आज के दौर में महिलाओं का स्वावलंबी होना जरूरी: शंकरानंद सरस्वती

गुरू पुर्णिमा पर गांव सरनाखेड़ी में हुआ सिलाई सैंटर का शुभारंभ

एस• के • मित्तल   
सफीदों,       गुरू पुर्णिमा के उपलक्ष्य में उपमंडल के गांव सरनाखेड़ी स्थित भक्ति योग आश्रम में सिलाई सैंटर का शुभारंभ किया गया। इस मौके पर बतौर मुख्यातिथि आयुर्वेदाचार्य डाक्टर शंकरानंद सरस्वती ने शिरकत की। इस मौके पर साध्वी मोक्षिता, रवि भारती, यशपाल सूरी, जयदेव माटा व चेतनदास विशेष रूप से मौजूद थे। डाक्टर शंकरानंद सरस्वती ने सिलाई सैंटर का उद्घाटन करके उसे महिलाओं व लड़कियों को समर्पित कर दिया। अपने संबोधन में डाक्टर शंकरानंद सरस्वती ने कहा कि आज के दौर में महिलाएं हर क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रही हैं।
समाज का कोई भी क्षेत्र ऐसा नहीं है जहां महिलाएं कार्य ना कर रहीं हो। भारत ही नहीं दुनियाभर के महत्वपूर्ण पदों पर महिलाएं आसीन है और अपने दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन कर रही हैं। आज के दौर में महिलाओं को स्वावलंबी बनाना अति आवश्यक है। महिलाएं स्वावलंबी होंगी तभी समाज आगे बढ़ेगा। इसी विचार को ध्यान में रखकर निर्धन कन्याओं के लिए इस सिलाई सैंटर का आश्रम में शुभारंभ किया गया है। समाज के बहुत बड़ा ऐसा वर्ग है जो अभावग्रस्त है तथा साधनों के अभाव में अपनी प्रतीभा को निखार नहीं सकते।
इसी वर्ग को ध्यान में रखकर यह सिलाई सैंटर शुरू किया गया है। इस सैंटर में नि:शुल्क कन्याओं को सिलाई-कढ़ाई सिखाई जाएगी। लड़कियों को प्रशिक्षण देने के लिए एक ट्रेनर की भी व्यवस्था भी की गई है। उन्हे उम्मीद है कि इस सैंटर में लड़कियां कुछ सिखकर जीवन में आगे बढ़ेंगी।

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