न्याय के लिए न्यायालय पहुंचा निष्कासित प्रोफेसर: रेवाड़ी में छात्र ने दर्ज कराया था झूठा केस; पुलिस दे चुकी क्लीन चीट, पुलिस पर भी आरोप

हरियाणा के रेवाड़ी में प्राइवेट कॉलेज में पढ़ाने वाले एक छात्र द्वारा अपने ही प्रोफेसर पर लगाए गए संगीन आरोप जांच में झूठे पाए गए। करीब डेढ़ साल पहले लगाए गए आरोप पुलिस ने अपनी जांच में झूठे पाए और प्रोफेसर को क्लीन चीट भी दे दी। बावजूद इसके आरोप लगाने वाले स्टूडेंट पर कोई कार्रवाई नहीं हुई।

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वहीं कॉलेज प्रबंधन ने पीड़ित प्रोफेसर को कॉलेज से निलंबित तक कर दिया। इंसाफ के लिए प्रोफेसर दर-दर की ठोकरें खाता रहा। आखिर में अब उसने न्यायालय का दरवाजा खटखटाया है।

अश्लील मैसेज भेजने का दर्ज कराया था केस

मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी शहर के रहने वाले गणित विषय के प्रोफेसर संजय कुमार ने बताया कि 7 फरवरी 2022 को शहर थाना में सागर नाम के कॉलेज के छात्र ने एक शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें स्टूडेंट ने आरोप लगाया कि प्रोफेसर ने मुझे अश्लील मैसेज करें हैं। पुलिस ने इस मामले को संज्ञान में लेते हुए प्रोफेसर संजय कुमार के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू की। कॉलेज से भी प्रोफेसर संजय कुमार की झूठी शिकायत के बाद छुट्टी कर दी गई। पुलिस ने जांच के लिए प्रोफेसर संजय का मोबाइल भी गुरुग्राम लैब में भेजा।

आरोप झूठे पाए गए

करीब 7 महीने बाद जांच कर पुलिस ने प्रोफेसर का मोबाइल वापस दे दिया। सागर ने प्रोफेसर के खिलाफ जो आरोप लगाए थे, वो जांच में झूठे मिले। अश्लील मैसेज भेजने के कॉल डिटेल निकालने के बाद ऐसा कुछ भी नहीं पाया की प्रोफेसर और शिकायतकर्ता सागर के मोबाइल के बीच मोबाइल से मैसेज करें हो। पुलिस ने जांच करने के बाद प्रोफेसर संजय को निर्दोष पाया ओर क्लीन चिट दे दी।

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सिर्फ आश्वासन मिला

प्रोफेसर संजय कुमार लगातार शिकायतकर्ता सागर के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट लिखवाने को लेकर चक्कर काट रहा है। लेकिन पुलिस शिकायत दर्ज करने को तैयार नहीं है। प्रोफेसर कई बार एसपी दीपक सहारण से भी मिल चुके है, लेकिन उन्हें एसपी की तरफ से सिर्फ आश्वासन ही मिले है।

भविष्य खराब, चरित्र दागदार

पीड़ित प्रोफेसर ने कहा कि छात्र की झूठी शिकायत ने उसका भविष्य ही नहीं खराब किया, बल्कि उसके चरित्र को भी दागदार कर दिया। कॉलेज से निलंबित किए जाने के बाद वह बेरोजगार हो गया। पुलिस ने भी उनका साथ न देकर छात्र का सहयोग किया और उसके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की। अब प्रोफेसर ने छात्र के खिलाफ न्यायालय में मानहानि का केस डालकर न्याय की गुहार लगाई है, ताकि दोषी छात्र और उसका साथ देने वाले लोगों पर कार्रवाई हो सके।

 

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