गांव खेड़ा खेमावती के जोहड़ में गिरा ट्रक दो जोहड़ों के बीच से गुजरता है सफीदों-असंध मार्ग

दोनों जोहड़ों में नहीं है कोई रिटर्निंग वाल
पहले भी कई बार हो चुके हैं कई हादसे

एस• के• मित्तल 
सफीदों,   नजदीकी गांव खेड़ा खेमावती में देर रात एक ट्रक सड़क के साथ लगते जोहढ़ में जा गिरा। गनीमत तो यह रही कि ट्रक चालक को समय रहते बचा लिया गया। बताया जाता है कि यह ट्रक सफीदों से असंध की ओर जा रहा था और रात के अंधेरे व धुंध में उसे यह सड़क के साथ लगते जोहड़ में जा गिरा।
गौरतलब कि इस रोड़ के दोनों ओर बड़े-बड़े जोहड़ हैं लेकिन इनकी कोई बाऊंड्री वॉल नहीं है। मिली जानकारी के अनुसार एक ट्रक नंबर एचआर46-4899 सफीदों से असंध की ओर जा रहा था कि खेड़ा खेमावती गांव में दो जोहड़ों के बीच से गुजर रहे संकरे मार्ग से गुजरने लगा तो रात के अंधरे व धुंध के कारण उसे जोहड़ दिखाई नहीं दिया और ट्रक का टायर सड़क के नीचे थोड़ा उतरा ही था कि पलभर में पूरा ट्रक जोहड़ में गिरकर पलट गया। ट्रक पलटने की जैसे ही कुछ आवाज हुई तो आसपास के लोग व वाहन चालक मौके पर पहुंचे और ट्रक की खिड़की से ड्राईवर को किसी तरह से बाहर निकाला। इस घटना में ट्रक चालक की जान बाल-बाल बची। अगर समय पर ग्रामीण व राहगीर मौके पर ना पहुंचते तो जान का नुकसान हो सकता था।केरल में प्रोफेसर का हाथ काटने का मुख्य आरोपी गिरफ्तार: 13 साल से फरार था, NIA ने गिरफ्तारी पर 10 लाख रुपए का इनाम रखा था

हर रोज होते हैं हादसे लेकिन शासन व प्रशासन को कोई ध्यान नहीं
गांव खेड़ा खेमावती के दोनों ओर विशाल जोहड़ बने हुए है। करीब सात हजार की आबादी वाले इस गांव की अधिकतर निकासी इन्ही दोनों जोहड़ों के भरोसे पर है। इन दोनों जोहड़ों के बीच से पानीपन-असंध हाईवें गुजरता है और हजारों वाहन इस मार्ग से होकर हर रोज रामभरोस निकलते हैं। दिन में तो ये जोहड दिखाई दे जाते हैं लेकिन रात के अंधेरे में तो जोहड़ व सड़क एक समान दिखाई देने लग जाते है, जिसके कारण वाहन चालक हादसों का शिकार होते हैं।

हर दिन कोई ना कोई हादसा यहां पर घटित होता रहता है। ग्रामीणों का कहना है कि शासन व प्रशासन इस समस्या की ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है। इस जोहड में जंगली घास उगी हुई है और ना ही कोई रिटर्निंग वाल है। हर रोज यहां कोई ना कोई हादसा होता रहता है। वाहनों का इसमें गिर जाना आम बात हो गई है। हर रोज वे गौवंश को इसमें से बाहर निकालते हैं। इस जोहड़ में कई बार लोग जान से भी हाथ धो चुके हैं। इसके अलावा इस जोहड़ के सामने राजकीय स्कूल है और स्कूली बच्चों की जान को भी खतरा बना हुआ है। ग्रामीणों का कहना है कि जिस गांव की निकासी सुलभ नहीं है वहां का विकास संभव नहीं है। वे सरकार व प्रशासन से गांव की निकासी व्यवस्था सुदृढ़ करके दोनों जोहड़ों को बंद करवाने की मांग कई बार कर चुके है लेकिन उनकी मांगों को बार-बार अनसुना किया जा रहा है। चुनाव के दौरान तो नेता वोटों के लिए आ जाते हैं लेकिन उसके बाद कोई नेता दिखाई नहीं पड़ता। ग्रामीणों ने मांग की कि इन दोनों जोहड़ों को बंद करवाया जाए और सड़क के दोनों ओर रिटर्निंग वाल बनाई जाए, ताकि हादसों पर लगाम लगाई जा सके।
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क्या कहते हैं सरपंच प्रतिनिधि
गांव खेड़ा खेमावती के सरपंच प्रतिनिधि नरेश सौलंकी ने बताया कि पूरी ग्राम पंचायत इस समस्या को लेकर गंभीर है। ग्राम सभा की ओर से इन दोनों जोहड़ों को बंद करवाने व गांव की निकासी व्यवस्था सुलभ करवाने के लिए कई बार प्रस्ताव सरकार व प्रशासन को भेजे जा चुके हैं लेकिन समस्या का आजतक कोई समाधान नहीं हुआ है।

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