उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने महिला कालेज से हटवाया पूर्व राज्यपाल का शिलान्यास पत्थर

उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने पत्र लिखकर शिलान्यास पत्थर को बताया असंवैधानिक

तात्कालीन राज्यपाल का शिलान्यास पत्थर हटाया जाना नगर में बना चर्चा का विषय

एस• के• मित्तल   
सफीदों,      उच्चतर शिक्षा निदेशालय के निर्देश पर नगर के सरला देवी महिला कालेज भवन की दीवार पर वर्ष 2010 में तात्कालीन राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा के शिलान्यास पत्थर को कालेज प्रशासन ने हटा दिया गया। तात्कालीन राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा के इस शिलान्यास पत्थ र को एक सीएम विंडो में हुई शिकायत के आधार पर हटाया गया है।
तात्कालीन राज्यपाल के इस पत्थर को कालेज प्रशासन द्वारा हटाया जाना नगर में चर्चा का विषय बना हुआ है। कालेज प्रशासन ने इस कार्रवाई को उच्चतर शिक्षा निदेशालय के निर्देश व जिला उपायुक्त की हिदायत पर अंजाम दिया है। इस शिलान्यास पत्थर को नाजायज करार देते हुए विकास नामक एक व्यक्ति ने सीएम विंडो में शिकायत की थी जिस पर कार्रवाई करते हुए उच्चतर निदेशालय ने जींद के उपायुक्त को जारी पत्र में इस पत्थर को हटवाने का निर्देश दिए थे। कालेज की जमीन पर 27 फरवरी 2010 को राज्य के तत्कालीन राज्यपाल जगन्नाथ पहाडिय़ा ने यह शिलान्यास पत्थर तत्कालीन उपायुक्त मोहम्मद साइन की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में लगवाया था।
इस मौके पर इस कॉलेज की स्थापना में अहम योगदान करने वाले हरियाणा के सेवानिवृत्त मुख्य अभियंता टीसी गर्ग भी उपस्थित थे। इस पर तत्कालीन एसडीएम सत्यवान इंदौरा व पालिका अध्यक्ष राकेश जैन का नाम भी लिखा था। शिकायतकर्ता का कहना था कि इस पत्थर के लिए विधिवत अनुमति नहीं ली गई थी। शिकायत की जांच में कॉलेज प्रशासन का पक्ष यह था कि पत्थर की स्थापना के समय यह कालेज निजी था जिसे वर्ष 2011 में सरकार ने टेकओवर किया था इसलिये उससे पहले स्थापित इस पत्थर की स्थापना से उनका कोई सम्बन्ध नहीं है। इस कॉलेज के अतिरिक्त कार्यभार के प्राचार्य संदीप कंधवाल ने बताया कि उपायुक्त की हिदायत अनुसार इस शिलान्यास पत्थर को सम्मानपूर्वक दीवार से हटाकर कॉलेज के स्टोर में रख दिया गया है।
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उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने शिलान्यास पत्थर को बताया असंवैधानिक
इस सारे में मामले में उच्चतर शिक्षा निदेशालय ने तात्कालीन राज्यपाल के इस पत्थर को असंवैधानिक करार करते हुए कहा कि इस शिलान्यास पत्थर लगाने में विभाग से कोई अनुमति नहीं ली गई है। पत्र में कालेज प्रशासन को साफतौर पर कहा कि कालेज में अवैधानिक रूप से लगाए गए इस शिलान्यास पत्थर को तत्काल हटवाएं और विभाग को सूचित करें।

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