पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया गया नेताजी सुभाष चंद्र बोस जन्मदिवस सशक्त भारत का सपना नेताजी की कार्यशैली में विद्यमान था: विजयपाल सिंह

एस• के• मित्तल   
सफीदों , नगर के आहलुवालिया भवन में मंगलवार को नेताजी सुभाष चंद्र बोस जन्मदिवस पराक्रम दिवस के तौर पर मनाया गया। कार्यक्रम में बतौर मुख्यातिथि भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य एडवोकेट विजयपाल सिंह ने शिरकत की। इस मौके पर नेताजी सुभाष चंद्र बोस प्रतीमा पर पुष्पांजलि अर्पित करके उनको नमन किया गया। अपने संबोधन में एडवोकेट विजयपाल सिंह ने कहा कि साल 2021 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दिन को पराक्रम दिवस के तौर पर मनाने का ऐलान किया था।
नेताजी के पराक्रम को सम्मान देने के लिए सरकार ने यह फैसला लिया था। विजयपाल सिंह ने कहा कि सशक्त भारत के निर्माण का अभूतपूर्व सपना नेताजी की कार्यशैली में विद्यमान था। उनका मानना था कि आजादी भीख मांगने से नहीं मिल सकती इसके लिए युवाओं को आगे आना होगा। तभी उन्होंने कहा था कि तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आजादी दूंगा। उन्होंने वास्तविक आजादी को प्राप्त करने के लिए आजाद हिंद फौज की स्थापना की। विजयपाल सिंह ने कहा कि देश के वीर सपूत सुभाष चंद्र बोस का जन्म ओडिशा के कटक में 23 जनवरी 1897 में हुआ था।
नेताजी ने 1920 में इंग्लैंड में सिविल सर्विस एग्जाम पास किया था। यह और बात है कि देश की आजादी के लिए उन्होंने पद त्याग कर आंदोलन में कूदने का फैसला लिया।

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