन हड़पने के आरोप हैं। ​​​​​​​शाहजहां ​​​​​की गिरफ्तारी की मांग को लेकर संदेशखाली में पिछले एक हफ्ते से विरोध-प्रदर्शन हो रहे हैं। 14 फरवरी को भाजपा के नेता और कार्यकर्ता पीड़ितों से मिलने गए थे। इस दौरान पुलिस से उनकी झड़प हुई। इसके बाद संदेशखाली समेत 7 ग्राम पंचायतों के 500 मीटर के दायरे में 19 फरवरी तक धारा 144 लागू है।​​​​​​

 

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