ई-इनवाइस की लिमिट 10 से घटाकर 5 करोड़ करना व्यापारियों से कुठाराघात: राजकुमार गोयल व्यापार मंडल ने वितमंत्री निर्मला सीतारमण से ई-इनवाइस की लिमिट 15 करोड़ करने की मांग

एस• के• मित्तल   
सफीदों,      हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश प्रवक्ता एवं प्रमुख व्यापारी नेता डा. राजकुमार गोयल ने यहां पत्रकारों से बातचीत में कहा कि केंद्र सरकार ने ई-इनवाइस की लिमिट 10 करोड़ से घटाकर 5 करोड करके देश व प्रदेश के व्यापारियों के साथ गहरा कुठाराघात किया है। उन्होंने केन्द्रीय वित मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि जीएसटी में ई-इनवाइस की लिमिट को घटाने की बजाए बढ़ाकर 15 करोड़ रूपए किया जाए। एक तरफ तो देश में महंगाई बढ़ रही है वही दुसरी तरफ सरकार ई-इनवाईस की लिमिट घटा रही है।
आज के माहौल में इस लिमिट को घटाने की बजाए बढ़ाकर 15 करोड़ करने की जरूरत है। गोयल का कहना है कि जीएसटी में ई-इनवाइस ऐसा सिस्टम है जिसमें किसी सौदे की सामान्य रसीद को जीएसटीएन नेटवर्क द्वारा इलेक्ट्रॉनिक तरीके से सत्यापित किया जाता है। जीएसटी नेटवर्क के इनवाईस रजिस्ट्रेशन पोर्टल द्वारा ऐसी हर रसीद के लिए एक विशिष्ट नंबर या पहचान संख्या जारी किया जाता है।
इस प्रकिया को इ-इनवाइस कहा जाता है। पिछले लम्बे समय से ई-इनवाइस की टर्न ओवर की लिमिट 10 करोड रूपये की थी जिसके तहत 10 करोड़ से अधिक टर्न ओवर वाले व्यापारियों के लिए ई-इनवाइस अनिवार्य था लेकिन अब सरकार ने 1 अगस्त से टर्नओवर की लिमिट घटाकर 5 करोड़ रूपए कर दी है। गोयल का कहना है कि सरकार का यह फैसला एक तानाशाही फैसला है और इससे व्यापारियों में काफी रोष है। महंगाई दिनों दिन बढ़ रही है। ऐसे में ज्यादा पैसों में कम सामान आ रहा हैं। ऐसे में सरकार को इ-इनवाइस लिमिट घटाने की बजाए बढ़ानी चाहिए थी लेकिन सरकार ने ऐसा नही किया। लिमिट कम करने से और ज्यादा व्यापारी इस लिमिट के दायरे में आ जाएंगे जिसके चलते व्यापारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पडेगा।
इससे और ज्यादा व्यापारियों को कम्प्यूटर रखने व आपरेटर रखने इत्यादि दिक्कतों का सामना करना पडेगा। जो व्यापारी ज्यादा पढ़े लिखे नहीं है उन्हे अलग से अकाऊटेंट व अन्य स्टाफ रखना पड़ेगा। गोयल ने हरियाणा प्रदेश व्यापार मंडल के प्रदेश अध्यक्ष बजरंग दास गर्ग के माध्यम से वित मंत्री निर्मला सीतारमण से मांग की है कि इस लिमिट को घटाने की बजाए बढ़ाकर 15 करोड़ रूपए किया जाए। अगर सरकार 15 करोड़ नहीं कर सकती तो ई-इनवाइस की लिमिट को पुराना सिस्टम 10 करोड़ पर तो कम से कम रखा जाए।

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