गांव-देहात को बचाने के लिए लोग दें सरपंचों का साथ: रणबीर गिल

सरपंचों के धरने पर पहुंचे सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष

एस• के• मित्तल 
सफीदों, ई-टेंडरिंग व राईट-टू-रिकॉल के खिलाफ धरना दे रहे सरंपचों के धरने पर मंगवार को सरपंच एसोसिएशन के प्रदेशाध्यक्ष रणबीर गिल पहुंचे और सरपंचों का मनोबल बढ़ाया। इस मौके पर धरना दे रहे सरपंचों ने प्रदेशाध्यक्ष का जोरदार अभिनंदन किया। अपने संबोधन में प्रदेशाध्यक्ष रणबीर गिल ने कहा कि प्रदेशभर के सरपंच अपनी मांगों को लेकर पिछले 28 दिन से धरने पर बैठे हैं
लेकिन सरकार ने इनकी कोई सूध नहीं ले रही है। शायद सरकार सरपंचों के धेर्य की परीक्षा ले रही है। सरकार सरपंचों के साथ बातचीत करने की बजाए जनता में भ्रम फैलाने का कार्य कर रही है। सरकार के लोग कहते हैं कि सरपंच काम पर लौट आए है तथा उन्होंने अपने विकास कार्यों के प्रस्ताव सरकार के पास भेजे हैं लेकिन ऐसा नहीं है। प्रदेश का कोई भी सरपंच काम पर नहीं लौटा है और ना ही कोई प्रस्ताव भेजा है। जब तक सरपंचों की सभी मांगों को मांग नहीं लिया जाता तब तक सरपंचों का आंदोलन वापिस होने वाला नहीं है।
उन्होंने कहा कि सरपंचों की यह लड़ाई केवल उनकी नहीं है बल्कि गांव-देहात को बचाने की लड़ाई है। ग्रामीणों को चाहिए कि वे इस लड़ाई में सरपंचों का बढ़-चढ़कर साथ दें। उन्होंने बताया कि अधिकारों की इस लड़ाई को आगे बढ़ाते हुए आगामी 20 फरवरी को प्रदेश के हर जिला पर प्रदर्शन किया जाएगा तथा वहां के उपायुक्त का ज्ञापन दिया जाएगा। अगर सरकार फिर भी नहीं मानी तो एक मार्च को सीएम आवास का घेराव किया जाएगा।
इस अवसर पर सरपंच एसोसिएशन के प्रधान निरवैर सिंह, उपप्रधान पवन कुमार, अजीतपाल सिंह चट्ठा, अनिल शर्मा, श्यामलाल शर्मा, निरंजन कुमार, राजन व सुखवंत सिंह सहित सभी सरपंच मौजूद थे।

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