कैथल कड़ाके की ठंड की चपेट में: न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री पर पहुंचा; सीजन की सबसे ठंडी रात में जमा पाला

 

हरियाणा में पिछले कई दिन से पड़ रही ठंड के बीच रविवार को कैथल जिला भी पूरी तरह से कड़ाके की ठंड की चपेट में आ गया। रविवार को सुबह के समय ग्रामीण क्षेत्रों में खूब पाला जमा। अच्छी धूप खिलने के बावजूद शीतलहर का प्रकोप देखने को मिला। आमजन जहां ठंड से कांप रहे हैं, वहीं पाला जमने से किसानों में फसलों में नुकसान की आशंका से उदासी है।

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कैथल के कौल में दर्ज हुए तापमान को देखें तो पूरा क्षेत्र जबरदस्त ठंड की चपेट में आ गया है। न्यूनतम तापमान 1.7 डिग्री दर्ज हुआ है। इससे बीती रात सीजन की सबसे ठंडी रात रही। क्षेत्र में 24 घंटे में न्यूनतम तापमान में 7.9 डिग्री तक की गिरावट दर्ज की गई है। एक दिन पहले तक जहां कैथल का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री के करीब था, वह अब 1.7 डिग्री पर आ गया है।

खेतों में ऐसे जमा दिखा पाला।

खेतों में ऐसे जमा दिखा पाला।

मौसम विभाग के पूर्वानुमान के तहत अभी एक सप्ताह तक 21 जनवरी तक मौसम का मिजाज ऐसे ही रहेगा। इससे गेहूं की फसल को खूब फायदा मिलेगा। जबकि इस मौसम में पाला जमने से सब्जियों की फसल को अधिक नुकसान होने का अंदेशा है।

पाला देख चौंके किसान

किसान रविवार सुबह खेतों में पहुंचे तो पाला जमा मिला। फसल और खेत की मेंढ पर बर्फ सी जमी हुइ्र थी। यहां पर मौसम शिमला की तरह ही रहा है। पिछले कई दिन से रात में न्यूनतम तापमान लगातार कम हो रहा है। कैथल कौल कृषि महाविद्यालय में बने मौसम केंद्र का इस सर्दी में सबसे कम न्यूनतम तापमान 1.9 डिग्री सेल्सियस रहा है।

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प्रगतिशील किसान गुरदयाल मलिकपुर ।

प्रगतिशील किसान गुरदयाल मलिकपुर ।

गेहूं काे ठंड से फायदा

कृषि विज्ञान केंद्र के मुख्य समन्वयक डॉ. रमेश चंद्र ने बताया कि इस मौसम में पाला पड़ने से गेहूं की फसल को खूब फायदा है। जबकि सब्जियों की फसल को अधिक नुकसान है। उन्होंने बताया कि इस मौसम में आलू की फसल, मटर और टमाटर की फसल को नुकसान है। इसमें पौधा अधिक नहीं बढ़ेगा। जिस कारण उस पर लगने वाले फल में कमी आएगी। अगले एक सप्ताह तक धूप निकलने के बावजूद ठंड का प्रकोप लगातार जारी रहेगा।

टमाटर और मटर में नुकसान

प्रगतिशील किसान गुरदयाल मलिकपुर ने बताया कि इस मौसम में गेहूं की फसल को बेशक फायदा है, लेकिन सब्जियों की खेती करने वाले किसानों को नुकसान झेलना पड़ सकता है। यदि आगे भी ऐसे ही सर्दी का प्रकोप जारी रहा तो सब्जियां खराब हो जाएंगी। गुरदयाल ने बताया कि इस समय टमाटर और मटर की खेती को सबसे अधिक नुकसान है। जबकि आलू की जो फसल पक चुकी है। उसे किसान जल्द ही उतारने का प्रयत्न करेगा।

 

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